देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम पूरी तरह से बदल गया है. केदारनाथ धाम के बाद अब बदरीनाथ की बारी है. बदीरनाथ में बीते 18 महीनों से दिन रात काम चल रहा है. चारधाम के कपाट भले ही बंद हो गए हो, लेकिन ठंड और बर्फ़बारी के बीच आज भी कार्यदायी संस्था बदरीनाथ की सूरत संवारने में दिन-रात लगी हुई है. क्या है बदरीनाथ का पूरा प्रोजेक्ट और इस प्रोजेक्ट के बाद कैसे दिखाई देगा बदरीनाथ धाम आज इसी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
भोलेनाथ के केदारनाथ धाम के तरह भगवान विष्णु से जुड़े बदरीनाथ धाम की भी सूरत पूरी तरह बदल जाएगी. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विष्णु का धाम बदरीनाथ धीरे-रे पूरी तरह से बदल रहा है. बदरीनाथ धाम का जो ब्लू प्रिंट सामने आया है, उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में धाम के चारों तरफ एक ऐसा इंफ्राटक्चर खड़ा हो जाएगा, जिसके बारे में आज से पहले शायद ही कभी सोचा गया हो.
भक्तों को आकर्षित करेगी धाम की सुंदरता: खूबसूरत पहाड़ों के बीच अलौकिक ये स्थान भक्तों को इस कदर आकर्षित करेगा, जिसकी कोई सीमा नहीं. ये प्रोजेक्ट न सिर्फ राज्य, बल्कि केंद्र सरकार का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस पूरे प्रोजेक्ट में उस तकनीक से काम किया जा रहा है, जिसमें पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे.
धीरे-धीरे बदलने लगा बदरीनाथ धाम: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद निर्माण कार्यों में और तेजी आई है. बदरीनाथ धाम के आसपास का नजारा अब धीरे-धीरे बदलने लगा है, जिसकी कुछ फोटो आईएनआई स्टूडियो ने पर्यटन विभाग को दी है, जिसे देखकर आप बदरीनाथ धाम की भव्यता और दिव्यता को अंदाजा लगा सकते है.
बदरीनाथ धाम के ठीक नीचे नदी किनारे घाटों की सुंदरता देखते ही बनेगी: ब्रह्म कपाल और तीर्थ घाट पर कर्मकांड व श्राद्ध तर्पण करने वालों को बैठकर ही एक अलग अनुभूति होगी. ब्रह्म कपाल की शीला के आसपास के इलाके को पूरी तरह से बदला जा रहा है. बदरीनाथ में स्थित झील से लेकर मंदिर तक जाने वाले मार्ग को बेहद सुंदर और मजबूत बनाया जा रहा है. जिसका काम लगभग पूरा हो गया है.
भक्तों की सुविधा का रखा गया विशेष ध्यान: भक्तों के रुकने की जगह हो या मेडिटेशन सेंटर हर एक चींच का ख्लाय रखा जा रहा है. भगवान विष्णु से जुड़ी बड़ी-बड़ी तस्वीर और पेंटिंग बदरीनाथ की सुंदरता को चार चांद लगाएगी. बर्फबारी के समय भी भक्तों से लेकर स्थानीय लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
अंतरराज्यीय बस अड्डे का काम भी तेजी चल रहा: बदरीनाथ धाम में अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जा रहा है, जिसका काम लगभग 40 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. पर्यटन विभाग की माने तो बदरीनाथ में लगने वाली एक-एक लाइट का पोल बेहद यूनिक होगा. बदरीनाथ में जाम की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए आने-जाने वाले मार्ग को वन-वे बनाया गया है. इसके अलावा बदरीनाथ धाम में ही सिविक एमिनिटी सेंटर और अराइवल प्लाजा का काम लगभग अंतिम चरण में है.
बर्फबारी से नहीं होगा कोई नुकसान: प्रोजेक्ट में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि अत्यधिक बर्फबारी के दौरान वहां किसी भी तरह का नुकसान न हो. बदरीनाथ धाम में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अगर कोई होगा तो वह होगा धाम से गुजरने वाला कॉरिडोर.
यह कॉरिडोर मुख्य मार्ग से होता हुआ बदरीनाथ धाम मंदिर जाएगा, जहां से आप नदी के प्रमुख घाटों पर पहुंच सकते है. राज्य सरकार भी यह चाहती है कि बदरीनाथ में बनने वाले कॉरिडोर पर जब भक्त चले तो वह उसकी खूबसूरती देखकर ही अभिभूत हो जाए. 85 एकड़ के इस कॉरिडोर में म्यूजियम से लेकर 8 गैलरी और सभी मंदिरों को जोड़ा जाएगा.
बदरीनाथ में स्थित शीश नेत्र और बदरी झील को बेहद खूबसूरत तरीके से बनाया जाएगा. खास बात यह है कि बदरीनाथ के अलावा व्यास गुफा, गणेश गुफा और अलकनंदा के साथ-साथ सरस्वती के जन्म स्थान को आध्यात्मिक और ज्यादा खूबसूरत बनाया जाएगा.
600 करोड़ रुपए का बजट: इसी कड़ी में इस जगह पर पांच पांडवों की मूर्ति भी लग चुकी है, जो सभी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहती है. इन सभी कामों के लिए 600 करोड रुपए से अधिक का बजट रखा गया है. हालांकि पहले ये बजट 424 करोड़ रुपए का था. जिला अधिकारी चमोली संदीप तीवारी की माने तो बदरीनाथ में काम लगातार चल रहा है, वो हाल ही में खुद बदरीनाथ होकर आए है.
उन्होंने वहां चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया है. ठंड में भी काम लगातार जारी है. प्रशासन का प्रयास है कि अगले साल यात्रा शुरू होने से पहले काफी हद तक काम पूरा हो जाए. ताकि भक्तों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. जिला अधिकारी चमोली संदीप तीवारी ने बताया कि उनकी पूरा प्रयास है कि बर्फबारी में भी काम न रूके.
पर्यावरण और धार्मिक मान्यता को ध्यान में रखकर हो रहा काम: मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम लगातार बदरीनाथ में चल रहे कामों की मॉनिटरिंग कर रही है. एक-एक काम पीएम मोदी खुद देख रहे हैं और उन्हें इस बात की खुशी है कि आने वाले दिनों में बदरीनाथ के आसपास का पूरा क्षेत्र बेहद बदल जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से सभी उन पहलुओं पर बातचीत कर ली गई है, जो रुकी हुई थी. अब किसी को किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं है. यहीं कारण है कि काम और भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
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