दंतेवाड़ा: बस्तर में नक्सलियों पर सुरक्षाबलों के चौतरफा प्रहार का असर देखने को मिल रहा है. दंतेवाड़ा में एक दिन के अंदर 35 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जिसमें तीन इनामी नक्सली शामिल हैं. लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर करने का फैसला किया. रविवार को दंतेवाड़ा एसपी कार्यालय पहुंचकर नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
नक्सलियों की खोखली विचारधारा से हुए तंग: सरेंडर करने वाले नक्सलियों का कहना है कि उन्होंने नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर करने का फैसला किया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ की तरफ से चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उन्होंने खून खराबे के रास्ते को अलविदा करने का फैसला लिया. यही वजह है कि रविवार को कुल 35 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और एएसपी रामकुमार बर्मन के सामने सरेंडर करने का फैसला लिया.
सुरक्षाबलों की कोशिशें ला रही रंग: सुरक्षाबलों की कोशिशें रंग ला रही है. सरेंडर करने वाले 35 नक्सलियों में से 25 नक्सलियों को डीआरजी बल दंतेवाड़ा ने आत्मसमर्पण करने के लिए समझाया. इसके अलावा 6 नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए सीआरपीफ की टीम ने समझाया. जबकि 4 नक्सलियों ने सीआरपीएफ 111वीं वाहिनी दंतेवाड़ा के समझाने के बाद सरेंडर किया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को दंतेवाड़ा एसपी और राज्य सरकार के पुनर्वास योजना के तहत सहायता राशि प्रदान की जाएगी. जिसमें 25- 25 हजार रुपये सभी सरेंडर करने वाले नक्सलियों को दिए जाएंगे
जानिए किन नक्सलियों ने किया सरेंडर: सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन नक्सली इनामी बताए जा रहे हैं. एक नजर उन नक्सलियों पर जिन्होंने हथियार डाले.
- नक्सली बामन करटाम, इस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था.
- माओवादी कुमारी कुम्मे लेकाम, इस पर एक लाख रुपये का इनाम था.
- नक्सली भीमा कुंजाम, इस नक्सली पर कुल 1 लाख रुपये का इनाम था.
- माओवादी देवा उर्फ काटुम मुचाकी, यह बीजापुर इलाके में सक्रिय था.
- नक्सली जोगो बारसे, यह हुर्रेपाल पंचायत इलाके में सक्रिय थी.
- कुमारी पायके मुचाकी, ये नक्सली हुर्रेपाल पंचायत सीएनएम सदस्य है.
- नक्सली संतू उर्फ माडो वेट्टी, ये हुर्रेपाल में सक्रिय थी.
- मनकु उर्फ डेडा बारसा, ये नक्सलियों के प्लाटून नंबर ए का सदस्य था.
- नक्सली फूल सिंह उर्फ झिटका मडकाम, यह मिलिशिया सदस्य था.
- नक्सली सुखराम उर्फ चिण्ड्रा , यह भी मिलिशिया सदस्य था
- नक्सली बोटी उर्फ मारो मुचाकी, यह हुर्रेपाल में मिलिशिया सदस्य था.
- नक्सली राजेश उर्फ राजेन्द्र मुचाकी
- नक्सली बुदी उर्फ बुधरी हपका
- माओवादी मासू बारसा
- नक्सली सुखराम उर्फ गुड़िया मुचाकी
- नक्सली सन्नू उर्फ मड्डा मड़काम
- नक्सली राकेश उर्फ गुट्टा मड़काम
- माओवादी सुधरू ओयाम
- नक्सली रिषू उर्फ भैयरा
- नक्सली सुकारू उर्फ बुरका
- माओवादी छन्नू मड़काम
- माओवादी संतू उर्फ सुभाष
- नक्सली चंदू उर्फ सोमडू
- नक्सली आजू उर्फ सरपंच मड़ावी
- नक्सली भीमा उर्फ सन्नू मुचाकी
- नक्सली कुम्मा उर्फ बोटी मुचाकी
- नक्सली फागु हपका
- नक्सली संतू ओयाम
- नक्सली गुड्डू कड़ती
- नक्सली दशरू आयाम
- माओवादी सोनू कड़ती
- नक्सली भगत ओयाम
- नक्सली रानू उर्फ गुटलू
- नक्सली लिंगा सोढ़ी
- माओवादी सुकड़ी मोचाकी
लोन वर्राटू अभियान का दिख रहा जबरदस्त असर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोन वर्राटू अभियान का गजब का असर दिख रहा है. लोन वर्राटू अभियान एक गोंडी शब्द है. जिसका अर्थ होता है घर वापस आइए. इस अभियान के तहत अब तक 180 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है. बस्तर में कुल 796 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इस तरह 796 माओवादी हथियार डालकर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं.