बालाघाट। जिला उपभोक्ता फोरम ने जूता शोरूम के मालिक को कड़ा सबक सिखाया है. 600 रुपये के जूते खराब निकलने पर दुकानदार ने ग्राहक को राशि वापस नहीं की और अभद्रता अलग से कर दी. इसके बाद खरीदार ने उपभोक्ता फोरम में गुहार लगाई. 11 वर्ष तक अपने हक के अधिकार की लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार उसे इंसाफ मिला. राज्य उपभोक्ता फोरम ने दुकानदार को आदेश दिया है कि ग्राहक को 600 रुपये के जूते के बदले मूल कीमत के अलावा वार्षिक ब्याज दर 6%, ग्राहक को हुए शारीरिक व मानसिक क्षति के लिए 1000 रुपए और अपील में खर्च हुए 1000 रुपए की राशि सहित कुल 3 हजार 40 रुपए का भुगतान करें.
साल 2013 में खरीदे जूते, दो दिन में ही खराब निकले
दरअसल, बालाघाट के मोती नगर वार्ड नंबर 23 निवासी शिवराज ठाकरे ने वर्ष 2013 में सुभाष चौक स्थित एक फुटवेयर की दुकान से 600 रुपये में एक कंपनी के जूते खरीदे. लेकिन 2 दिन बाद ही जूते का सोल अलग हो गया. जब शिवराज जूता बदलने के लिए दुकान पर पहुंचे तो दुकानदार ने जूता बदलने से इनकार कर दिया. साथ ही दुकानदार ने ग्राहक से बदतमीजी की. इसके बाद ग्राहक शिवराज ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की. यहां दो माह तक चले प्रकरण में मामूली मुआवजा मिलने पर शिवराज संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने अपील राज्य उपभोक्ता फोरम भोपाल में की.
फोरम कोर्ट के फैसले से ग्राहक संतुष्ट
राज्य उपभोक्ता फोरम में वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2024 तक केस चला. इसके बाद ग्राहक के पक्ष में राज्य उपभोक्ता फोरम ने आदेश दिया. उपभोक्ता को कुल 3 हजार 40 का भुगतान का आदेश हुआ. ग्राहक शिवराज ठाकरे ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा "देर से सही लेकिन न्याय मिला है." बालाघाट जिला उपभोक्ता फोरम के न्यायिक सदस्य हर्षा बिजेवार डोहारे ने बताया "ग्राहक शिवराज ठाकरे को दुकानदार ने फैसले के अनुसार राशि अदा कर दी है. इस मामले का यहीं समाप्त कर दिया गया है."