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कश्मीर में चाचा-भतीजे के बीच चुनावी टक्कर, यहां दो मीर एक-दूसरे के खिलाफ ठोक रहे ताल - Kashmir Assembly Election 2024

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 3:34 PM IST

Assembly Election 2024: विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद कश्मीर की सियासत गर्म हो गई है. राजनीतिक दांव-पेंच जारी है. कश्मीर के लालचौक में इस बार चाचा-भतीजे के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है. यहां दो मीर एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकते नजर आ रहे हैं. कश्मीर में जारी राजनीतिक हलचल पर ईटीवी भारत संवाददाता मीर फरहत की रिपोर्ट....

KASHMIR ASSEMBLY ELECTION 2024
मोहम्मद अशरफ मीर और जुहैब मीर (ETV Bharat)

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कश्मीर घाटी के श्रीनगर शहर में एक मजबूत चुनावी जंग देखने को मिल रही है, जहां शहर के अमीर मीर परिवार के दो नई पीढ़ी के राजनेता लालचौक सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं.

कश्मीर की सियासत गर्म
श्रीनगर के अथवाजन के अब्दुल सलाम मीर के वंशज मोहम्मद अशरफ मीर और जुहैब मीर एक ऐसे परिवार से हैं जो दशकों से निर्माण और बिल्डिंग व्यवसाय में है. दोनों अब विधानसभा चुनाव में लालचौक सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसे कभी नेशनल कॉन्फ्रेंस अपना गढ़ कहती थी और अब चाचा-भतीजा दोनों ही इस सीट को अपने लिए छीनकर उस निर्वाचन क्षेत्र पर शासन करना चाहते हैं जो दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर का प्रवेश द्वार है.

चाचा-भतीजे के बीच चुनावी जंग
चाचा मोहम्मद अशरफ मीर लालचौक सीट पर अपने भतीजे जुहैब मीर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका नाम रूस के रेड स्क्वायर के नाम पर अमीरा कदल से बदलकर रख दिया गया है. एमबीए ग्रेजुएट बड़े (अशरफ मीर) मीर 2008 में राजनीति में शामिल हुए और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नामांकन पर अपने पहले चुनाव में उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया. जिसके बाद से उन्हें "किंग स्लेयर" कहा जाने लगा.

मोहम्मद अशरफ मीर की सियासत
पीडीपी-भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री 2021 में अपनी पार्टी में शामिल हुए और हाल ही में श्रीनगर संसदीय सीट से एनसी के आगा रूहुल्लाह मेहदी के खिलाफ संसदीय चुनावों में अपनी जमानत खो दी. मीर अपने भतीजे को हराने की उम्मीद में अपनी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जुहैब जनवरी 2022 में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी में शामिल हुए, जब पार्टी आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद मुश्किल में थी. वह इसलिए क्योंकि लगभग 40 नेताओं ने इसे छोड़कर व्यवसायी अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी बना ली थी.

भतीजे जुहैब मीर ब्रिटेन से अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की है
लाल चौक से पीडीपी के उम्मीदवार जुहैब ने ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की है. वह अपनी पार्टी के उम्मीदवार के बड़े भाई मुहम्मद यूसुफ मीर के बेटे हैं. नामांकन के दौरान दायर उनके हलफनामों के अनुसार, दोनों के पास करोड़ों की संपत्ति है. जुहैब ने एक करोड़ की संपत्ति घोषित की है, जबकि उनकी पत्नी के पास 35 लाख रुपये से अधिक मूल्य का 500 ग्राम सोना है. हालांकि, उन्होंने कोई देनदारी नहीं दिखाई है.

उन्होंने घोषणापत्र में अपने नाम पर कोई अचल संपत्ति नहीं दिखाई है. इस साल अप्रैल में संसदीय चुनाव के लिए नामांकन के दौरान दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके चाचा अशरफ मीर की कुल संपत्ति 32 करोड़ रुपये है. मीर ने अपने लिए 97 लाख रुपये और अपनी पत्नी के लिए 1.50 करोड़ रुपये की चल संपत्ति घोषित की है. उनकी अचल संपत्ति 1.50 करोड़ रुपये की है, जिसमें कृषि भूमि शामिल है, जबकि उनके आवासीय भवन और अपार्टमेंट की कीमत 30.15 करोड़ रुपये है.

लाल चौक सीट पर दो मीर ठोक रहे ताल
इसके अलावा, उनके पास एसयूवी- एक टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक महिंद्रा स्कॉर्पियो है. लाल चौक, जिसमें कुल 1 लाख 7 हजार 199 मतदाता हैं, का चुनावी नक्शा 2022 के परिसीमन में बदल गया है. यहां दो मीर एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं, भाजपा ने पूर्व युवा नेता एजाज हुसैन को मैदान में उतारा है, जबकि एनसी ने पूर्व एमएलसी और नौकरशाह गुलाम कादिर परदेसी के बेटे युवा अहसान परदेसी को टिकट दिया है। गुलाम कादिर परदेसी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत पीडीपी से की थी, लेकिन बाद में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए, जब पीडीपी के संरक्षक दिवंगत मुफ्ती सईद ने 2008 के विधानसभा चुनावों में परदेसी के बजाय अशरफ मीर को तरजीह दी.

