भोपाल: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री ही नहीं बदले, बल्कि उनके साथ ही हर साल 1 घंटे 40 मिनट तक मुख्यमंत्री की भूमिका में रहने वाले डमी सीएम को भी बदल दिया गया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश को संबोधित करेंगे. इस राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों के लिए इस बार डमी सीएम को भी बदल दिया गया है. इस बार मुख्यमंत्री मोहन यादव की तरह दिखने वाले कार्यवाहक एएसआई हीरालाल यादव को डमी मुख्यमंत्री बनाया गया है. 1 घंटे 40 मिनट के डमी सीएम बनाने के लिए उन्हें पिछले 7 दिनों तक रिहर्सल करनी पड़ी.
मोबाइल पर बार-बार देखा सीएम के चलने की स्टाइल
डमी सीएम बने हीरालाल यादव 23वीं बटालियन में कार्यवाहक एएसआई हैं. वे कहते हैं कि 'जब पिछले दिनों मुझसे डमी सीएम बनने के लिए कहा गया, तो पहले तो सोचा कि कैसे यह कर पाऊंगा, लेकिन पुलिस में अधिकारियों के ऑर्डर को फॉलो करना ही होता है. यही अनुशासन भी होता है. इसलिए फिर खुद को इसके लिए तैयार किया. वे कहते हैं कि डमी सीएम बनने के लिए सबसे पहले चलने के पुलिसिया अंदाज को बदलना पड़ा. चलने के तरीके में नेताओं जैसी सहजता दिखाई दे, इसलिए मोबाइल पर मुख्यमंत्री के चलने के तरीके को देखा.
इसके बाद पिछले 7 दिनों तक लाल परेड ग्राउंड आकर इसकी रिहर्सल भी की, तब जाकर फाइनल परेड के लिए कुछ तैयार हो पाया. वे कहते हैं कि मुझे खुशी है कि मुझे इस भूमिका के लिए चुना गया. मुख्यमंत्री मोहन यादव जैसे गेटअप को लेकर वे कहते हैं कि इसमें कोई बदलाव नहीं किया. मूछें भी पहले से ही वैसी ही हैं.'
17 सालों तक बने डमी सीएम, अब मिला राष्ट्रपति अवार्ड
हीरालाल यादव के पहले पिछले 17 सालों से डमी सीएम की भूमिका 7वीं बटालियन के हेड कॉस्टेबल रामचंद्र सिंह निभाते आए हैं. केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के 18 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं. इस दौरान उन्होंने जितनी बार भी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर स्वतंत्रता दिवस पर झंडा वंदन किया, उनके डमी सीएम की भूमिका रामचंद्र सिंह ने ही निभाई. 7वीं बटालियन के रामचंद्र सिंह को इस बार सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पद से सम्मानित किया जा रहा है. रामचंद्र सिंह कहते हैं कि 'साल 2006 में उन्हें पहली बार डमी सीएम के लिए चुना गया था. उनका परफॉर्मेंस अच्छा था, तो हर बार उन्हें ही डमी सीएम के लिए चुना जाने लगा.'
मिनट-टू-मिनट चलता है कार्यक्रम
स्वतंत्रता दिवस का समारोह मिनट टू मिनट चलता है. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए प्रदेश पुलिस द्वारा करीबन 1 माह पहले से इसकी रिहर्सल शुरू की जाती है. 15 अगस्त के दो दिन पहले 13 अगस्त को इसकी फाइनल रिहर्सल की गई, जिसमें डीजीपी सुधीर सक्सेना सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. डमी सीएम ने ध्वजारोहण किया, परेड की सलामी लेने के बाद परेड का निरीक्षण किया.
रिटायर्ड डीजी अरुण गुर्टू कहते हैं कि 'स्वतंत्रता दिवस जैसे समारोह पूर्व निर्धारित समय के अनुसार ही चलते हैं. इसमें एक-एक मिनट तय होता है, इसलिए इसकी कई दिनों पहले से रिहर्सल शुरू कर दी जाती है.
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यह अधिकारी होंगे सम्मानित
स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस बाद मध्य प्रदेश के 50 अफसर राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित होंगे. राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा को इस बार वीरता पदक मिलेगा. वे जब बालाघाट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर थे, तब नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के लिए उन्हें यह पदक दिया जा रहा है. उनके साथ ही इंस्पेक्टर अंशुमान सिंह, रामपदम शर्मा, आशीष शर्मा, रमेश विश्वकर्मा, अतुल कुमार शुक्ला और मनोज कापसे को भी वीरता पद दिया जाएगा.