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सीएम हिमंता ने दिया बयान, कहा-'हो' भाषा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, झामुमो ने तंज कसते हुए उठाए सवाल - Ho Language

Ho language politics in Jharkhand. झारखंड में हो भाषा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग से जुड़ी तस्वीर साझा की है. इस पर झामुमो की ओर से भी एक चिट्ठी साझा कर प्रतिक्रिया दी गई है.

Ho Language Politics In Jharkhand
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और झामुमो का सिंबल. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 17, 2024, 3:07 PM IST

रांचीः असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने 'हो' भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग से जुड़ी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर झारखंड की राजनीति को गरमा दिया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले आदिवासी 'हो' समाज के परिवारजनों की कई वर्षों से मांग थी कि 'हो' भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.

बयान देते असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इसको लेकर उनकी पहल पर 'हो' समाज युवा महासभा और अखिल भारतीय हो भाषा एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया है कि भारत सरकार उनकी मांग पर विचार करेगी. खास बात यह है कि सीएम हिमंता के इस पोस्ट से कुछ घंटे पहले ही पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'हो' भाषा के बाबत लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया था.

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी हो भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि क्षेत्रीय और मातृभाषा में लोगों को शिक्षा दी जाए, यहां तक कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की भी पढ़ाई मातृभाषा में हो. उन्होंने कहा कि हो भाषा को लेकर पुरानी मांग रही है. केंद्रीय गृहमंत्री ने आश्वासन दिया है, उम्मीद करते हैं कि सकारात्मक परिणाम इसका आएगा.

पत्रकारों से बात करते बाबूलाल मरांडी (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
झारखंड में हो भाषा है दूसरी राजकीय भाषा

झारखंड में 2011 में ही हो को दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है. आठवीं अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा 2003 में ही केंद्र सरकार से सिफारिश की जा चुकी है, मगर अब तक इसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है. गौरतलब है कि हो भाषा को झारखंड सहित पूरे देश भर में 50 लाख से अधिक लोग बोलते हैं, अकेले झारखंड में ही 20 लाख से अधिक लोगों के द्वारा इसे बोली जाती है. उसके बाद ओडिशा में सर्वाधिक यह भाषा बोली जाती है. ऐसे में इनकी मांग संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर लंबे समय से चल रही है. आपको बता दें कि बीते 14 सितंबर को दिल्ली के जंतर- मंतर पर भी इस मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था.

झामुमो ने चिट्ठी साझा कर कसा तंज

खास बात यह है कि 'हो' भाषा को लेकर राजनीति शुरु होते रही है. झामुमो ने 21 अगस्त 2020 को सीएम हेमंत द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी गई चिट्ठी को साझा करते हुए लिखा है कि केंद्र सरकार की नींद कब खुलेगी. मुख्यमंत्री ने हो, मुंडारी, कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार साल पहले ही पत्र लिखा था. सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग पर भी केंद्र सरकार का रवैया सुस्त रहा है.

बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी

झारखंड में नैरेटिव सेट करने में जुटी भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. हेमंत सरकार के खिलाफ भाजपा ने 20 सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरु करने की तैयारी की है जो तीन अक्टूबर तक चलेगी. इस दौरान सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 5400 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली जाएगी. इस अभियान की सफलता को लेकर असम के मुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने आज पार्टी ऑफिस में हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद थे.

जन्मदिन पर पीएम को दी बधाई

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बधाई दी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकसित भारत मिशन की ओर बढ़ रहा है. इस दौरान उन्होंने कई योजनाओं का भी जिक्र किया.

ये भी पढ़ें-

चंपाई सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग - Ho language in Eighth Schedule

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झामुमो-कांग्रेस के कई विधायक हैं संपर्क में, बोले हिमंता बिस्वा- सबके लिए नहीं है जगह, मारना शुरू कर देंगे बीजेपी वाले - Himanta Biswa Sarma

रांचीः असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने 'हो' भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग से जुड़ी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर झारखंड की राजनीति को गरमा दिया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले आदिवासी 'हो' समाज के परिवारजनों की कई वर्षों से मांग थी कि 'हो' भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.

बयान देते असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

इसको लेकर उनकी पहल पर 'हो' समाज युवा महासभा और अखिल भारतीय हो भाषा एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. गृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिलाया है कि भारत सरकार उनकी मांग पर विचार करेगी. खास बात यह है कि सीएम हिमंता के इस पोस्ट से कुछ घंटे पहले ही पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 'हो' भाषा के बाबत लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया था.

इधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी हो भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि क्षेत्रीय और मातृभाषा में लोगों को शिक्षा दी जाए, यहां तक कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की भी पढ़ाई मातृभाषा में हो. उन्होंने कहा कि हो भाषा को लेकर पुरानी मांग रही है. केंद्रीय गृहमंत्री ने आश्वासन दिया है, उम्मीद करते हैं कि सकारात्मक परिणाम इसका आएगा.

पत्रकारों से बात करते बाबूलाल मरांडी (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
झारखंड में हो भाषा है दूसरी राजकीय भाषा

झारखंड में 2011 में ही हो को दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है. आठवीं अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा 2003 में ही केंद्र सरकार से सिफारिश की जा चुकी है, मगर अब तक इसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है. गौरतलब है कि हो भाषा को झारखंड सहित पूरे देश भर में 50 लाख से अधिक लोग बोलते हैं, अकेले झारखंड में ही 20 लाख से अधिक लोगों के द्वारा इसे बोली जाती है. उसके बाद ओडिशा में सर्वाधिक यह भाषा बोली जाती है. ऐसे में इनकी मांग संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर लंबे समय से चल रही है. आपको बता दें कि बीते 14 सितंबर को दिल्ली के जंतर- मंतर पर भी इस मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था.

झामुमो ने चिट्ठी साझा कर कसा तंज

खास बात यह है कि 'हो' भाषा को लेकर राजनीति शुरु होते रही है. झामुमो ने 21 अगस्त 2020 को सीएम हेमंत द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी गई चिट्ठी को साझा करते हुए लिखा है कि केंद्र सरकार की नींद कब खुलेगी. मुख्यमंत्री ने हो, मुंडारी, कुड़ुख भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार साल पहले ही पत्र लिखा था. सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग पर भी केंद्र सरकार का रवैया सुस्त रहा है.

बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी

झारखंड में नैरेटिव सेट करने में जुटी भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. हेमंत सरकार के खिलाफ भाजपा ने 20 सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरु करने की तैयारी की है जो तीन अक्टूबर तक चलेगी. इस दौरान सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 5400 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली जाएगी. इस अभियान की सफलता को लेकर असम के मुख्यमंत्री सह प्रदेश भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने आज पार्टी ऑफिस में हाई लेवल मीटिंग की. बैठक में संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और हटिया विधायक नवीन जायसवाल मौजूद थे.

जन्मदिन पर पीएम को दी बधाई

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बधाई दी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकसित भारत मिशन की ओर बढ़ रहा है. इस दौरान उन्होंने कई योजनाओं का भी जिक्र किया.

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