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ओडिशा: पुरी में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की बाहुड़ा यात्रा आज - Bahuda Yatra - BAHUDA YATRA

Bahuda rath yatra Lord jagannath puri: ओडिशा के पुरी श्रीमंदिर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होने के बाद पूजा-पाठ का सिलसिला जारी है. सोमवार को विशेष बाहुड़ा यात्रा निकाली जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

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भगवान जगन्नाथ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 15, 2024, 9:07 AM IST

Updated : Jul 15, 2024, 9:13 AM IST

पुरी: ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध श्रीमंदिर में आज का धार्मिक अनुष्ठान भी महत्वपूर्ण है. सोमवार को भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहनों के साथ मौसी के घर से श्रीमंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे. इस दौरान विशेष विधि- विधान से पूजा पाठ किए जाएंगे. आज के इस अनुष्ठान को बाहुड़ा रथ यात्रा के नाम से जाना जाता है.

बता दें कि गुंडिचा मंदिर में नौ दिनों के प्रवास के बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन - देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र लोकप्रिय बाहुड़ा यात्रा (वापसी यात्रा) के रूप में श्रीमंदिर लौटेंगे. देवता अपने-अपने भव्य रथों में सवार होकर वापस आएंगे. उन्हें श्रद्धालु गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक खींचेंगे. बाहुड़ा यात्रा के सुचारू संचालन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. ये देवताओं के नौ दिवसीय प्रवास के अंत का प्रतीक है.

सूत्रों के अनुसार बाहुड़ा यात्रा के लिए सभी अनुष्ठानों का कार्यक्रम तय कर दिया गया है. परंपरा के अनुसार गुंडिचा मंदिर में सभी अनुष्ठान पूरे होने के बाद, दोपहर 12 बजे देवताओं की 'पहांडी' निकाली जाएगी. शाम 4 बजे रथों को खींचने की परंपरा निभाई जाएगी. रथों को खींचने की विधि पूरी होने के बाद, रथों के ऊपर अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अनुसार सभी अनुष्ठानों को सुचारू और अनुशासित तरीके से आयोजित करने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं. प्रशासन अनुष्ठानों के समय पर संचालन पर जोर दे रहा है.

ये भी पढ़ें- ओडिशा: जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद फिर से खुला, जानिए क्या है इसके अंदर?

पुरी: ओडिशा के विश्व प्रसिद्ध श्रीमंदिर में आज का धार्मिक अनुष्ठान भी महत्वपूर्ण है. सोमवार को भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहनों के साथ मौसी के घर से श्रीमंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे. इस दौरान विशेष विधि- विधान से पूजा पाठ किए जाएंगे. आज के इस अनुष्ठान को बाहुड़ा रथ यात्रा के नाम से जाना जाता है.

बता दें कि गुंडिचा मंदिर में नौ दिनों के प्रवास के बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन - देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र लोकप्रिय बाहुड़ा यात्रा (वापसी यात्रा) के रूप में श्रीमंदिर लौटेंगे. देवता अपने-अपने भव्य रथों में सवार होकर वापस आएंगे. उन्हें श्रद्धालु गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक खींचेंगे. बाहुड़ा यात्रा के सुचारू संचालन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. ये देवताओं के नौ दिवसीय प्रवास के अंत का प्रतीक है.

सूत्रों के अनुसार बाहुड़ा यात्रा के लिए सभी अनुष्ठानों का कार्यक्रम तय कर दिया गया है. परंपरा के अनुसार गुंडिचा मंदिर में सभी अनुष्ठान पूरे होने के बाद, दोपहर 12 बजे देवताओं की 'पहांडी' निकाली जाएगी. शाम 4 बजे रथों को खींचने की परंपरा निभाई जाएगी. रथों को खींचने की विधि पूरी होने के बाद, रथों के ऊपर अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अनुसार सभी अनुष्ठानों को सुचारू और अनुशासित तरीके से आयोजित करने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं. प्रशासन अनुष्ठानों के समय पर संचालन पर जोर दे रहा है.

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Last Updated : Jul 15, 2024, 9:13 AM IST
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