बस्तर/दंतेवाड़ा/ नारायणपुर: साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन हुआ. सुरक्षाकर्मियों ने नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर माड़ इलाके में दो दिवसीय अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया. इस नक्सल ऑपरेशन में एक हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी शामिल रहे. दो जिलों की फोर्स इसमें शामिल रही. यह एनकाउंटर 16 अप्रैल को कांकेर में 29 नक्सलियों के सफाए के पांच महीने बाद हुआ है. अबूझमाड़ नक्सल एनकाउंटर में 1 करोड़ 30 लाख के इनामी नक्सली मारे गए हैं. अबूझमाड़ नक्सलियों का सबसे सेफ ठिकाना माना जाता है. हाल के दिनों में सुरक्षाबलों ने अपने ऑपरेशन से नक्सलियों के इस गढ़ में बड़ी सेंध लगाई है.
छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन: दंतेवाड़ा नारायणपुर की सीमा पर स्थिति अबूझमाड़ के जंगलों में फोर्स ने अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन किया है. इस नक्सल ऑपरेशन की शुरुआत 3 अक्टूबर को की गई. चार अक्टूबर की दोपहर को अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी हुई. करीब एक हजार से ज्यादा फोर्स के जवान इस ऑपरेशन में शामिल रहे. जवानों ने कुल 31 नक्सलियों का काम तमाम कर दिया. सभी 31 नक्सलियों के शवों को लाया गया है. इस नक्सल ऑपरेशन में कुल 18 पुरुष नक्सली और 13 महिला नक्सलियों का खात्मा हुआ है. कुल 1 करोड़ 30 लाख के इनामी माओवादियों को फोर्स ने ढेर किया है.
इस मुठभेड़ में टॉप नक्सली टॉप नक्सली नीति, मीना और सुरेश मारे गए हैं. नक्सली कमलेश पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था. जबकि नीति पूर्व बस्तर डिवीजन की सचिव थी. वह बारसूर एरिया कमेटी की इंचार्ज के पद पर कार्यरत थी. इसके अलावा नक्सलियों के कंपनी नंबर 6 के 9 इनामी नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया है. सभी 9 नक्सलियों पर पांच पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था. अभी नक्सलियों के शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है. शवों की पहचान होने के बाद और अधिक जानकारी दी जाएगी: सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
मारे गए नक्सलियों की जानकारी: 31 वर्दीधारी नक्सली ढेर हुए हैं. इनमें 18 पुरुष और 13 महिला नक्सली शामिल हैं. मारे गए 31 नक्सलियों में से 16 नक्सलियों की पहचान हुई है.
- नीति, DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी)
- सुरेश सलाम, डीवीसीएम, (डिवीजन कमेटी मेंबर )
- मीना माडकम, डीवीसीएम
- अर्जुन, पीएलजीए कंपनी 6 (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी)
- सुंदर, पीएलजीए कंपनी 6
- बुधराम, पीएलजीए कंपनी 6
- सुक्कू, पीएलजीए कंपनी 6
- सोहन, बारसूर
- फूलो, पीएलजीए कंपनी 6
- बसंती, पीएलजीए कंपनी 6
- सोमे, पीएलजीए कंपनी 6
- जमीला उर्फ बुधरी, पीएलजीए कंपनी 6
- नक्सली रामदेर
- नक्सली सुकलू उर्फ विजय
- नक्सली जमली
- नक्सली सोनू कोर्राम
इन 16 नक्सलियों पर 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा का इनाम घोषित. अन्य 15 नक्सलियों की शिनाख्त करने की कार्रवाई चल रही है.
भारी मात्रा में हथियार बरामद: बस्तर आईजी ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक एलएमजी, चार AK-47, 6 एसएलआर और काफी बड़ी संख्या में थ्री नॉट थ्री रायफल बरामद हुआ है. इस एनकाउंटर में नक्सलियों के ईस्ट बस्तर डिवीजन को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. इससे पहले भी बस्तर के कई नक्सली कमेटियों के नक्सली मारे गए. हम टैक्टिक्ल पॉलिसी को नहीं बता सकते हैं. मानसून के दौरान कुल 71 नक्सली मारे गए हैं. 2024 में अब तक कुल 188 नक्सली मारे गए हैं. आने वाले डेढ़ दो साल नक्सल मोर्चे पर काफी निर्णायक साबित होंगे. बस्तर में नक्सल गतिविधि को हम समाप्त करने में कामयाब होंगे.
कौन कौन से हथियार हुए बरामद ?
- एक LMG
- चार AK 47
- छह SLR
- तीन INSAS
- दो थ्री नॉट थ्री रायफल
- कई और हथियार बरामद हुए
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी को पहुंचा आघात: पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बस्तर रेंज सुंदरराज ने कहा कि डीकेएसजेडसी (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) के सदस्यों कमलेश और नीति और नंदू और सुरेश सलाम जैसे अन्य वरिष्ठ कैडरों की उपस्थिति के बारे में इनपुट था, जिसके लिए ऑपरेशन चलाया गया. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों द्वारा दागे गए अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) के एक शेल में विस्फोट से डीआरजी का एक जवान घायल हो गया.
माड़ में नक्सल ऑपरेशन रहा कामयाब: DIG कमलोचन कश्यप ने कहा, "यह क्षेत्र सभी नक्सलियों के लिए एक सुरक्षित स्थान माना जाता है. चार दिन पहले वरिष्ठ नक्सलियों के बारे में सूचना मिलने पर इस ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी. कंपनी 6 मुख्य रूप से इस क्षेत्र में सक्रिय है और उनकी संख्या 100-150 है.''
कैसे चला घातक ऑपरेशन ?: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया, "हमें 40-50 नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जो एक बैठक के लिए एक साथ आए थे. हमने डीआरजी दंतेवाड़ा, डीआरजी नारायणपुर और एसटीएफ टीमों के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया. जब 4 अक्टूबर को हमारी टीमों ने नक्सलियों को घेर लिया, तो भारी गोलीबारी हुई. यह हमारी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. बारिश के कारण ऑपरेशन मुश्किल था.''
सीएम ने जवानों के साहस को किया सलाम: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सफल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि ''डबल इंजन सरकार नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.'' मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद 'खत्म होगा और शांति स्थापित होगी'.
हमारे फोर्स के जवानों को बड़ी सफलता मिली है. इस बार हमारे जवानों ने 29 नक्सली मार गिराने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसलिए हम अपने जवानों को बधाई देते हैं. उनके साहस को सलाम करते हैं और निश्चित रूप से एक दिन नक्सलवाद खत्म हो जाएगा.: विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
हम जवानों के शौर्य को सलाम करते हैं. अबूझमाड़ नक्सल एनकाउंटर छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन रहा. कांकेर के बाद दूसरी बार आर्म फोर्स के जवानों ने अपनी भुजाओं के ताकत पर ऑपरेशन को अंजाम दिया.: विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री, छत्तीसगढ़
कांग्रेस नेताओं ने भी जवानों को बधाई दी: इस नक्सल ऑपरेशन पर कांग्रेस नेताओं ने भी जवानों को बधाई दी है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे जवानों ने बेहद सफल नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया है, इसके लिए मैं उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने कहा कि, ''यह एक बड़ी सफलता है. हम कुछ दिनों से सुन रहे हैं कि 31 दिसंबर 2026 तक छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. यह एक अच्छा और बड़ा लक्ष्य है, जितनी जल्दी हम हिंसक विचारधाराओं को मुख्यधारा में लाएंगे और आम लोगों की प्रगति, बेहतरी और विकास के लिए काम करें, उतना ही बेहतर होगा.''
अब तक बस्तर में 188 नक्सली ढेर: पुलिस ने कहा कि इस मुठभेड़ के बाद इस साल अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 188 माओवादियों को मार गिराया है. यह सुरक्षाबलों के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है.
बस्तर में 60 हजार से ज्यादा जवान: बस्तर में अलग-अलग फोर्स के करीब 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं. इनमें कांकेर में SSB, BSF, ITBP, नारायणपुर में ITBP, BSF, STF, कोंडागांव में ITBP, CRPF के जवान तैनात हैं. वहीं दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में STF, कोबरा और CRPF के जवान तैनात हैं. इसके अलावा सभी जिलों में DRG, जिला बल, बस्तर फाइटर्स, बस्तरिया बटालियन भी सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं.
नक्सलियों के खिलाफ अबूझमाड़ में सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन को चलाकर बस्तर में फोर्स ने लाल आतंक पर गहरा प्रहार किया है. कांकेर के बाद अब अबूझमाड़ में नक्सलियों पर हुए एक्शन से माओवादियों को गहरा आघात लगा है.