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बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर बदल देगा भोपाल-लखनऊ इकॉनामिक कॉरिडोर, बड़े शहरों के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी - Bhopal Lucknow Economic Corridor

मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर जैसे शहरों से यूपी के कानपुर, वाराणसी और लखनऊ को जोड़ने के लिए भोपाल-लखनऊ इकॉनामिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. संभावना है कि निर्माण कार्य 2026 तक पूरा हो जाएगा. इससे यूपी और एमपी के बुंदेलखंड की तरक्की के द्वार खुलेंगे.

Bhopal Lucknow Economic Corridor
भोपाल लखनऊ इकॉनामिक कॉरिडोर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 4, 2024, 1:03 PM IST

सागर। कानपुर से कबरई (महोबा) तक बनने वाले 112 किमी लंबे नेशनल हाइवे के लिए केंद्र सरकार ने 3700 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. ये 112 किमी लंबा कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर, महोबा से होकर गुजरेगा. यह लखनऊ से जोड़ा जाएगा और हमीरपुर के जरिए मध्यप्रदेश के छतरपुर सागर से होता हुआ भोपाल तक इकॉनामिक कॉरिडोर का निर्माण होगा. कबरई से सागर के लिए प्रस्तावित फोर टू सिक्स लेन हाइवे का निर्माण कार्य करीब पिछले 5 साल से चल रहा है और आने वाले दो साल में यानि 2026 तक इसको पूरा करने का लक्ष्य है.

कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन का काम तेज

सागर से कबरई तक एनएचएआई 223 किलोमीटर फोरलेन का अलग-अलग चरणों में निर्माण कर रहा है. अलग-अलग पैकेज में 46 किमी फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसकी लागत 896.36 करोड़ है. वहीं महोबा से कबरई तक 46 किलोमीटर लंबा फोरलेन अलग से बनाया जा रहा है. मध्यप्रदेश के हिस्से में फिलहाल छतरपुर जिले में भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है. सागर जिले का भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है।

Bhopal Lucknow Economic Corridor
कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन का काम तेज (ETV BHARAT)

सागर-कानपुर हाइवे पर ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव

सागर से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का पिछले कई सालों से विस्तार नहीं किया गया. आलम ये है कि कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के लिए मध्यप्रदेश के यातायात का सर्वाधिक दबाव इसी मार्ग पर रहता है. लेकिन टू लेन होने के कारण यहां आवागमन में काफी दिक्कत आती है और काफी ज्यादा समय लगता है. वहीं बडे़ पैमाने पर सडक दुर्घटनाएं सामने आती हैं. दरअसल मप्र और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में बडे पैमाने पर रेत और मुरम का व्यावसाय इसी मार्ग पर होता है, जो यहां से कानपुर के अलावा लखनऊ, बहराइच,गोंडा, सीतापुर और अयोध्या के अलावा कई शहरों तक जाती है. सागर-कानपुर मार्ग पर 116 किमी लंबी फोरलेन का निर्माण 3700 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. सागर से निकलकर बंडा, दलपतपुर, शाहगढ, बड़ामलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढी मलहरा होते हुए श्रीनगर और महोबा से ये हाइवे गुजरेगा.

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एमपी व यूपी के बुंदेलखंड में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

भोपाल-लखनऊ इकोनामिक कॉरिडोर जहां यूपी और एमपी के बड़े शहरों को जोड़ने का काम करेगा और माल परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगा. वहीं दूसरी तरफ बुंदेलखंड के खनन व्यवसाय के लिए काफी लाभदायक साबित होगा. यूपी और एमपी के बुंदेलखंड से खासकर रेत और मुरम का व्यवसाय बड़े पैमाने पर होता है. इसके अलावा जो सबसे बड़ा फायदा मध्यप्रदेश की बुंदेलखंड को होने वाला है, वह पर्यटन के क्षेत्र में होगा. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के खजुराहो, ओरछा जैसे धार्मिक पर्यटन केंद्र के अलावा पन्ना और नौरादेही टाइगर रिजर्व यूपी के पर्यटकों के लिए आकर्षण का काम करेगा.

सागर। कानपुर से कबरई (महोबा) तक बनने वाले 112 किमी लंबे नेशनल हाइवे के लिए केंद्र सरकार ने 3700 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. ये 112 किमी लंबा कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर, महोबा से होकर गुजरेगा. यह लखनऊ से जोड़ा जाएगा और हमीरपुर के जरिए मध्यप्रदेश के छतरपुर सागर से होता हुआ भोपाल तक इकॉनामिक कॉरिडोर का निर्माण होगा. कबरई से सागर के लिए प्रस्तावित फोर टू सिक्स लेन हाइवे का निर्माण कार्य करीब पिछले 5 साल से चल रहा है और आने वाले दो साल में यानि 2026 तक इसको पूरा करने का लक्ष्य है.

कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन का काम तेज

सागर से कबरई तक एनएचएआई 223 किलोमीटर फोरलेन का अलग-अलग चरणों में निर्माण कर रहा है. अलग-अलग पैकेज में 46 किमी फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसकी लागत 896.36 करोड़ है. वहीं महोबा से कबरई तक 46 किलोमीटर लंबा फोरलेन अलग से बनाया जा रहा है. मध्यप्रदेश के हिस्से में फिलहाल छतरपुर जिले में भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है. सागर जिले का भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है।

Bhopal Lucknow Economic Corridor
कबरई से सागर फोर टू सिक्स लेन का काम तेज (ETV BHARAT)

सागर-कानपुर हाइवे पर ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव

सागर से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का पिछले कई सालों से विस्तार नहीं किया गया. आलम ये है कि कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के लिए मध्यप्रदेश के यातायात का सर्वाधिक दबाव इसी मार्ग पर रहता है. लेकिन टू लेन होने के कारण यहां आवागमन में काफी दिक्कत आती है और काफी ज्यादा समय लगता है. वहीं बडे़ पैमाने पर सडक दुर्घटनाएं सामने आती हैं. दरअसल मप्र और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में बडे पैमाने पर रेत और मुरम का व्यावसाय इसी मार्ग पर होता है, जो यहां से कानपुर के अलावा लखनऊ, बहराइच,गोंडा, सीतापुर और अयोध्या के अलावा कई शहरों तक जाती है. सागर-कानपुर मार्ग पर 116 किमी लंबी फोरलेन का निर्माण 3700 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. सागर से निकलकर बंडा, दलपतपुर, शाहगढ, बड़ामलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढी मलहरा होते हुए श्रीनगर और महोबा से ये हाइवे गुजरेगा.

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