नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 की तिथियां घोषित कर दी हैं. जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में क्रमश: 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा.वहीं हरियाणा में 1 अक्टूबर को मतदान होगा. दोनों ही राज्यों में 4 अक्टूबर को मतगणना होगी.
#WATCH | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, " there are a total of 90 assembly constituencies in haryana, of which 73 are general, sc-17 and st-0. there will be a total of 2.01 crore voters in haryana, of which 1.06 crore are males, 0.95 crore are females, 4.52 lakhs… pic.twitter.com/IYOrODjrrE
— ANI (@ANI) August 16, 2024
चुनाव आयोग ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर, दूसरे चरण 26 सीटों पर और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान होगा. साथ ही यहां 360 माडल पोलिंग बूथ होंगे. 11 हजार 833 पोलिंग बूथ होंगे. उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने और मौसम ठीक होने का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को फाइनल वोटरलिस्ट जारी कर दी जाएगी. लोकसभा में तीन सीटों पर हुए मतदान में 51 प्रतिशत वोट पड़ा था.फार्म एम को सरल किया था.
राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के दौरे में चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में ललक थी. वहीं लोकसभा चुनाव में लंबी कतारें जम्हूरियत की ताकत थी. आवाम खुद तकदीर लिखना चाहती थी. चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में इस बीर 3 सीटें बढ़ाई गई हैं. पिछली बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें थीं. वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था.
#WATCH | Assembly Elections in Haryana: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, " assembly elections will be held in one phase; voting on october 1. counting of votes will take place on october 4" pic.twitter.com/U22qhG3uoR
— ANI (@ANI) August 16, 2024
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा चुनाव के बारे में बताते हुए कहा कि एथलीट और खिलाड़ियों की धरती में 2 करोड़ 1 हजार वोटर हैं. राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए 20 हजार 629 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यहां 73 सामान्य सीटें और 17 एससी सीटें हैं. इसकी वोटर लिस्ट 27 अगस्त को जारी कर दी जाएगी. वहीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
महाराष्ट्र की विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है. अतीत में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में एक साथ विधानसभा चुनाव कराए थे. झारखंड में अलग-अलग चुनाव हुए थे.
#WATCH | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, " during lok sabha elections in j&k, people were there to participate in the elections. the long queues and the shine on their faces were a testament to this...there was thriving political participation in the entire… pic.twitter.com/kqeVajHBva
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रिपोर्ट में चुनाव आयोग के जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के हालिया दौरों का हवाला दिया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दो चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू 8-9 अगस्त को हितधारकों से मिलने और चुनाव तैयारियों का आकलन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर में थे. इसी उद्देश्य से टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा में थी.
#WATCH | Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, " ...2024 lok sabha polls were the biggest election process at the world level. it was completed successfully and peacefully. it created a very strongly democratic surface for the entire democratic world, it was peaceful… pic.twitter.com/V8lfxaPRtV
— ANI (@ANI) August 16, 2024
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में वर्तमान में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. यहां पर 2019 में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे. वहीं, महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर 2019 को वोटिंग हुई थी. बात झारखंड की करें तो 81 विधानसभा सीटों पर पिछली बार 2019 में मत डाले गए थे. सबसे महत्वपूर्ण बात जम्मू-कश्मीर की बात की जाए तो यहां आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. वहीं, आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव होंगे.
जम्मू-कश्मीर में पहले 87 विधानसभा सीटें थीं. इनमें से 37 जम्मू में, 46 कश्मीर घाटी में और लद्दाख में 6 सीटें थीं, लेकिन परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है. जिनमें 43 सीटें जम्मू और तकरीबन 47 सीटें कश्मीर में हैं.
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के अनोखे मतदान केंद्रों का प्रदर्शन किया
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम का अनावरण किया, उन्होंने तीन मतदान केंद्रों की ओर ध्यान आकर्षित किया जो अपनी असाधारण भौगोलिक स्थितियों के कारण अलग हैं. कोरागबल, सीमारी और डल झील में तैरते मतदान केंद्र अपने अनोखे स्थानों के लिए उल्लेखनीय हैं. ये केंद्र जम्मू-कश्मीर के विविध इलाकों में चुनाव कराने के लिए आवश्यक चुनौतियों और अनुकूलन का उदाहरण हैं.
Unique #PollingStations #Koragbal #Seemari #DalLake#ECI does #WhateverItTakes to reach every last voter traversing the difficulties of terrain or otherwise.#J&KElections pic.twitter.com/crkk3FccUi
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 16, 2024
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर गुरेज विधानसभा क्षेत्र में स्थित, कोरागबल मतदान केंद्र पूरी तरह से अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी के लिए है. इस सुदूर स्टेशन पर 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 80.01 प्रतिशत प्रभावशाली मतदान हुआ. इसका स्थान सीमित पहुंच और बढ़ी हुई सुरक्षा चिंताओं वाले क्षेत्रों में चुनावी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कुपवाड़ा जिले में स्थित सीमारी मतदान केंद्र इस क्षेत्र में अपनी तरह का पहला मतदान केंद्र है. रसद और सुरक्षा संबंधी बाधाओं का सामना करने के बावजूद, यह लगातार उच्च मतदाता मतदान प्राप्त करता है, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच लचीलापन और समर्पण दिखाता है. वहीं श्रीनगर में, डल झील तीन तैरते मतदान केंद्रों का घर है. खार मोहल्ला आबी करपोरा मतदान केंद्र, झील के तैरते हुए सेटअपों में से एक है, जो केवल तीन मतदाताओं की सेवा करता है. मतदान दल को ले जाने के लिए घाटों और शिकारों का उपयोग किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सबसे अलग-थलग मतदाताओं को भी चुनावी प्रक्रिया तक पहुंच मिल सके.
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू
जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव कार्यक्रम जारी होने के बाद अब आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आयोग ने पुष्टि की कि आदर्श आचार संहिता जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ हरियाणा में सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और सरकार पर लागू होती है. यह विनियमन इन क्षेत्रों में चुनाव संबंधी गतिविधियों और आचरण की निगरानी करेगा. बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करने वाली किसी भी घोषणा या नीतिगत निर्णय के संबंध में यह संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होती है.