हैदराबाद: कहते हैं राजनीति अवसरों का खेल हैं. किसी का संकट किसी के लिए अवसर हो सकता है. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव पास आ रहे हैं लोग अपनी-अपनी तरह से अवसर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से देखें तो उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र सबसे बड़ा राज्य है. लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही, पवार परिवार के बीच तीखी लड़ाई उनके गृह क्षेत्र - महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती तक पहुंच गई है.
बारामती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में एनसीपी संस्थापक शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले कर रही हैं. हाल ही में, निर्वाचन क्षेत्र में एक प्रचार अभियान शुरू किया गया है, जिसमें बागी राकांपा गुट के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार स्थानीय पार्टी नेताओं और कैडर से मुलाकात कर रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बारामती की सड़कों में एक ऑडियो विजुअल पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगा वाहन भी घूम रहा है. जिसमें सुनेत्रा और अजित की तस्वीरें लगी है. माना जा रहा है कि अजित पवार आने वाले दिनों में सुनेत्रा को अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव में उतार सकते हैं.
अजित गुट के राज्य राकांपा प्रमुख सुनील तटकरे ने भी इस तरह के संकेत दिये हैं. कुछ दिनों पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि सुनेत्रा पवार को लोकसभा पहुंचे. वह लंबे समय से निर्वाचन क्षेत्र में सामाजिक कार्य कर रही हैं. उन्होंने अजित पवार के साथ क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रखी है. हालांकि, अभी अंतिम निर्णय लिया जाना है.
बारामती सीट पवार परिवार का गढ़ रही है. शरद पवार खुद इस सीट से छह बार जीते हैं. अजित ने 1991 में भी यह सीट जीती थी. चूंकि अजित पिछले जुलाई में पार्टी तोड़ने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं, इसलिए यह सीट उनके लिए महत्वपूर्ण होने जा रही है. भाजपा ने बारामती को महाराष्ट्र की 16 'मुश्किल' सीटों में से एक के रूप में भी पहचाना है. यह वह सीट है जिसे सत्तारूढ़ शिंदे सेना-भाजपा-अजीत राकांपा गठबंधन, पवार राकांपा से छीनने की उम्मीद करेगा.
परदे के पीछे की भूमिका : 60 वर्षीय सुनेत्रा का जन्म धाराशिव जिले के एक राजनीतिक परिवार में हुआ था. वह राज्य के पूर्व मंत्री और लोकसभा सांसद पदमसिंह पाटिल की बहन हैं, जो शरद पवार के करीबी विश्वासपात्र हैं. पाटिल ने 1999 में पवार के साथ एनसीपी की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पाटिल के बेटे राणाजगजीतसिंह पाटिल वर्तमान में धाराशिव जिले के तुलजापुर से भाजपा विधायक हैं.
सुनेत्रा ने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन वह राज्य चुनावों में बारामती विधानसभा सीट पर अपने पति के लिए प्रचार में सक्रिय रही हैं. वह सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहती हैं. वह 2008 से ग्रामीण विकास में काम कर रही हैं और 2010 में उन्होंने एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया नामक एक एनजीओ की स्थापना की है. वह 2011 से फ्रांस स्थित विश्व उद्यमिता फोरम की सदस्य भी रही हैं.
सुनेत्रा ने 2006 से केंद्र सरकार के अधीन मल्टीमॉडल परिधान निर्माता पार्क, बारामती हाई-टेक टेक्सटाइल पार्क लिमिटेड की अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं. वह शरद पवार की ओर से स्थापित विद्या प्रतिष्ठान ट्रस्ट की बोर्ड सदस्य भी हैं. क्या लोकसभा चुनाव 2024 में बारमती की जनता को सुप्रिया (ननद) और सुनेत्रा (भाभी) में से किसी एक को चुनना होगा. क्या चाचा शरद पवार से शुरू हुई भतीजे अजित पवार की लड़ाई अब पवार परिवार में थोड़ी और गहरी हो जायेगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब भविष्य के गर्भ में ही छिपा है.