श्रीनगर शहर में 25 सितंबर को दूसरे चरण में मतदान होना है, जिसमें मध्य कश्मीर की 26 सीटों और जम्मू क्षेत्र की कुछ सीटों पर मतदान होना है. 8 अक्टूबर को मतगणना से यह तय होगा कि शहर के मुख्य केंद्र लालचौक के मतदाताओं ने मीर वंश के किसी सदस्य को चुना है या फिर पार्टी के परदेसी वंश पर भरोसा किया है.

ये भी पढ़ें: क्या AIP जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह कर देगी हैरान?

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कश्मीर घाटी के श्रीनगर शहर में एक मजबूत चुनावी जंग देखने को मिल रही है, जहां शहर के अमीर मीर परिवार के दो नई पीढ़ी के राजनेता लालचौक सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं.

कश्मीर की सियासत गर्म
श्रीनगर के अथवाजन के अब्दुल सलाम मीर के वंशज मोहम्मद अशरफ मीर और जुहैब मीर एक ऐसे परिवार से हैं जो दशकों से निर्माण और बिल्डिंग व्यवसाय में है. दोनों अब विधानसभा चुनाव में लालचौक सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसे कभी नेशनल कॉन्फ्रेंस अपना गढ़ कहती थी और अब चाचा-भतीजा दोनों ही इस सीट को अपने लिए छीनकर उस निर्वाचन क्षेत्र पर शासन करना चाहते हैं जो दक्षिण कश्मीर से श्रीनगर का प्रवेश द्वार है.

चाचा-भतीजे के बीच चुनावी जंग
चाचा मोहम्मद अशरफ मीर लालचौक सीट पर अपने भतीजे जुहैब मीर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका नाम रूस के रेड स्क्वायर के नाम पर अमीरा कदल से बदलकर रख दिया गया है. एमबीए ग्रेजुएट बड़े (अशरफ मीर) मीर 2008 में राजनीति में शामिल हुए और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नामांकन पर अपने पहले चुनाव में उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया. जिसके बाद से उन्हें "किंग स्लेयर" कहा जाने लगा.

मोहम्मद अशरफ मीर की सियासत
पीडीपी-भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री 2021 में अपनी पार्टी में शामिल हुए और हाल ही में श्रीनगर संसदीय सीट से एनसी के आगा रूहुल्लाह मेहदी के खिलाफ संसदीय चुनावों में अपनी जमानत खो दी. मीर अपने भतीजे को हराने की उम्मीद में अपनी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जुहैब जनवरी 2022 में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी में शामिल हुए, जब पार्टी आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद मुश्किल में थी. वह इसलिए क्योंकि लगभग 40 नेताओं ने इसे छोड़कर व्यवसायी अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी बना ली थी.

भतीजे जुहैब मीर ब्रिटेन से अर्थशास्त्र की डिग्री हासिल की है
लाल चौक से पीडीपी के उम्मीदवार जुहैब ने ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की है. वह अपनी पार्टी के उम्मीदवार के बड़े भाई मुहम्मद यूसुफ मीर के बेटे हैं. नामांकन के दौरान दायर उनके हलफनामों के अनुसार, दोनों के पास करोड़ों की संपत्ति है. जुहैब ने एक करोड़ की संपत्ति घोषित की है, जबकि उनकी पत्नी के पास 35 लाख रुपये से अधिक मूल्य का 500 ग्राम सोना है. हालांकि, उन्होंने कोई देनदारी नहीं दिखाई है.

उन्होंने घोषणापत्र में अपने नाम पर कोई अचल संपत्ति नहीं दिखाई है. इस साल अप्रैल में संसदीय चुनाव के लिए नामांकन के दौरान दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके चाचा अशरफ मीर की कुल संपत्ति 32 करोड़ रुपये है. मीर ने अपने लिए 97 लाख रुपये और अपनी पत्नी के लिए 1.50 करोड़ रुपये की चल संपत्ति घोषित की है. उनकी अचल संपत्ति 1.50 करोड़ रुपये की है, जिसमें कृषि भूमि शामिल है, जबकि उनके आवासीय भवन और अपार्टमेंट की कीमत 30.15 करोड़ रुपये है.

लाल चौक सीट पर दो मीर ठोक रहे ताल
इसके अलावा, उनके पास एसयूवी- एक टोयोटा फॉर्च्यूनर और एक महिंद्रा स्कॉर्पियो है. लाल चौक, जिसमें कुल 1 लाख 7 हजार 199 मतदाता हैं, का चुनावी नक्शा 2022 के परिसीमन में बदल गया है. यहां दो मीर एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं, भाजपा ने पूर्व युवा नेता एजाज हुसैन को मैदान में उतारा है, जबकि एनसी ने पूर्व एमएलसी और नौकरशाह गुलाम कादिर परदेसी के बेटे युवा अहसान परदेसी को टिकट दिया है। गुलाम कादिर परदेसी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत पीडीपी से की थी, लेकिन बाद में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए, जब पीडीपी के संरक्षक दिवंगत मुफ्ती सईद ने 2008 के विधानसभा चुनावों में परदेसी के बजाय अशरफ मीर को तरजीह दी.

श्रीनगर शहर में 25 सितंबर को दूसरे चरण में मतदान होना है, जिसमें मध्य कश्मीर की 26 सीटों और जम्मू क्षेत्र की कुछ सीटों पर मतदान होना है. 8 अक्टूबर को मतगणना से यह तय होगा कि शहर के मुख्य केंद्र लालचौक के मतदाताओं ने मीर वंश के किसी सदस्य को चुना है या फिर पार्टी के परदेसी वंश पर भरोसा किया है.

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