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VIDEO : करिए, रामलला के मस्तक पर आज मणि जैसे सूर्याभिषेक के दर्शन,  20 घंटे खुला रहेगा मंदिर, जानिए सूर्य तिलक का समय - Ram Navami 2024 - RAM NAVAMI 2024

रामनगरी में इस बार की रामनवमी काफी खास है. वर्षों के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं. रामनवमी पर आज सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी. इस खास मौके पर 20 घंटे तक मंदिर खुला रहेगा.

RAM NAVAMI 2024
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 13, 2024, 8:23 AM IST

Updated : Apr 17, 2024, 6:24 AM IST

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अयोध्या : वर्षों के इंतजार के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. इस ऐतिहासिक पल के बाद की पहली रामनवमी पर आज रामलला के दिव्य दर्शन होंगे. दोपहर 12 बजे 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी. सूर्य तिलक के लिए आज सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके लिए आज यानी मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को 20 घंटे तक मंदिर खुला रहेगा. करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने के मद्देनजर ट्रस्ट की तरफ से खास इंतजाम किए गए हैं. वहीं, रामलला के दिव्य दर्शन के लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज भी अयोध्या पहुंच चुके हैं.

बीते हफ्ते सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों ने इसका ट्रायल पूरा कर लिया था. इस दौरान सूरज की किरणें पड़ते ही रामलला का मस्तक मणि जैसा दमक उठा. इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी आ चुके हैं.

भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के मौके पर दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरण लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगी. शुक्रवार को सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों ने इसका सफल ट्रायल किया. अब रामनवमी पर भक्त आसानी से इस अद्भुत नजारे को देख सकेंगे. ट्रायल का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें मुख्य पुजारी आरती उतारते दिख रहे हैं. इस बीच सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक का अभिषेक कर रहीं हैं. राम, सियाराम, सियाराम का संगीत भी बजता सुनाई दे रहा है.

पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त कर ली. श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि दुनिया का यह पहला भगवान राम का मंदिर है. यह बहुत ही अद्भुत मंदिर है. रामनवमी पर यहां अद्भुत दृश्य दिखाई देगा. भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी, इस तरह का यह विश्व का पहला मंदिर है.

रामलला के ललाट पर जब सूर्य की किरणें पड़ेंगी तो यह नजारा काफी आकर्षक होगा. केवल राम नवमी के दिन ही रामलला के प्राकट्य समय में ही सूर्य ललाट पर दिखाई देगा. इसे देखने के लिए भक्त काफी उत्सुक हैं. आचार्य ने धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि जब भगवान रामलला का धरती पर अवतार हुआ था तो उस दौरान भगवान सूर्य एक महीने तक अयोध्या छोड़कर गए ही नहीं थे. वही दृश्य इस वर्ष भगवान के जन्मोत्सव पर दिखाई देगा.

सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक तक पहुंचाने के लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम काफी समय से लगी है. टीम ने इसके लिए दो साल में सूर्य तिलक मैकेनिज्म तैयार किया. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि रामनवमी पर हर साल दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 4 मिनट तक रामलला के मस्तक का अभिषेक करेंगी. इस प्लानिंग में बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की भी मदद ली गई. लेंस और ब्रास ट्यूब के जरिए सूर्य के पथ को तैयार किया गया.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, ईद पर इकबाल अंसारी के घर पहुंचे राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

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अयोध्या : वर्षों के इंतजार के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. इस ऐतिहासिक पल के बाद की पहली रामनवमी पर आज रामलला के दिव्य दर्शन होंगे. दोपहर 12 बजे 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को सुशोभित करेंगी. सूर्य तिलक के लिए आज सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके लिए आज यानी मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को 20 घंटे तक मंदिर खुला रहेगा. करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने के मद्देनजर ट्रस्ट की तरफ से खास इंतजाम किए गए हैं. वहीं, रामलला के दिव्य दर्शन के लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज भी अयोध्या पहुंच चुके हैं.

बीते हफ्ते सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों ने इसका ट्रायल पूरा कर लिया था. इस दौरान सूरज की किरणें पड़ते ही रामलला का मस्तक मणि जैसा दमक उठा. इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी आ चुके हैं.

भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के मौके पर दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरण लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगी. शुक्रवार को सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों ने इसका सफल ट्रायल किया. अब रामनवमी पर भक्त आसानी से इस अद्भुत नजारे को देख सकेंगे. ट्रायल का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें मुख्य पुजारी आरती उतारते दिख रहे हैं. इस बीच सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक का अभिषेक कर रहीं हैं. राम, सियाराम, सियाराम का संगीत भी बजता सुनाई दे रहा है.

पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त कर ली. श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि दुनिया का यह पहला भगवान राम का मंदिर है. यह बहुत ही अद्भुत मंदिर है. रामनवमी पर यहां अद्भुत दृश्य दिखाई देगा. भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी, इस तरह का यह विश्व का पहला मंदिर है.

रामलला के ललाट पर जब सूर्य की किरणें पड़ेंगी तो यह नजारा काफी आकर्षक होगा. केवल राम नवमी के दिन ही रामलला के प्राकट्य समय में ही सूर्य ललाट पर दिखाई देगा. इसे देखने के लिए भक्त काफी उत्सुक हैं. आचार्य ने धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि जब भगवान रामलला का धरती पर अवतार हुआ था तो उस दौरान भगवान सूर्य एक महीने तक अयोध्या छोड़कर गए ही नहीं थे. वही दृश्य इस वर्ष भगवान के जन्मोत्सव पर दिखाई देगा.

सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक तक पहुंचाने के लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम काफी समय से लगी है. टीम ने इसके लिए दो साल में सूर्य तिलक मैकेनिज्म तैयार किया. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि रामनवमी पर हर साल दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 4 मिनट तक रामलला के मस्तक का अभिषेक करेंगी. इस प्लानिंग में बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की भी मदद ली गई. लेंस और ब्रास ट्यूब के जरिए सूर्य के पथ को तैयार किया गया.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, ईद पर इकबाल अंसारी के घर पहुंचे राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

Last Updated : Apr 17, 2024, 6:24 AM IST
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