भोपाल। अब शिकारा चढ़ने के लिए आपको कश्मीर जाने की जरुरत नहीं है बल्कि भोपाल में ही आप शिकारे का आनंद ले सकेंगे. दरअसल भोपाल के बड़े तालाब में शुक्रवार से शिकारे का शुभारंभ किया गया है. शुरुआत एक शिकारे से की गई है, यदि प्रयोग सफल रहता है, तो अगले एक महीने में और शिकारे भी बड़े तालाब में उतारे जाएंगे. जिससे यहां आने वाले सैलानी डल झील की तरह भोपाल में शिकारे का मजा ले सकें और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं.
भोपाल के मछुआरे ने बनाया शिकारा
भोपाल में देश और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक घूमने आते हैं. इसी को देखते हुए भोपाल के एक रजिस्टर्ड मछुआरे ने नया शिकारा बनाया है. शुक्रवार को महापौर मालती राय और विधायक भगवान दास सबनानी समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में इसे बड़े तालाब में उतारा गया. सभी लोगों ने इसमें बैठकर शिकारे की सैर का शुभारंभ किया. अब पर्यटक इसी शिकारे में बैठकर बड़े तालाब की सैर कर सकेंगे.
घट रही थी पर्यटकों की संख्या
पिछले साल तक बड़े तालाब की सैर के लिए नाव के साथ यहां लेक प्रिंसेस क्रूज का संचालन किया जाता था लेकिन एनजीटी ने बड़े तालाब और नर्मदा नदी समेत प्रदेश के अन्य जलाशयों में क्रूज संचालन पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद से क्रूज के साथ 20 मोटर बोट का संचालन भी रोक दिया गया था. ऐसे में बड़े तालाब में आने वाले पर्यटकों को नाव की सैर करनी पड़ती थी. इससे पर्यटकों की संख्या भी घट रही थी.
क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर लगी रोक
भोपाल के बड़े तालाब के पानी का इस्तेमाल पीने के लिए किया जाता है. इसमें पहले क्रूज व मोटर बोट का संचालन हो रहा था. जिससे पानी प्रदूषित हो रहा था, वहीं जलीय जीवों पर भी दुष्प्रभाव हो रहा था. इसको लेकर पर्यावरणविद सुभाष सी. पांडे ने एनजीटी में याचिका लगाई थी.
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जानिए कब क्या हुआ
- मध्य प्रदेश के तालाबों व जलाशयों में क्रूज और मोटर बोट बैन.
- पर्यावरणविद डॉ. सुभाष पांडे ने 2022 में एनजीटी में लगाई याचिका.
- याचिका में पर्यावरणाीय नियमों का हवाला देकर रोकने की मांग.
- बड़े तालाब और नर्मदा नदी में प्रतिबंध लगाने की मांग की.
- एनजीटी में लगभग एक साल चली सुनवाई.
- एनजीटी ने 2 सितंबर 2023 को क्रूज और मोटर बोट पर लगाया प्रतिबंध.
- एनजीटी ने 69 पेज में दिए आदेश में सभी तकनीकी पक्षों का दिया हवाला.
- एनजीटी के निर्णय पर एमपी पर्यटन विकास निगम ने सुप्रीम कोर्ट में की अपील.
- 4 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई.
- कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम की अपील पर जताया आश्चर्य.
- सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्वल भुयान की बेंच ने लगाई फटकार.
- बेंच ने सरकार की अपील को स्वीकार नहीं करते हुए किया खारिज