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बीजापुर में नक्सलियों की साजिश फेल, नए कैम्प के पास 8 आईईडी बरामद - बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान

Security Forces Recover Eight IED बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षबलों ने बीजापुर में स्थापित नए कैम्प के पास से नक्सलियों द्वारा लगाए गए 08 आईईडी बरामद किए हैं. बीजापुर बीडीएस टीम ने सभी आईईडी को निष्क्रिय कर दिया है. सुरक्षाबलों ने गुंडेम में माओवादी स्मारक को भी ध्वस्त किया है.

Security forces recover eight IED in Bijapur
बीजापुर में आईईडी बरामद
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 15, 2024, 7:53 PM IST

बीजापुर: जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए 08 आईईडी बरामद किए हैं. यह सभी आईईडी जिले के तर्रेम पुलिस स्टेशन के पास बनाए गए नए कैम्प के पास से बरामद किए गए हैं.

नए कैम्प के पास से 8 आईईडी बरामद: एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा बलों का शिविर 13 फरवरी को तर्रेम पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत गुंडेम गांव में स्थापित किया गया था. जिसके अगले ही दिन 14 फरवरी को सुरक्षाबलों ने आईईडी का पता लगाने के लिए कैम्प के पास जंगल में डी-माइनिंग अभ्यास कर रहे थे. इसी दौरान 08 आईईडी बरामद किए गए हैं. यह आईईडी इलाके में गश्त पर निकले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए लगाया गया था. सभी आईईडी को स्टील के बक्सों में पैक कर जमीन के नीचे रखा गया था. बीजापुर पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने इन आईईडी को निष्क्रिय कर दिया है."

माओवादी स्मारक को भी किया ध्वस्त: उन्होंने बताया, "मंगलवार को जब शिविर स्थापित किया जा रहा था, तब कुछ नक्सलियों ने इलाके की घेराबंदी में लगे सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चला दीं, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई. थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद नक्सली एक जंगल और पहाड़ी की आड़ लेकर भाग निकले. इस बीच सुरक्षा बलों ने गुंडेम में एक 15 फिट के माओवादी स्मारक को भी ध्वस्त कर दिया."

नए कैम्प बनाए जाने से नक्सली हताश: इस नए शिविर स्थापित करने का उद्देश्य क्षेत्र में माओवादी विरोधी अभियान को गति देना है. साथ ही माओवादियों के गढ़ में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाने और क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है. माओवादी अपने मुख्य क्षेत्र में नए कैम्प बनाए जाने से हताश हैं. इसलिए रह रहकर आये दिन सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए नक्सली आईईडी का उपयोग करने लगे हैं, लेकिन इसमें भी सफल नहीं हो रहे हैं.

इसी साल 30 जनवरी को बीजापुर में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला किया था. बीजापुर की सीमा से लगे सुकमा जिले के टेकलगुडेम गांव में एक नया कैम्प स्थापित किया जा रहा है. इसकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की एक टीम पर नक्सलियों ने हमला किया था. हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान शहीद हो गए थे, जिसमें कोबरा बटालियन के दो कमांडो भी शामिल थे. हमले में 17 अन्य जवान घायल घायल हो गए थे.

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नए कैम्प के पास से 8 आईईडी बरामद: एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा बलों का शिविर 13 फरवरी को तर्रेम पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत गुंडेम गांव में स्थापित किया गया था. जिसके अगले ही दिन 14 फरवरी को सुरक्षाबलों ने आईईडी का पता लगाने के लिए कैम्प के पास जंगल में डी-माइनिंग अभ्यास कर रहे थे. इसी दौरान 08 आईईडी बरामद किए गए हैं. यह आईईडी इलाके में गश्त पर निकले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए लगाया गया था. सभी आईईडी को स्टील के बक्सों में पैक कर जमीन के नीचे रखा गया था. बीजापुर पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने इन आईईडी को निष्क्रिय कर दिया है."

माओवादी स्मारक को भी किया ध्वस्त: उन्होंने बताया, "मंगलवार को जब शिविर स्थापित किया जा रहा था, तब कुछ नक्सलियों ने इलाके की घेराबंदी में लगे सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चला दीं, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई. थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद नक्सली एक जंगल और पहाड़ी की आड़ लेकर भाग निकले. इस बीच सुरक्षा बलों ने गुंडेम में एक 15 फिट के माओवादी स्मारक को भी ध्वस्त कर दिया."

नए कैम्प बनाए जाने से नक्सली हताश: इस नए शिविर स्थापित करने का उद्देश्य क्षेत्र में माओवादी विरोधी अभियान को गति देना है. साथ ही माओवादियों के गढ़ में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाने और क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है. माओवादी अपने मुख्य क्षेत्र में नए कैम्प बनाए जाने से हताश हैं. इसलिए रह रहकर आये दिन सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए नक्सली आईईडी का उपयोग करने लगे हैं, लेकिन इसमें भी सफल नहीं हो रहे हैं.

इसी साल 30 जनवरी को बीजापुर में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला किया था. बीजापुर की सीमा से लगे सुकमा जिले के टेकलगुडेम गांव में एक नया कैम्प स्थापित किया जा रहा है. इसकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की एक टीम पर नक्सलियों ने हमला किया था. हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान शहीद हो गए थे, जिसमें कोबरा बटालियन के दो कमांडो भी शामिल थे. हमले में 17 अन्य जवान घायल घायल हो गए थे.

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