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बुजुर्ग माता-पिता के हत्यारे वकील बेटे को अदालत ने सुनाई फांसी की सजा

उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार को अपने बुजुर्ग माता-पिता की हत्या करने वाले बेटे को अदालत ने फांसी की सज़ा सुनायी. साथ ही 10,000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. नवंबर 2020 में इस शख्स ने अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या (Death sentence to son for elderly parents murder ) कर दी थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 7:47 PM IST

जानकारी देते जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक

बरेली: मंगलवार को बरेली की अदालत ने बुजुर्ग माता-पिता के हत्यारे बेटे को फांसी की सजा सुनाते हुए 10,000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. आरोपी बेटे ने जमीन के लालच में नवंबर 2020 में बुजुर्ग माता-पिता की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी. मंगलवार को बरेली की अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने इस केस में फैसला (Barielly court pronounced Death sentence) सुनाया.

हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा था
हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा था

बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड अध्यापक 76 वर्षीय लालता प्रसाद और उनकी पत्नी 75 वर्षीय मोहन देवी बहरौली गांव में रहते थे. उनके दो बेटे वकील दुर्वेश गंगवार और वकील उमेश कुमार गंगवार अलग-अलग अपने परिवारों के साथ रहा करते थे. बताया जा रहा है कि 76 वर्षीय लालता प्रसाद के बड़े बेटे दुर्वेश गंगवार का अपने माता-पिता से जमीन के बंटवारे को लेकर आए दिन विवाद होता रहता था.

10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने की थी हत्या
10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने की थी हत्या

दुर्वेश जमीन में आधा हिस्सा चाहता था. उसके माता-पिता ने उसे एक तिहाई हिस्सा ही दिया था. इसके चलते 10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने अवैध तमंचे से गोली मारकर पहले अपने पिता 76 वर्षीय लालता प्रसाद को मौत के घाट उतारा और उसके बाद जब उसकी मां मोहन देवी उन्हें बचाने पहुंची, तो उनकी भी गोलियां मार कर हत्या कर दी. इतना ही नहीं माता-पिता की हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा.

जब उसने देख लिया कि वह दोनों मर चुके हैं, उसके बाद मौके से फरार हो गया था. इसके बाद मीरगंज थाने की पुलिस ने आरोपी बेटे दुर्वेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था. बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान नौ गवाहों को पेश किया गया. मंगलवार को अदालत ने माता-पिता के हत्यारे बेटे दुर्वेश गंगवार को दोषी करार देते हुए तब तक फांसी पर लटकाने की सजा दी, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी पर 10,000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया.

फैसले में कुरान और रामायण के चौपाइयों का भी किया गया है उल्लेख: अदालत में सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने माता-पिता के हत्या के मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान वाल्मीकि रामायण और पुराणों के साथ-साथ कुरान के चौपाइयों और दोहों का भी जिक्र किया गया है. जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि 2020 में जमीनी विवाद में वकील दुर्वेश ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की गोलियां मार कर हत्या कर दी थी. इस केस में अदालत ने फैसला सुनाया है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: सबसे पहले सपा ने जारी की 16 कैंडिडेट्स की लिस्ट, डिंपल यादव मैनपुरी से लडे़ंगी

जानकारी देते जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक

बरेली: मंगलवार को बरेली की अदालत ने बुजुर्ग माता-पिता के हत्यारे बेटे को फांसी की सजा सुनाते हुए 10,000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. आरोपी बेटे ने जमीन के लालच में नवंबर 2020 में बुजुर्ग माता-पिता की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी. मंगलवार को बरेली की अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने इस केस में फैसला (Barielly court pronounced Death sentence) सुनाया.

हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा था
हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा था

बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड अध्यापक 76 वर्षीय लालता प्रसाद और उनकी पत्नी 75 वर्षीय मोहन देवी बहरौली गांव में रहते थे. उनके दो बेटे वकील दुर्वेश गंगवार और वकील उमेश कुमार गंगवार अलग-अलग अपने परिवारों के साथ रहा करते थे. बताया जा रहा है कि 76 वर्षीय लालता प्रसाद के बड़े बेटे दुर्वेश गंगवार का अपने माता-पिता से जमीन के बंटवारे को लेकर आए दिन विवाद होता रहता था.

10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने की थी हत्या
10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने की थी हत्या

दुर्वेश जमीन में आधा हिस्सा चाहता था. उसके माता-पिता ने उसे एक तिहाई हिस्सा ही दिया था. इसके चलते 10 नवंबर 2020 को सुबह वकील दुर्गेश गंगवार ने अवैध तमंचे से गोली मारकर पहले अपने पिता 76 वर्षीय लालता प्रसाद को मौत के घाट उतारा और उसके बाद जब उसकी मां मोहन देवी उन्हें बचाने पहुंची, तो उनकी भी गोलियां मार कर हत्या कर दी. इतना ही नहीं माता-पिता की हत्या करने के बाद आरोपी बेटा दुर्वेश काफी देर तक मौका-ए-वारदात पर ही खड़ा रहा.

जब उसने देख लिया कि वह दोनों मर चुके हैं, उसके बाद मौके से फरार हो गया था. इसके बाद मीरगंज थाने की पुलिस ने आरोपी बेटे दुर्वेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था. बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान नौ गवाहों को पेश किया गया. मंगलवार को अदालत ने माता-पिता के हत्यारे बेटे दुर्वेश गंगवार को दोषी करार देते हुए तब तक फांसी पर लटकाने की सजा दी, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी पर 10,000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया.

फैसले में कुरान और रामायण के चौपाइयों का भी किया गया है उल्लेख: अदालत में सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने माता-पिता के हत्या के मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान वाल्मीकि रामायण और पुराणों के साथ-साथ कुरान के चौपाइयों और दोहों का भी जिक्र किया गया है. जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि 2020 में जमीनी विवाद में वकील दुर्वेश ने अपने बुजुर्ग माता-पिता की गोलियां मार कर हत्या कर दी थी. इस केस में अदालत ने फैसला सुनाया है.

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