नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में एक निदेशक की गिरफ्तारी से चर्चा में आई दवा कंपनी अरबिंदो फार्मा ने कुल 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे जिसका आधे से अधिक हिस्सा अकेले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गया. चुनाव आयोग की तरफ से चुनावी बॉन्ड पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने 3 अप्रैल, 2021 से 8 नवंबर, 2023 के बीच चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और भाजपा को 34.5 करोड़ रुपये, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को 15 करोड़ रुपये और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 2.5 करोड़ रुपये का दान दिया था.
इस दवा निर्माता कंपनी ने अपने एक निदेशक पी शरत चंद्र रेड्डी को विवादास्पद दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए जाने के पांच दिन बाद 15 नवंबर, 2022 को पांच करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा ने इन बॉन्ड को 21 नवंबर, 2022 को भुनाया था. इस बारे में कंपनी से प्रतिक्रिया लेने के लिए भेजे गए सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं.
पिछले साल जून में दिल्ली की एक अदालत द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद रेड्डी इस मामले में सरकारी गवाह बन गए थे. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि वह व्यापार मालिकों और उत्पाद शुल्क मामले में शामिल राजनेताओं के साथ साजिश करके शराब नीति से अनुचित लाभ हासिल करने के लिए अनुचित बाजार प्रथाओं में शामिल थे.
कंपनी ने आठ नवंबर, 2023 को 25 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे, जिन्हें भाजपा ने 17 नवंबर, 2023 को भुना लिया. इससे पहले पांच जनवरी, 2022 को अरबिंदो फार्मा ने तीन करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे, जिन्हें 12 जनवरी, 2022 को भाजपा ने भुनाया था.
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