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आय से अधिक संपत्ति मामले में भोपाल CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, 5 साल कैद और 4 करोड़ का जुर्माना - BHOPAL CBI COURT BIG DECISION

भोपाल की सीबीआई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में एफसीआई के अधिकारी को यह सजा सुनाई गई.

BHOPAL CBI COURT BIG DECISION
भोपाल सीबीआई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 8:52 PM IST

भोपाल: आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने भारतीय खाद्य निगम भोपाल के एक अधिकारी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 4 करोड़ 5 लाख 74 हजार 429 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 1 साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा. आरोपी के घर से बरामद नगद राशि 3 करोड़ 96 लाख 99 हजार 140 रुपये को राजसात करने का भी आदेश दिया.

सीबीआई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

भोपाल जिला न्यायालय में सीबीआई न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा ने आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. भारतीय खाद्य निगम के संभागीय कार्यालय भोपाल के आरोपी किशोर मीणा सहायक स्तर-I को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी पाया गया था. इस अधिकारी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 4 करोड़ 5 लाख 74 हजार 429 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 1 साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा. आरोपी के घर से बरामद नगद राशि 3 करोड़ 96 लाख 99 हजार 140 रुपये को राजसात करने का भी आदेश दिया.

लंबित बिलों के भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत

सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भोपाल को 27 मई 2021 को संदीप कपूर सिक्योरिटीज के फील्ड मैनेजर शिवदयाल द्विवेदी से शिकायत प्राप्त हुई थी. शिकायत में बताया गया था कि भारतीय खाद्य निगम, संभागीय कार्यालय, भोपाल के अधिकारियों द्वारा उनके लंबित बिलों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए लाखों रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही है. जिस पर सीबीआई एसीबी भोपाल शाखा ने शिकायत की जांच करने के बाद मामला दर्ज किया था.

सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ा

सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. खाद्य निगम के संभागीय कार्यालय भोपाल के अधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव और मोहन पराते ने शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये की रिश्वत ली. सीबीआई ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ा और पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि उन्होंने संभागीय प्रबंधक हरीश प्रकाश हिनौनिया के निर्देश पर यह रिश्वत राशि प्राप्त की है.। इसके बाद सीबीआई ने अरुण कुमार श्रीवास्तव को हरीश प्रकाश हिनौनिया को राशि देने के लिए भेजा. हिनौनिया ने यह रिश्वत राशि किशोर मीणा सहायक स्तर-I को देने के लिए कहा. किशोर मीणा ने जैसे ही रिश्वत राशि प्राप्त की सीबीआई ने सभी आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया.

घर में 3 करोड़ से ज्यादा नगदी मिली

गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों के घर की तलाशी ली गई. इसमें आरोपी किशोर मीणा के घर की तलाशी के दौरान उसके कब्जे से लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी , 387 ग्राम सोने के आभूषण, 670 ग्राम चांदी के आभूषण एवं चल-अचल सम्पत्ति के दस्तावेज बरामद हुए. रिश्वत के प्रकरण में सीबीआई ने आरोपी अरूण कुमार श्रीवास्तव, मोहन पराते, हरीश प्रकाश हिनौनिया व किशोर मीणा के खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था. यह प्रकरण सीबीआई कोर्ट में लंबित है. जांच अधिकारी ने आरोपी किशोर मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में एक शिकायत की और उस शिकायत के आधार सीबीआई ने आरोपी किशोर मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का यह एक नया मामला दर्ज किया. ये फैसला इसी मामले में आया है.

900% अधिक संपत्ति अर्जित की

सीबीआई के लोक अभियोजक डॉ मनफूल बिश्नोई ने बताया कि आरोपी किशोर मीणा ने एफसीआई, भोपाल के पद पर रहते हुए जांच अवधि 02.12.2016 से 29.05.2021 के दौरान अपनी ज्ञात आय के स्रोत से लगभग 900% अधिक संपत्ति अर्जित की. इस दौरान अपने आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 4,06,07,259 रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी.

ये भी पढ़ें:

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हाईकोर्ट ने 9 माह का दिया था समय

आरोपी किशोर मीणा सीबीआई न्यायालय भोपाल और जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के लिए आदेश दिया था. किशोर मीणा ने 10.01.2023 सीबीआई कोर्ट भोपाल के समक्ष समर्पण किया था. जहां से उसे भोपाल जेल में भेज दिया गया था. इसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में 5 बार नियमित जमानत के लिए आवेदन दिया लेकिन जमानत नहीं मिली. लेकिन हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट भोपाल को निर्देश दिया था कि इस प्रकरण का निराकरण 9 माह में पूरा करें. इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने आदेश के लगभग 6 माह 20 दिन में ही निर्णय सुना दिया.

