बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेलगावी जिला स्थित गांव में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने, खंभे से बांधने और अमानवीय तरीके से हमला करने के मामले में निचली अदालत को सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एनवी. अंजारिया और न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की खंडपीठ ने महिला को निर्वस्त्र कर पीटने की घटना के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, संबंधित ट्रायल कोर्ट को आरोपी के खिलाफ मामला एक साल के भीतर पूरा करना होगा. हाईकोर्ट ने यह निर्देश देकर याचिका का निपटारा कर दिया कि रजिस्ट्रार इस आदेश को ट्रायल कोर्ट के संज्ञान में लाएं.
राज्य सरकार की कार्रवाई से संतुष्टि
इस मामले में पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा और दो एकड़ जमीन दी गई. साथ ही घटना को अंजाम देकर फरार 3 आरोपी की गिरफ्तारी और उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने और पीड़िता और 23 गवाहों के बयान दर्ज किए जाने पर संतोष जताया. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के कल्याण अधिकारी को दो माह में एक बार पीड़िता के घर का दौरा करना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि, कल्याण विभाग पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को उनकी आजीविका के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाए. इस संबंध में जिला पुलिस अधिक्षक को रिपोर्ट सौंपी जाए. पीठ ने अपने आदेश में अधिकारियों को इसकी निगरानी करने के लिए कहा है.
लोग तमाशबीन बने हुए थे, कोर्ट ने पूछा था
मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि जिस वक्त महिला को निर्वस्त्र करके पीटा जा रहा था, उस वक्त 50 से 60 लोग तमाशबीन बने हुए थे. उस वक्त महिला को बचाने की कोशिश नहीं की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सामूहिक जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात भी कही. पीठ ने कहा कि, ऐसी घटनाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो इससे पता चलता है कि यह स्वार्थ सिद्धि के लिए जीने जैसा है.
महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला
कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का बेहद शर्मनाक मामला सामने आया था. जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. पुलिस के मुताबिक, घटना 31 जुलाई 2023 की है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने न केवल पीड़िता को निर्वस्त्र कर घुमाया बल्कि उसके परिवार के साथ मारपीट भी की. साथ ही शिकायत दर्ज कराने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी. पुलिस के अनुसार, पीड़िता और उसके बेटे को सरकार की ओर से आवंटित तीन एकड़ जमीन में से आधा एकड़ जमीन पर अतिक्रमण का विरोध करने पर विरोधियों ने उनकी पिटाई की थी.
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