कोलकाता: लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. बीरभूम से भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द हो गया है. पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' पेश करने में विफल रहे. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने उनका पर्चा खारिज कर दिया. देबाशीष धर ने पिछले महीने आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्हें बीरभूम से उम्मीदवार बनाया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने अब देबतनु भट्टाचार्य को बीरभूम से उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने पर्चा भी भर दिया है. बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र में चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होनी है. टीएमसी ने बीरभूम से मौजूदा सांसद शताब्दी रॉय को फिर से उम्मीदवार बनाया है.
टीएमसी का गढ़: बीरभूम को टीएमसी का गढ़ माना जाता है. हालांकि, इस बार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल के जेल में होने के कारण बीरभूम में टीएमसी के कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, देबाशीष के नामांकन रद्द होने से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है.
बीरभूम लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र- रामपुरहाट, हासन, सिउड़ी, सैंथिया, दुबराजपुर, नलहाटी और मुरारई विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें छह पर टीएमसी और एक पर बीजेपी का कब्जा है.
2019 में टीएमसी ने हासिल की जीत: बता दें कि 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार ने देबाशीष धर को निलंबित कर दिया था. देबाशीष धर जब कूच बिहार के एसपी थे, तब सीतलकुची में मतदान के दौरान हिंसा हो गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. वहीं,पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से टीएमसी की शताब्दी रॉय ने बीजेपी के दूधकुमार मंडल को हराकर जीत की हैट्रिक लगाई थी.
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