अयोध्या: शहर के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, रंगकर्मी और कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस और अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहे गोपाल कृष्ण वर्मा ने शुक्रवार की सुबह पुलिस को बताया कि उन्होंने अपनी बुजुर्ग बीमार मां की हत्या कर दी है. वह आत्मसमर्पण करने के लिए कोतवाली आए हैं.
गोपाल कृष्ण वर्मा ने चार पन्ने का एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि 'अत्यधिक कर्ज में डूब जाने के कारण वह मानसिक अवसाद में थे. उनका यह दर्द उनकी मां से देखा नहीं जा रहा था, जिसके चलते उन्होंने अपनी 85 वर्षीय बीमार मां को दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए मार दिया. इस कृत्य के लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं और इसमें किसी का कोई दोष नहीं है.'
आपको बताते चले कि गोपाल कृष्ण वर्मा शहर के प्रसिद्ध रंगकर्मी रहे हैं. इसके अलावा सदी के आठवें और नवें दशक में वह सक्रिय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता रहे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से जुड़कर भी राजनीति की. अन्ना आंदोलन के समय उन्होंने इस आंदोलन में बेहद सक्रिय भूमिका निभाते हुए दिल्ली के अनशन में शामिल हुए. अन्ना के साथ अलग-अलग शहरों में यात्रा भी की थी.
इसके अतिरिक्त शहर में जीके कार्ड एंपोरियम के नाम से उनकी एक प्रसिद्ध दुकान भी थी. लेकिन, बीते काफी समय से गोपाल कृष्ण अकेला महसूस कर रहे थे और इस बीच बुरी तरह से आर्थिक तंगी के शिकार हो गए.
पत्र में गोपाल कृष्ण ने लिखा है कि 'मेरी मां बेहद बीमार और बुजुर्ग थीं. मैं आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. मेरी परेशानी को देखकर मेरी बीमार मां काफी परेशान रहती थीं. उन्हें लगता था कि मैं आत्महत्या कर लूंगा या उन्हें छोड़कर कहीं चला जाऊंगा. उन्होंने मुझे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन वह सक्षम नहीं थी. मैं उन्हें रोज तिल तिल कर मारता हुआ देख रहा था. मेरे प्यार करने वाले मुझे जानने वाले मुझे बचाने की हर कोशिश कर रहे थे. मेरे इस कृत्य पर किसी को विश्वास नहीं होगा. मेरी इस हरकत पर सबसे ज्यादा तकलीफ मेरी बहन कम्मो को होगी. लेकिन मैं मजबूर हूं अपनी मां को और तड़पते हुए नहीं देख सकता.'
2 दिन पहले मां से बताई थी हत्या की योजना: पत्र में गोपाल कृष्ण ने लिखा है कि 'मेरी मां ने कहा कि मुझे सपना आया कि तुम मुझे छोड़ कर चले गए हो. मैं बहुत परेशान हूं. इसलिए मैंने अपनी मां से कहा था कि मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा, ना आत्महत्या करूंगा. बल्कि मैं तुम्हें इस तकलीफ से मुक्ति दिला दूंगा. मेरी मां ने कहा कि मैं जीना चाहती हूं लेकिन मैं उन्हें इस तकलीफ में नहीं देख सकता था. इसीलिए मैंने ऐसा कदम उठाया है. ऐसा करने के बाद मुझे जो सजा मिलेगी मंजूर है. वैसे भी मैं बहुत बीमार हूं. 10 दिन से बिस्तर पर हूं. चलने फिरने पर मुझे चक्कर आ रहा है. मेरी सारी परेशानियों की वजह मैं खुद हूं. मेरी वजह से मेरी मां इस हालत में पहुंची और मेरे जानने वाले परेशान हुए इस पूरे कृत्य में किसी का कोई दोष नहीं है. इस पूरी घटना के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं.'
गोपाल कृष्ण के भाई ने कहा, हत्या पर नहीं है विश्वास, मां की हुई स्वाभाविक मृत्यु: घटना पर गोपाल कृष्ण वर्मा के भाई अनुराग वर्मा का अलग बयान है. उनका कहना है कि उनके भाई काफी दिन से मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे, अवसाद में थे. उनकी माता की मृत्यु स्वाभाविक है. वह 85 वर्ष की थीं और काफी बीमार थीं. काफी समय से बेड पर थीं. प्रथम दृष्टया हत्या किए जाने जैसी कोई बात नहीं है. मानसिक अवसाद में होने के कारण उन्होंने इस तरह का पत्र उच्च अधिकारियों को और कोतवाली में दिया है. मेरे भाई की मानसिक हालत काफी समय से ठीक नहीं थी. मेरे भाई ने जिस समय इस घटना के होने की बात कही है, उस समय मेरे एक और बड़े भाई बालकिशन वर्मा कमरे में मौजूद थे.
पुलिस ने कहा, हमें नहीं मिला कोई पत्र: मामले पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस टीम ने जांच कर फॉरेंसिक टीम के माध्यम से साक्ष्यों संकलन कराए हैं इसके अतिरिक्त डॉक्टर के पैनल द्वारा मृत महिला कृष्णा वर्मा का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है.एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि अभी हमें कोई पत्र नहीं मिला है पोस्टमार्टम से मिली रिपोर्ट के आधार पर साक्ष्य के संकलन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.