कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले में कार पर खड़े होकर पत्रकारों को संबोधित करते समय धक्का-मुक्की होने की वजह से संतुलन खो देने से कार के बोनट पर गिरने से घायल हो गए. इसके बाद मजूमदार को अस्पताल ले जाया गया. पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि मजूमदार को मंगलवार को जिला प्रशासन ने अशांत संदेशखाली जाने से रोक दिया था, लेकिन बशीरहाट पुलिस जिले के एसपी कार्यालय के सामने धरने के बाद देर रात उन्हें एक गेस्ट हाउस में रखा गया.
बुधवार सुबह फिर से संदेशखाली जाने का प्रयास करने वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को पुलिस ने क्षेत्र से बाहर जाने से रोक दिया. पार्टी पदाधिकारी ने कहा कि मजूमदार राज्य के बालुरघाट निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद भी हैं, कार के बोनट पर खड़े होकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह बोनट पर गिर गए.
यह घटना भारत-बांग्लादेश सीमा पर इचामती नदी के तट पर स्थित ताकी में हुई. अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद उन्हें बशीरहाट उपमंडलीय अस्पताल ले जाया गया. इससे पहले मजूमदार ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने उन्हें अशांत संदेशखाली की ओर जाने से रोकने के लिए ताकी में उस लॉज की घेराबंदी कर दी, जहां वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वाले गुंडों द्वारा ग्रामीणों पर कथित अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मजूमदार ने कहा कि उनका आंदोलनकारियों से मिलने के लिए दोपहर में संदेशखाली जाने का कार्यक्रम है.
उन्होंने कहा कि कल के विरोध प्रदर्शन के बाद, मैंने ताकी में एक लॉज में रुकने का फैसला किया ताकि मैं यहां से आसानी से संदेशखाली जा सकूं. लेकिन आज सुबह से, पुलिस ने लॉज के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है और मुझे बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रही है . मजूमदार ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था, हालांकि पुलिस ने इस दावे का खंडन किया. लॉज के बाहर दंगारोधी उपकरणों से लैस एक विशाल पुलिस दल तैनात देखा गया.
संदेशखाली ताकी से लगभग 35 किमी दूर है. भाजपा नेता के आरोपों का जवाब देते हुए, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भगवा पार्टी पर माहौल खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. घोष ने कहा कि यह आरोप निराधार हैं. भाजपा इलाके का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है. वे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ना चाहते हैं.
दूसरी तरफ बुधवार को लगातार सातवें दिन संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके कथित गिरोह की गिरफ्तारी की मांग की. शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ आरोपों में जबरन जमीन पर कब्जा करना और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करना शामिल है. कथित राशन घोटाले में उसके आवास पर छापेमारी के दौरान भीड़ द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला करने के बाद से वांछित शाहजहां पिछले महीने से फरार है.
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