बीकानेर. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक कार्यक्रम बताया. उन्होंने कहा कि अभी तक मंदिर का काम पूरा नहीं हुआ है. एक राजनीतिक पार्टी ने अधूरे मंदिर में प्रतिष्ठा करने का काम किया है, जबकि प्राण प्रतिष्ठा मंदिर पूरा होने के बाद ही होती है. राम मंदिर निर्माण में अभी ढाई-तीन साल और लगेंगे. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मंदिर का शिखर बनेगा और ध्वजा भी लगाई जाएगी.
जल्दबाजी में हुई प्रतिष्ठा: उन्होंने कहा कि यह काम पूर्ण होने के बाद मंदिर में प्रतिष्ठा का कार्य भी किया जाएगा. अभी जो प्राण प्रतिष्ठा की गई वह एक राजनीतिक दल द्वारा की गई है. अभी मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है, यह अभी अधूरा है.
गौ माता पशु नहीं: इस बार के चुनावों में मिले बहुमत का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देश के बहुसंख्यक हिंदुओं ने इस बार वोट के माध्यम से अपनी भावना प्रकट कर दी है. जो राजनीतिक पार्टी गौ-हत्या बंद करने और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने का शपथ पत्र देगी. हम उन्हीं को वोट देंगे. इसके लिए पूरे देश भर में अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलना जरूरी है. गाय को पशु नहीं माना जाना चाहिए. पशु की सूची से गाय को हटाने से ही आगे का काम प्रशस्त होगा.