नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की तेजतर्रार महिला नेता और सरकार में सबसे अधिक विभागों की जिम्मेदारी निभाने वाली अतिशी ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजनिवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी को मुख्यमंत्री के पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. साथ ही राष्ट्रपति से स्वीकृत पांच विधायक गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत को भी शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण समारोह सादे ढंग से संपन्न हुआ. इसमें दिल्ली सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी ही शामिल हुए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के शपथ ग्रहण की स्वीकृति संबंधित अधिसूचना जारी हुई थी. साथ ही अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार कर लिया गया. अरविंद केजरीवाल ने जिन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया इससे पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित नहीं हैं. इसलिए आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई जश्न नहीं मनाया जाएगा.
#WATCH AAP नेता आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2024
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। pic.twitter.com/ww1IuVAXGS
डेढ़ साल में मंत्री से मुख्यमंत्री बनी आतिशी: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया और उससे पहले मनी लांड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन के इस्तीफा के बाद गत वर्ष अरविंद केजरीवाल ने अपने कैबिनेट में दो मंत्रियों को शामिल किया था. जिसमें आतिशी और सौरभ भारद्वाज थे. मार्च 2023 में आतिशी मंत्री बनी थी. राजनिवास में ही उपराज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई थी. आज यह दूसरा मौका था जब उपराज्यपाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
#WATCH AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने आतिशी नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/9Y5f5IriLE
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पार्टी कार्यकर्ताओं से जश्न नहीं मनाने की अपील: जिस दिन आतिशी का मुख्यमंत्री बनना तय हुआ था, वह विधायक दल की नेता चुनी गई थीं, उसी दिन आतिशी ने सभी कार्यकर्ता व अन्य लोगों से अपील की थी कि वह उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए बधाई ना दें, ना ही माला पहनाए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से दुख है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है.
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं आतिशी: आज शनिवार को पूर्व निर्धारित समय पर शाम 4:30 बजे आतिशी अपने मंत्रियों के साथ राजनिवास पहुंची और वहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई है. इससे पहले कांग्रेस से शीला दीक्षित लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही. उनसे पहले बीजेपी की तेजतर्रार नेता सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
सबसे अधिक विभागों वाली मुख्यमंत्री: मुख्यमंत्री बनने से पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में अतिशी सबसे अधिक विभागों वाली मंत्री थी. अभी उनके पास वित्त, राजस्व, योजना, महिला और बाल विकास, शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, कला व संस्कृति और भाषा, लोक निर्माण विभाग, बिजली, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, सेवा और सतर्कता विभाग की जिम्मेदारी थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी चर्चा है कि वह इन सभी विभागों को खुद संभालेंगी.
#WATCH AAP नेता गोपाल राय ने आतिशी नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/YidkKdrJ3H
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कैबिनेट में नए मंत्री मुकेश अहलावत के शामिल होने के मायने: मुख्यमंत्री बनी आतिशी के कैबिनेट में यूं तो सभी मंत्री पुराने हैं, लेकिन एक नया नाम मुकेश अहलावत के रूप में जुड़ा है. इसके पीछे आम आदमी पार्टी की रणनीति भी साफ दिखाई देती है. मुकेश अहलावत दलित कोटे से कैबिनेट से शामिल हुए हैं. इसके जरिए आम आदमी पार्टी दिल्ली में दलित बहुल विधानसभा सीटों पर वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी.
राजनिवास में उपराज्यपाल ने इन्हें दिलाई शपथ:
- आतिशी: मुख्यमंत्री
- गोपाल राय: कैबिनेट मंत्री
- कैलाश गहलोत: कैबिनेट मंत्री
- सौरभ भारद्वाज: कैबिनेट मंत्री
- इमरान हुसैन: कैबिनेट मंत्री
- मुकेश अहलावत: कैबिनेट मंत्री
दिल्ली विधानसभा का सत्र: नई मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी. दिल्ली विधानसभा का सत्र 8 अक्टूबर से पहले हर हाल में बुलाना है. पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा था कि नई मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने के बाद सत्र कभी भी बुलाया जा सकता है. सरकार द्वारा दो दिन के लिए सत्र बुलाए जाने पर भी विपक्ष में बैठी भाजपा ने एतराज जताया है. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को ही विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर मांग की है कि विधानसभा का सत्र कम से कम सात दिनों के लिए बुलाया जाए और उसमें प्रश्नकाल भी रखा जाए. ताकि दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चर्चा हो सके.