भोपाल: आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने भारतीय खाद्य निगम भोपाल के एक अधिकारी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 4 करोड़ 5 लाख 74 हजार 429 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 1 साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा. आरोपी के घर से बरामद नगद राशि 3 करोड़ 96 लाख 99 हजार 140 रुपये को राजसात करने का भी आदेश दिया.

सीबीआई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

भोपाल जिला न्यायालय में सीबीआई न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा ने आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. भारतीय खाद्य निगम के संभागीय कार्यालय भोपाल के आरोपी किशोर मीणा सहायक स्तर-I को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी पाया गया था. इस अधिकारी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 4 करोड़ 5 लाख 74 हजार 429 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर 1 साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा. आरोपी के घर से बरामद नगद राशि 3 करोड़ 96 लाख 99 हजार 140 रुपये को राजसात करने का भी आदेश दिया.

लंबित बिलों के भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत

सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भोपाल को 27 मई 2021 को संदीप कपूर सिक्योरिटीज के फील्ड मैनेजर शिवदयाल द्विवेदी से शिकायत प्राप्त हुई थी. शिकायत में बताया गया था कि भारतीय खाद्य निगम, संभागीय कार्यालय, भोपाल के अधिकारियों द्वारा उनके लंबित बिलों के भुगतान को मंजूरी देने के लिए लाखों रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही है. जिस पर सीबीआई एसीबी भोपाल शाखा ने शिकायत की जांच करने के बाद मामला दर्ज किया था.

सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपियों को पकड़ा

सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. खाद्य निगम के संभागीय कार्यालय भोपाल के अधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव और मोहन पराते ने शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपये की रिश्वत ली. सीबीआई ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ा और पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि उन्होंने संभागीय प्रबंधक हरीश प्रकाश हिनौनिया के निर्देश पर यह रिश्वत राशि प्राप्त की है.। इसके बाद सीबीआई ने अरुण कुमार श्रीवास्तव को हरीश प्रकाश हिनौनिया को राशि देने के लिए भेजा. हिनौनिया ने यह रिश्वत राशि किशोर मीणा सहायक स्तर-I को देने के लिए कहा. किशोर मीणा ने जैसे ही रिश्वत राशि प्राप्त की सीबीआई ने सभी आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया.

घर में 3 करोड़ से ज्यादा नगदी मिली

गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों के घर की तलाशी ली गई. इसमें आरोपी किशोर मीणा के घर की तलाशी के दौरान उसके कब्जे से लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी , 387 ग्राम सोने के आभूषण, 670 ग्राम चांदी के आभूषण एवं चल-अचल सम्पत्ति के दस्तावेज बरामद हुए. रिश्वत के प्रकरण में सीबीआई ने आरोपी अरूण कुमार श्रीवास्तव, मोहन पराते, हरीश प्रकाश हिनौनिया व किशोर मीणा के खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था. यह प्रकरण सीबीआई कोर्ट में लंबित है. जांच अधिकारी ने आरोपी किशोर मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में एक शिकायत की और उस शिकायत के आधार सीबीआई ने आरोपी किशोर मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का यह एक नया मामला दर्ज किया. ये फैसला इसी मामले में आया है.

900% अधिक संपत्ति अर्जित की

सीबीआई के लोक अभियोजक डॉ मनफूल बिश्नोई ने बताया कि आरोपी किशोर मीणा ने एफसीआई, भोपाल के पद पर रहते हुए जांच अवधि 02.12.2016 से 29.05.2021 के दौरान अपनी ज्ञात आय के स्रोत से लगभग 900% अधिक संपत्ति अर्जित की. इस दौरान अपने आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 4,06,07,259 रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी.

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हाईकोर्ट ने 9 माह का दिया था समय

आरोपी किशोर मीणा सीबीआई न्यायालय भोपाल और जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के लिए आदेश दिया था. किशोर मीणा ने 10.01.2023 सीबीआई कोर्ट भोपाल के समक्ष समर्पण किया था. जहां से उसे भोपाल जेल में भेज दिया गया था. इसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में 5 बार नियमित जमानत के लिए आवेदन दिया लेकिन जमानत नहीं मिली. लेकिन हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट भोपाल को निर्देश दिया था कि इस प्रकरण का निराकरण 9 माह में पूरा करें. इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने आदेश के लगभग 6 माह 20 दिन में ही निर्णय सुना दिया.

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