सारण/सिवान : बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब ने कहर बरपाया है. राज्य के सिवान और सारण जिले में 21 लोगों की मौत की खबर है. हालांकि प्रशासन ने 6 लोगों के मौत की पुष्टि की है. तुरंत एक्शन लेते हुए भगवानपुर थाना अध्यक्ष और दो चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. अभी तक सिवान सदर अस्पताल में 42 शराब पीने वाले व्यक्ति एव महिलाओं का इलाज हो चुका है. जिसमें ज्यादातर लोगों को पटना रेफर किया जा चुका है.
सिवान में 18 लोगों की मौत : सबसे ज्यादा मौत सिवान जिले में हुई है. यहां पर 18 लोगों की जान चली गई है. मृतकों में कौड़िया वैश्य टोला के अरविंद सिंह(40), रामेंद्र सिंह (30), माघर पोखरा के संतोष महतो (35), मुन्ना (32), बृज मोहन सिंह, भगवानपुर हाट थाना के माघर निवासी गंगा साह के पुत्र मोहन साह के नाम शामिल हैं. इसके अलावा तीन को सीधे पोस्टमॉर्टम रूम ले जाया गया. अबतक 9 शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है.
प्रशासन ने की 4 की पुष्टि : सिवान जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि हमलोगों को संदिग्ध मौत की सूचना मिली थी. जिसके बाद मैं और जिला अधीक्षक सदर अस्पताल पहुंचे. तीन को मृत अवस्था में यहां लाया गया था. एक को रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. अब तक 4 की मौत हुई है. सिवान सदर अस्पताल में 8 लोगों का इलाज किया जा रहा है. वहीं पीएमसीएच में 3 इलाजरत हैं. इसमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है.
''पोस्टमार्टम के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर मौत का कारण क्या है. दो चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. स्थानीय थाना प्रभारी, महाराजगंज मद्य निषेध थाना के एसआई और एएसआई के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. पटना मद्य निषेद विभाग की ओर से भी एक टीम भेजी जा रही है. पंचायत में ही एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तुंरत लाया जाएगा. कुछ संदिग्धों के नाम प्राप्त हुए हैं. इसपर एसआईटी गठन कर कार्रवाई की जा रही है.''- मुकुल कुमार गुप्ता, सिवान जिलाधिकारी
आज दि0 16.10.24 को भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के मगहर कौरिया पंचायत में संदेहास्पद परिस्थिति में मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना के पश्चात जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनु0 पुलिस पदाधिकारी द्वारा भगवानपुर हाट पहुंचकर मामले की गहनता से जांच की गई।(1/2)
— SIWAN POLICE (@sp_siwan) October 16, 2024
'50 रुपये में पॉलीथीन खरीदकर पी थी' : जहरीली शराब पीने के कारण सिवान सदर अस्पताल में इलाजरत शैलेश साह ने बताया कि वह मछली बेचने गया था. वहीं पर शराब खरीदकर पिया था. जिसके बाद अचानक उसकी आंख के पास अंधेरा छाने लगा और पेट में दर्द होने लगी. जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया है. वहीं दिनेश गोंड ने बताया कि माघर गांव से 50 रुपये में शराब खरीद कर पिया था. उसके बाद उसको पेट में दर्द एव आंख से नहीं दिखने की शिकायत होने लगी.
सारण में तीन की मौत : वहीं दूसरी तरफ सारण के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में भी जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है. तीन लोगों की मौत की खबर सामने आयी है. हालांकि प्रशासन की तरफ से 2 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. छपरा सदर अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने जानकारी दी है कि अभी तक सात बीमार व्यक्तियों को पटना रेफर किया गया.
आंखों की रोशनी चली गई : मृतकों की शिनाख्त इस्लामुद्दीन और शमशाद अंसारी के रूप में हुई है. मुमताज अंसारी का छपरा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. धर्मेंन्द्र शाह और राजेन्द्र शाह के आंखों की रोशनी चली गई है. कहा जा रहा है कि यहां भी सिवान के भगवानपुर से शराब आयी थी.
सूचना मिले ही अधिकारियों के फूले हाथ-पांव : घटना की सूचना मिलने के बाद सारण प्रक्षेत्र के डीआईजी निलेश कुमार, जिलाधिकारी अमन समीर, पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष, डीएसपी सदर प्रथम राजकिशोर सिंह, एएसपी डॉ. राकेश कुमार के साथ जिले के तमाम आला अधिकारी छपरा सदर अस्पताल पहुंचे. डीआईजी निलेश कुमार इसके बाद इब्राहिमपुर गांव पहुंचे और लोगों से बात की.
''दो की मौत हुई है. ये लोग भगवानपुर से शराब लाए थे. इसका पता चला है. हम पूरे मामले की तह तक जांच कर रहे हैं. जो भी आरोपी होंगे उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है.''- अमन समीर, जिलाधिकारी, सारण
मशरक थानान्तर्गत नशीले पदार्थ के सेवन से 02 व्यक्तियों कि हुई मृत्यु एवं 02 ईलाजरत रहने वाले मामले में प्रथम दृष्टया आसुचना संकलन एवं क्षेत्र में निगरानी रखने में विफलता पाने पर पुलिस अधीक्षक, सारण द्वारा स्थानीय चौकीदार एवं पंचायत बीट पुलिस पदाधिकारी को (1/2)
— SARAN POLICE (@SaranPolice) October 16, 2024
'मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है' : स्थानीय लोगों का कहना है कि सिवान और सारण जिले में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. क्योंकि काफी लोगों ने शराब की सेवन किया था. ऐसे में प्रशासन भी पूरे मामले में सजग है. शराब के अड्डों को ढूंढा जा रहा है.
2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी : सवाल उठता है कि आखिर बिहार में जहरीली शराब से मौत होना क्यों नहीं बंद हो रहा है. कहने के लिए तो साल 2016 से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी है, पर सच्चाई यह है कि आज भी धड़ल्ले से शराब की तस्करी हो रही है. पैसा बनाने के चक्कर में तस्कर जहरीली शराब बेचने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.
कठघड़े में शराबबंदी : वैसे तो विपक्ष हमेशा ही शराबबंदी को कठघड़े में खड़ा करता रहा है. सरकार के सहयोगी हम प्रमुख जीतन राम मांझी भी सवाल खड़े करते रहे हैं. प्रशांत किशोर तो कह रहे हैं कि सरकार बनी तो तुरंत शराबबंदी खत्म करेंगे. ऐसे में इस मामले पर फिर से राजनीति होनी तय है.
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