बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुई मुठभेड़ पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा है. स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एनकाउंटर फर्जी था और मारे गए लोग गांव के सीधे साधे लोग थे. गांव वालों के आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी सुरक्षा बलों पर दबाव बनाने का आरोप साय सरकार पर लगाया है.
कब हुई थी मुठभेड़: गंगालूर थाना इलाके के पीडिया के जंगलों में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 12 घंटे मुठभेड़ चली. इस मुठभेड़ में जवानों ने 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया. मुठभेड़ में 900 से ज्यादा जवान शामिल रहे. मुठभेड़ के बाद जवानों ने 12 नक्सलियों के शव बरामद किए और उनमें से कई को इनामी नक्सली बताया.
कथित नक्सली के परिजनों ने क्या कहा?: मारे गए कथित नक्सलियों के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि "तेंदूपत्ता हमारी आजीविका का साधन है. पीडिया के पास इटावर गांव के कुछ लोग जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे. इसी दौरान उन्हें गोली मार दी गई. "
पति तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गया था तब पुलिस ने उसे उठा लिया. पता नहीं कि वो जिंदा है या नहीं."- अवलम बुदरी, ग्रामीण महिला
"पुलिस ने तेंदूपत्ता तोड़ रहे ग्रामीणों का पीछा किया और उन्हें गोली मार दी". चचेरे भाई मोटू अवलम भी तेंदूपत्ता तोड़ने के दौरान पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया है. -राकेश अवलम, ग्रामीण
गांव वालों के साथ ही समाज सेविका सोनी सोरी ने भी मुठभेड़ को फर्जी बताया सोरी ने कहा कि "पुलिस ने तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल गए इटावर गांव के लोगों पर गोलीबारी की."
गांव का दौरा करुंगी और घटना के बारे में और जानकारी जुटाउंगी- सोनी सोरी, सामाजिक कार्यकर्ता
पुलिस ने ग्रामीणों के आरोपों का किया खंडन: पुलिस उप महानिरीक्षक (दंतेवाड़ा क्षेत्र-दक्षिण बस्तर) कमलोचन कश्यप ने ग्रामीणों के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि "मुठभेड़ में मारे गए लोग नक्सली थे और उन पर नकद इनाम रखा गया था."
आदिवासियों को प्रताड़ित करना बंद करें सरकार: बीजापुर के पीडिया जंगल में हुई मुठभेड़ को फर्जी बताने के मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी साय सरकार को घेरा. उन्होंने एक्स पर कहा- नक्सली समस्या का हल जरूरी है और सुरक्षा बलों का हौसले बढ़ाना भी. लेकिन सुरक्षा बलों पर अनपेक्षित राजनीतिक दबाव ऐसा नहीं होना चाहिए कि उनकी कार्रवाइयों पर सवाल खड़े हों. सुरक्षा बलों को भी ध्यान में रहना चाहिए कि उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति है. प्रदेश की भाजपा सरकार को भी आगाह करना जरूरी है कि वह नक्सलवाद को खत्म करने की आड़ में आदिवासियों को प्रताड़ित करने के अपने अतीत को न दोहराए."
गांव के लोग और सामाजिक कार्यकर्ता भले ही पीडिया मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हो लेकिन नक्सलियों की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
SOURCE- PTI