श्रीनगर: बांग्लादेश में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन ने कश्मीर में अभिभावकों को परेशान कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, इस हिंसक प्रदर्शन में अबतक 39 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. इस घटना को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक छात्र संघ ने कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है.
As protests & turmoil grip Bangladesh I urge @DrSJaishankar to urgently intervene & ensure safety of thousands of Kashmiri students in Bangladesh. Internet services being suspended has only added to the distress of their parents. Immediate steps must be taken to bring them back…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 19, 2024
बता दें, भारत के जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों से हर साल सैकड़ों छात्र मेडिकल कोर्स, खासकर एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए बांग्लादेश जाते हैं. क्योंकि, वहां मेडिकल डिग्री लेना भारत और अन्य देशों की तुलना में काफी सस्ती है. देश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारत में उन छात्रों के माता-पिता काफी डरे हुए और परेशान हैं, जिनके बच्चे वहां पढ़ाई के सिलसिले में रह रहे हैं.
इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि बांग्लादेश हिंसा ने उन अभिभावकों को परेशान कर दिया है जिनके बच्चे पड़ोसी देश में पढ़ रहे हैं. मुफ्ती ने इस बाबत आगे पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश में विरोध और अशांति फैल रही है, मैं @DrSJaishankar से आग्रह करती हूं कि वे तत्काल हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश में हजारों कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किए जाने से उनके अभिभावकों की परेशानी और बढ़ गई है. उन्हें घर वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए.
वहीं, जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने कश्मीरी छात्रों के पुनर्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि सैकड़ों कश्मीरी छात्रों ने हमसे संपर्क किया है, अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है और अपने छात्रावासों से तुरंत सुरक्षित वातावरण में स्थानांतरित करने की मांग की है.
जेकेएसए ने एक बयान में कहा कि बढ़ती हिंसा उनके जीवन और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है. हमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फंसे कई कश्मीरी छात्रों से संकटपूर्ण कॉल प्राप्त हुए हैं. कई अभिभावकों ने भी हमें सूचित किया है कि उनके बच्चे चल रही हिंसा और अशांति के कारण डरे हुए और चिंतित हैं. कश्मीर में वापस परिवार उनकी सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित और चिंतित हैं.
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