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17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, एक क्लिक में जानें चारधाम की क्लोजिंग डेट

17 नवंबर को रात 9 बजकर सात मिनट पर बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, विजयादशमी पर घोषित हुई तिथि

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

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बदरीनाथ धाम (ETV Bharat)

चमोली: आज 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो गई है. आगामी 17 नवंबर को मिथुन लग्न में रात नौ बजकर सात मिनट पर पूरे विधि-विधान से भगवान बदरी विशाल मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे. वहीं भगवान मदमहेश्वर के कपाट भी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसके अलावा तीन नवंबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. वहीं, दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे.

वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी आगामी 20 नवंबर को बंद होंगे. इसके अलावा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजयादशमी/दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचांग गणना पश्चात समारोह पूर्वक तय की गयी.

13 नवंबर को शुरू हो जाएगी कपाट बंद होने की प्रक्रिया: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रकिया 13 नवंबर से शुरू हो जाएगी. सोमवार 13 नवंबर को पहले दिन गणेश जी की पूजा होगी और फिर शाम को गणेश जी के कपाट बंद होंगे. 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे.

16 नंवबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा: वहीं 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा. इसके बाद शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा. 17 नवंबर शाम सात बजे बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. रावल जी स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे.

उद्धव‌ जी और कुबेर जी को लाया जाएगा गर्भगृह से बाहर: बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से पहले श्री उद्धव‌ जी और कुबेर जी को मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में लाया जाएगा. इसी के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे. इसी दिन साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रवास हेतु पहुंचेंगे और श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे.

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत सोमवार 18 नवंबर को उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे. उद्धव जी और कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी. इस तरह इस वर्ष की बदरीनाथ धाम यात्रा का भी समापन हो जायेगा.

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि जानें: यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैया दूज के दिन ही बंद होंगे. वहीं भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होते हैं. इस यात्रा वर्ष भैयादूज रविवार 3 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर बंद हो रहे हैं और अन्नकूट गोवर्धन पूजा शनिवार 2 नवंबर को है. इस दिन गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुभ मुहूर्त में बंद हो रहे हैं.

द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि: वहीं, द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद हो रहे हैं. इसके अलावा तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद हो रहे हैं. जबकि मद्महेश्वर मेला 23 नवंबर को है. इसी दिन मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से होकर 7 नवंबर को मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी. गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के कपाट बीते बृहस्पतिवार 10 अक्टूबर को बंद हो गये हैं.

जानें किन्हें भेंट की गई भंडार व्यवस्था की पगड़ी: वहीं आज ही देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ. साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था हेतु सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी. भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी, कमदी थोक से अनुपम पंवार, मेहता थोक से यशवंत मेहता और सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी.

38.50 लाख भक्त कर चुके चारधाम के दर्शन: बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं. साढ़े 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन कर चुके है. इस तरह 24.50 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ के दर्शन कर लिए है. वहीं अभीतक 38.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.

तीन नंबवर को बंद होंगे केदरानाथ धाम के कपाट: परंपरागत रूप से श्री केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को बंद हो जाते हैं. इस बार श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भैयादूज को सुबह 8.30 बजे बंद हो रहे हैं. इसी दिन 3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर (निकट फाटा) को प्रस्थान करेगी.

10 मई से शुरू हुई थी चारधाम यात्रा: बताते चलें कि इस बार की चारधाम यात्रा 2024 दस मई को शुरू हुई थी. तीन धामों यानी केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 10 मई को खुले थे. वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 को खुले थे. अब एक महीने से कुछ दिन ज्यादा ही चारधाम यात्रा चलेगी. द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को

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चमोली: आज 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो गई है. आगामी 17 नवंबर को मिथुन लग्न में रात नौ बजकर सात मिनट पर पूरे विधि-विधान से भगवान बदरी विशाल मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे. वहीं भगवान मदमहेश्वर के कपाट भी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसके अलावा तीन नवंबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. वहीं, दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे.

वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी आगामी 20 नवंबर को बंद होंगे. इसके अलावा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे. बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजयादशमी/दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचांग गणना पश्चात समारोह पूर्वक तय की गयी.

13 नवंबर को शुरू हो जाएगी कपाट बंद होने की प्रक्रिया: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रकिया 13 नवंबर से शुरू हो जाएगी. सोमवार 13 नवंबर को पहले दिन गणेश जी की पूजा होगी और फिर शाम को गणेश जी के कपाट बंद होंगे. 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे.

16 नंवबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा: वहीं 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा. इसके बाद शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा. 17 नवंबर शाम सात बजे बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. रावल जी स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे.

उद्धव‌ जी और कुबेर जी को लाया जाएगा गर्भगृह से बाहर: बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने से पहले श्री उद्धव‌ जी और कुबेर जी को मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में लाया जाएगा. इसी के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे. इसी दिन साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रवास हेतु पहुंचेंगे और श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे.

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत सोमवार 18 नवंबर को उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे. उद्धव जी और कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी. इस तरह इस वर्ष की बदरीनाथ धाम यात्रा का भी समापन हो जायेगा.

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि जानें: यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैया दूज के दिन ही बंद होंगे. वहीं भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होते हैं. इस यात्रा वर्ष भैयादूज रविवार 3 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर बंद हो रहे हैं और अन्नकूट गोवर्धन पूजा शनिवार 2 नवंबर को है. इस दिन गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुभ मुहूर्त में बंद हो रहे हैं.

द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि: वहीं, द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद हो रहे हैं. इसके अलावा तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद हो रहे हैं. जबकि मद्महेश्वर मेला 23 नवंबर को है. इसी दिन मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से होकर 7 नवंबर को मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी. गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के कपाट बीते बृहस्पतिवार 10 अक्टूबर को बंद हो गये हैं.

जानें किन्हें भेंट की गई भंडार व्यवस्था की पगड़ी: वहीं आज ही देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ. साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था हेतु सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी. भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी, कमदी थोक से अनुपम पंवार, मेहता थोक से यशवंत मेहता और सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी.

38.50 लाख भक्त कर चुके चारधाम के दर्शन: बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं. साढ़े 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन कर चुके है. इस तरह 24.50 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ के दर्शन कर लिए है. वहीं अभीतक 38.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.

तीन नंबवर को बंद होंगे केदरानाथ धाम के कपाट: परंपरागत रूप से श्री केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को बंद हो जाते हैं. इस बार श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भैयादूज को सुबह 8.30 बजे बंद हो रहे हैं. इसी दिन 3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर (निकट फाटा) को प्रस्थान करेगी.

10 मई से शुरू हुई थी चारधाम यात्रा: बताते चलें कि इस बार की चारधाम यात्रा 2024 दस मई को शुरू हुई थी. तीन धामों यानी केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 10 मई को खुले थे. वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 को खुले थे. अब एक महीने से कुछ दिन ज्यादा ही चारधाम यात्रा चलेगी. द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को

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