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तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में कोर्ट का बड़ा एक्शन, आरोपपत्र लौटाया - Telangana Phone Tapping Case - TELANGANA PHONE TAPPING CASE

Telangana Phone Tapping Case: तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में नामपल्ली कोर्ट ने SIT द्वारा दायर प्रारंभिक चार्जशीट पर आपत्ति जताते हुए दो दिन पहले उसे वापस कर दिया. कोर्ट के इस एक्शन के बाद एक बार फिर से SIT ने नई चार्जशीट दाखिल की है. पढ़ें पूरी खबर...

Telangana Phone Tapping Case
तेलंगाना फोन टैपिंग मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 21, 2024, 1:18 PM IST

हैदराबाद: फोन टैपिंग मामले में को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. नामपल्ली कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दायर प्रारंभिक चार्जशीट पर आपत्ति जताते हुए दो दिन पहले उसे वापस कर दिया. जिसके बाद एसआईटी ने एक बार फिर से कुछ बदलावों के साथ नई चार्जशीट दाखिल की है.

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में 10 मार्च को एफआईआर दर्ज की थी और जून के दूसरे सप्ताह में चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले से छह को आरोपी बनाया गया था. इनमें पूर्व एसआईबी ओएसडी प्रभाकर राव को ए1, प्रणीतराव को ए2, थिरुपटन्ना को ए3, भुजंगा राव को ए4, राधाकिशन राव को ए5 और श्रवण राव को ए6 का नाम शामिल था.

तेलंगाना पुलिस की विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व डीएसपी प्रणीत राव ने कबूल किया था कि करीब 1200 लोगों के फोन टैप किए गए. फोन टैपिंग मामले के बारे में उनकी गवाही में मुख्य बातें सामने आईं थी.

वहीं, इस संबंध में एसआईटी ने 69 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में कहा गया कि इस मामले में 68 गवाहों से पूछताछ करने के बाद सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए. हालांकि, कोर्ट ने चार्जशीट में दिए गए ब्यौरे को खारिज कर उसे वापस कर दिया.

इस बीच आरोपी प्रणीत राव ने जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. आम तौर पर किसी भी मामले में अगर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है, तो आरोपी के पास अनिवार्य जमानत के लिए आवेदन करने का विकल्प होता है. इस मुद्दे पर प्रणीत राव ने जमानत याचिका दायर की. जिसके बाद एसआईटी ने तुरंत सही चार्जशीट वापस अदालत में पेश की. साथ ही, बुधवार को SIT ने प्रणीत राव की जमानत याचिका पर आपत्ति जताई. अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

बता दें, चार्जशीट को शायद ही कभी पलटा जाता है. चूंकि फोन टैपिंग एक सनसनीखेज मामला है, इसलिए कोर्ट द्वारा चार्जशीट को वापस करना चर्चा का विषय बन गया है. अब यह देखना दिलचस्प है कि दोबारा पेश की गई चार्जशीट में क्या बदलाव किए गए हैं. प्रारंभिक चार्जशीट में इंटेलिजेंस के पूर्व ओएसडी प्रभाकर राव और एक अन्य आरोपी श्रवण राव फरार हैं.

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हैदराबाद: फोन टैपिंग मामले में को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. नामपल्ली कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दायर प्रारंभिक चार्जशीट पर आपत्ति जताते हुए दो दिन पहले उसे वापस कर दिया. जिसके बाद एसआईटी ने एक बार फिर से कुछ बदलावों के साथ नई चार्जशीट दाखिल की है.

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में 10 मार्च को एफआईआर दर्ज की थी और जून के दूसरे सप्ताह में चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले से छह को आरोपी बनाया गया था. इनमें पूर्व एसआईबी ओएसडी प्रभाकर राव को ए1, प्रणीतराव को ए2, थिरुपटन्ना को ए3, भुजंगा राव को ए4, राधाकिशन राव को ए5 और श्रवण राव को ए6 का नाम शामिल था.

तेलंगाना पुलिस की विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) के पूर्व डीएसपी प्रणीत राव ने कबूल किया था कि करीब 1200 लोगों के फोन टैप किए गए. फोन टैपिंग मामले के बारे में उनकी गवाही में मुख्य बातें सामने आईं थी.

वहीं, इस संबंध में एसआईटी ने 69 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में कहा गया कि इस मामले में 68 गवाहों से पूछताछ करने के बाद सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए. हालांकि, कोर्ट ने चार्जशीट में दिए गए ब्यौरे को खारिज कर उसे वापस कर दिया.

इस बीच आरोपी प्रणीत राव ने जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया. आम तौर पर किसी भी मामले में अगर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है, तो आरोपी के पास अनिवार्य जमानत के लिए आवेदन करने का विकल्प होता है. इस मुद्दे पर प्रणीत राव ने जमानत याचिका दायर की. जिसके बाद एसआईटी ने तुरंत सही चार्जशीट वापस अदालत में पेश की. साथ ही, बुधवार को SIT ने प्रणीत राव की जमानत याचिका पर आपत्ति जताई. अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

बता दें, चार्जशीट को शायद ही कभी पलटा जाता है. चूंकि फोन टैपिंग एक सनसनीखेज मामला है, इसलिए कोर्ट द्वारा चार्जशीट को वापस करना चर्चा का विषय बन गया है. अब यह देखना दिलचस्प है कि दोबारा पेश की गई चार्जशीट में क्या बदलाव किए गए हैं. प्रारंभिक चार्जशीट में इंटेलिजेंस के पूर्व ओएसडी प्रभाकर राव और एक अन्य आरोपी श्रवण राव फरार हैं.

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