बेमेतरा: बेमेतरा बारुद फैक्ट्री धमाके में लगातार दूसरे दिन चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म कर दिया गया है. बेमेतरा के कलेक्टर रणबीर शर्मा दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरा होने की बात कही. आठ मजदूरों के लापता होने की पुष्टि उन्होंने की है. शनिवार को इस हादसे में एक मजदूर की मौत हुई. जबकि कुल 6 मजदूर घायल हुए हैं. आठ लापता मजदूरों के बारे में प्रशासन फिर आगे कोई घोषणा कर सकता है. अभी मलबे से जो मजदूरों के शरीर के अंग मिले हैं. उसका डीएनए टेस्ट होगा उसके बाद मृतकों की सही घोषणा होगी और उनके शिनाख्ती हो पाएगी.
फैक्ट्री प्रबंधन ने मुआवजे की घोषणा की: इस हादसे पर फैक्ट्री प्रबंधन ने मुआवजे की घोषणा की है. कुल दस लाख रुपये का मुआवजा मृतकों और लापता मजदूरों के परिजनों को दिया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से अन्य पांच लाख का मुआवजा इसमें मृतक मजदूरों और लापता मजदूरों के परिजनों को दिया जाएगा. इस हादसे ने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया है.
"आज रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया. आठ कर्मी लापता है. जिला प्रशासन की टीम उनको ढूढने की कार्रवाई की जा रही है. तात्कालिक राहत के लिए फैक्ट्री प्रबंधन की तरफ से पांच लाख रुपये की राशि अभी हम आठ लापता मजदूरों के परिजनों को दे रहे हैं. एक सप्ताह के भीतर हम लापता मजदूरों को ढूंढ निकालेंगे या फिर हम उनकी शिनाख्त करेंगे. साइट पर लापता मजदूरों के काम करने की आशंका जताई जा रही है. पांच लाख रुपये की अतिरिक्त राशि है वह भी लापता और मतृक मजदूरों के परिजनों की दी जाएगी. जिन मजदूरों के अवशेष मिले हैं हम उनकी डीएनए जांच करा रहे हैं. इस केस में आज ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी हो जाएगा. इसमें सभी बिंदुओं पर जांच होगा" -रणबीर शर्मा, कलेक्टर, बेमेतरा
लापता मजदूरों के परिवारवालों में गुस्सा : बोरसी के लोगों में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ जोरदार गुस्सा है. स्थानीय लोग लगातार फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि हादसे के दोषी फैक्ट्री मालिक संजय चौधरी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. बेमेतरा के बारूद फैक्ट्री में जिस जगह पर धमाका हुआ था वहां पर चालीस फीट गहरा गड्ढा बन गया है.
पीड़ितों ने फैक्ट्री के गेट के पास टेंट लगाकार धरना किया शुरू : जिन घरों के मजदूर हादसे के बाद से लापता हैं उनके परिवार वाले लगातार रोते बिलखते नजर आ रहे हैं. लापता मजदूरों के परिवार वाले अपनों के मिलने की आस में मलबे के पास टेंट लगाकर बैठे हैं. जब भी कोई बॉडी मिलने की खबर होती है लोग मौके पर दौड़ पड़ते हैं. नाराज लोगों का गुस्सा भी अब बढ़ने लगा है. मलबा हटाने में जैसे जैसे देर हो रहा है लोगों का सब्र भी टूटता जा रहा है. स्थानीय लोगों और फैक्ट्री में काम करने वाले दूसरे मजदूरों का कहना है कि अभी भी छह से सात मजदूर साथी लापता हैं.
NDRF की टीम ने संभाला मोर्चा: बारुद फैक्ट्री हादसे के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने राहत बचाव का काम किया. यहां मलबा हटाने का काम किया गया. रविवार देर शाम राहत बचाव कार्य को समाप्त कर दिया गया.
बोरसी बारूद फैक्ट्री के बारे में जानिए : शासन के मुताबिक बोरसी के बारूद फैक्ट्री का संचालन संजय चौधरी नाम का शख्स करता है. घटना के बाद से ही संजय चौधरी लापता है. लापता मजदूर के परिवार वाले लगातार संजय चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 30 सालों से ज्यादा वक्त से फैक्ट्री का संचालन बोरसी में किया जा रहा है. 200 एकड़ से ज्यादा के क्षेत्र में ये बारूद फैक्ट्री फैली है. छत्तीसगढ़ में बारूद बनाने का ये सबसे बड़ा कारखाना माना जाता है.
न्यायिक जांच के दिए गए हैं आदेश: राज्य शासन ने बोरसी बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं. डिप्टी सीएम अरुण साव ने खुद साफ कहा है कि मामले में किसी भी तरह की लेटलतीफी नहीं होगी. न्यायिक जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई सरकार करेगी. अभी तक जो भी चीजें सामने आई हैं उसमें हादसे की वजह सामने नहीं आ पाई है.