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कांग्रेस ने की संजय निरुपम की आलोचना, कहा-आरोप बेबुनियाद - Congress slams Sanjay Nirupam

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By Amit Agnihotri

Published : Apr 4, 2024, 5:24 PM IST

Congress slams Sanjay Nirupam: मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम के कांग्रेस से बाहर होने को लेकर पार्टी की ओर से कहा गया है कि इससे कोई असर नहीं पड़ेगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निरुपम नाराज थे क्योंकि वह मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे.

Congress slams Nirupam
कांग्रेस ने की संजय निरुपम की आलोचना

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए पूर्व नेता संजय निरुपम की आलोचना की. साथ ही कहा कि उनके जाने से मुंबई में कोई असर नहीं पड़ेगा.

मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख और पूर्व सांसद निरुपम ने कहा कि बुधवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद सबसे पुरानी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया. गुरुवार को निरुपम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में विचारधारा की कमी है और एआईसीसी स्तर पर पांच शक्ति केंद्रों के कारण पार्टी में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है.

एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने कहा, 'वह सिर्फ अपने नए राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. आलाकमान कई हफ्तों से उनके बयानों और गतिविधियों पर नजर रख रहा था और आखिरकार कल रात यह फैसला लिया. उनके जाने से मुंबई में पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि 'हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले सभी लोग इसी तरह के आरोप लगा रहे हैं. जब तक उन्हें पार्टी में लाभ मिल रहा था तब तक वे चुप थे लेकिन अब पार्टी की विचारधारा में खोट ढूंढ रहे हैं.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निरुपम नाराज थे क्योंकि वह मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, जो सीट-बंटवारे के तहत कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना यूबीटी को मिल गई है. 2019 में निरुपम ने कांग्रेस के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन संयुक्त शिवसेना के गजानन कीर्तिकर से हार गए थे.

इस बार शिवसेना यूबीटी ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार बनाया है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'निरुपम नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हम उस सीट के लिए नहीं लड़े लेकिन गठबंधन में लेन-देन होता रहता है.'

महाराष्ट्र प्रभारी ने निरुपम की यह कहने के लिए आलोचना की कि एआईसीसी में पार्टी प्रमुख खड़गे, पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल सहित पांच शक्ति केंद्र संचालित हैं और उनके चारों ओर मंडलियां हैं.

दुआ ने कहा कि 'यह फर्जी आरोप है. कोई शक्ति केंद्र नहीं हैं और पार्टी में सामूहिक निर्ण लिए जाते हैं. सभी प्रमुख निर्णय कांग्रेस कार्य समिति द्वारा लिए जाते हैं और सभी टिकटों को केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा मंजूरी दी जाती है.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि निरुपम, जो संयुक्त शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे, या तो भाजपा या उसके सहयोगी शिवसेना एकनाथ शिंदे में शामिल हो सकते हैं.

वर्षा गायकवाड़ ने ये कहा : मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ईटीवी भारत को बताया कि 'निरुपम हमारे वरिष्ठ नेताओं के बारे में बोलने के योग्य नहीं हैं. पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया लेकिन उन्होंने आज अपना असली रंग दिखा दिया. हम भगवान राम में विश्वास करते हैं लेकिन नाथूराम (गोडसे) में नहीं. वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को समझने में असफल रहे.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पश्चिमी राज्य में कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी के बीच उचित समन्वय था और सांगली और भिवंडी सीटों पर कथित मतभेदों को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया.

एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'बातचीत चल रही है और ये दोनों सीटें भी जल्द ही फाइनल हो जाएंगी.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने वर्धा सीट को कांग्रेस और राकांपा एसपी के बीच समझ का उदाहरण बताते हुए कहा कि पुरानी पार्टी के एक पूर्व विधायक अमर काले सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टी के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ रहे हैं.

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एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने कहा, 'वह सिर्फ अपने नए राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. आलाकमान कई हफ्तों से उनके बयानों और गतिविधियों पर नजर रख रहा था और आखिरकार कल रात यह फैसला लिया. उनके जाने से मुंबई में पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि 'हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले सभी लोग इसी तरह के आरोप लगा रहे हैं. जब तक उन्हें पार्टी में लाभ मिल रहा था तब तक वे चुप थे लेकिन अब पार्टी की विचारधारा में खोट ढूंढ रहे हैं.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निरुपम नाराज थे क्योंकि वह मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, जो सीट-बंटवारे के तहत कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना यूबीटी को मिल गई है. 2019 में निरुपम ने कांग्रेस के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन संयुक्त शिवसेना के गजानन कीर्तिकर से हार गए थे.

इस बार शिवसेना यूबीटी ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार बनाया है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'निरुपम नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हम उस सीट के लिए नहीं लड़े लेकिन गठबंधन में लेन-देन होता रहता है.'

महाराष्ट्र प्रभारी ने निरुपम की यह कहने के लिए आलोचना की कि एआईसीसी में पार्टी प्रमुख खड़गे, पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल सहित पांच शक्ति केंद्र संचालित हैं और उनके चारों ओर मंडलियां हैं.

दुआ ने कहा कि 'यह फर्जी आरोप है. कोई शक्ति केंद्र नहीं हैं और पार्टी में सामूहिक निर्ण लिए जाते हैं. सभी प्रमुख निर्णय कांग्रेस कार्य समिति द्वारा लिए जाते हैं और सभी टिकटों को केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा मंजूरी दी जाती है.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि निरुपम, जो संयुक्त शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे, या तो भाजपा या उसके सहयोगी शिवसेना एकनाथ शिंदे में शामिल हो सकते हैं.

वर्षा गायकवाड़ ने ये कहा : मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ईटीवी भारत को बताया कि 'निरुपम हमारे वरिष्ठ नेताओं के बारे में बोलने के योग्य नहीं हैं. पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया लेकिन उन्होंने आज अपना असली रंग दिखा दिया. हम भगवान राम में विश्वास करते हैं लेकिन नाथूराम (गोडसे) में नहीं. वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को समझने में असफल रहे.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पश्चिमी राज्य में कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी के बीच उचित समन्वय था और सांगली और भिवंडी सीटों पर कथित मतभेदों को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया.

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