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नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, नक्सलवाद से जूझ रहे बस्तर में शांति के लिए ठोस नीति अपनाने की मांग - Bastar Naxal victims

बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. कुल 70 लोगों का प्रतिनिधिमंडल महामहिम से मिलने से पहुंचा. बस्तर शांति समिति के बैनर तल बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति से नक्सलवाद से निपटने को लेकर बड़ी मांग की है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से जूझ रहे बस्तर के लिए ठोस नीति अपनाई जाए.

BASTAR NAXAL VICTIMS
बस्तर शांति समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति को बयां किया दर्द (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 21, 2024, 5:41 PM IST

नई दिल्ली: बस्तर शांति समिति के 70 नक्सल पीड़ितों ने शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. सभी लोगों ने राष्ट्रपति से नक्सलवाद को लेकर अपील की है. इस अपील में उन्होंने कहा कि बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कराया जाए. सभी नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति को बताया कि कैसे माओवादी हमले में उनका जीवन तबाह हो चुका है.

"चार दशकों से बस्तर नक्सलवाद से जूझ रहा": बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाड़े ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बस्तर में चार दशकों से जारी नक्सलवाद हिंसा के बारे में बताया. हमने बताया कि कैसे बीते चार दशकों से बस्तरवासी नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं. माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं. बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने हमारे जीवन को तहस नहस कर दिया है. विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी हम पूरी तरह टूट चुके हैं.

Naxal victims told problems to the President
नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति को अपनी तकलीफें बताई (ETV BHARAT)

"माओवादियों ने हमारे घरों, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है. बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं. आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं. जहां एक ओर देश के अन्य हिस्सों में लोग आजादी का आनंद ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं": प्रतिनिधि, बस्तर शांति समिति

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति के साथ बस्तर शांति समिति के सदस्य (ETV BHARAT)

"हम बस्तर में शांति और पुनर्निर्माण की अपील करते हैं. बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने चेहिए. बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर. राष्ट्रपति से हमने आग्रह किया है कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए प्रयास किए जाएं. जिससे बस्तर में शांति और लोगों का सामान्य जीवन लौट सके": मंगूराम कवाड़े और जयराम दास, बस्तर शांति समिति

राष्ट्रपति ने बस्तर के नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को सुना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को सुना. उन्होंने लोगों का आश्वासन दिया कि बस्तर में शांति और विकास के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी. राष्ट्रपति ने कहा कि" बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही बस्तर के लोगों को राहत मिलेगी"

नक्सल पीड़ितों ने सीएम साय की तारीफ की: इस दौरान बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने सीएम साय की तारीफ भी राष्ट्रपति के सामने की है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को सराहा. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. राज्य सरकार की तरफ से बस्तर में विकास के कार्य किए जा रहे हैं. लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. इस सबसे बस्तरवासियों में नई उम्मीदें और आशाएं जगी है.

इससे पहले गुरुवार को बस्तर शांति समिति के बैनर तले नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था. इसमें उन्होंने मौन प्रदर्शन के जरिए बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे की मांग की थी.

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नई दिल्ली: बस्तर शांति समिति के 70 नक्सल पीड़ितों ने शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है. सभी लोगों ने राष्ट्रपति से नक्सलवाद को लेकर अपील की है. इस अपील में उन्होंने कहा कि बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कराया जाए. सभी नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति को बताया कि कैसे माओवादी हमले में उनका जीवन तबाह हो चुका है.

"चार दशकों से बस्तर नक्सलवाद से जूझ रहा": बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाड़े ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बस्तर में चार दशकों से जारी नक्सलवाद हिंसा के बारे में बताया. हमने बताया कि कैसे बीते चार दशकों से बस्तरवासी नक्सलवाद का दंश झेल रहे हैं. माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं. बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने हमारे जीवन को तहस नहस कर दिया है. विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी हम पूरी तरह टूट चुके हैं.

Naxal victims told problems to the President
नक्सल पीड़ितों ने राष्ट्रपति को अपनी तकलीफें बताई (ETV BHARAT)

"माओवादियों ने हमारे घरों, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है. बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं. आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं. जहां एक ओर देश के अन्य हिस्सों में लोग आजादी का आनंद ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं": प्रतिनिधि, बस्तर शांति समिति

President Droupadi Murmu
राष्ट्रपति के साथ बस्तर शांति समिति के सदस्य (ETV BHARAT)

"हम बस्तर में शांति और पुनर्निर्माण की अपील करते हैं. बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने चेहिए. बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर. राष्ट्रपति से हमने आग्रह किया है कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए प्रयास किए जाएं. जिससे बस्तर में शांति और लोगों का सामान्य जीवन लौट सके": मंगूराम कवाड़े और जयराम दास, बस्तर शांति समिति

राष्ट्रपति ने बस्तर के नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को सुना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को सुना. उन्होंने लोगों का आश्वासन दिया कि बस्तर में शांति और विकास के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी. राष्ट्रपति ने कहा कि" बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही बस्तर के लोगों को राहत मिलेगी"

नक्सल पीड़ितों ने सीएम साय की तारीफ की: इस दौरान बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने सीएम साय की तारीफ भी राष्ट्रपति के सामने की है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को सराहा. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. राज्य सरकार की तरफ से बस्तर में विकास के कार्य किए जा रहे हैं. लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. इस सबसे बस्तरवासियों में नई उम्मीदें और आशाएं जगी है.

इससे पहले गुरुवार को बस्तर शांति समिति के बैनर तले नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था. इसमें उन्होंने मौन प्रदर्शन के जरिए बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे की मांग की थी.

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