नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज के चुनाव में अब काफी कम समय रह गया है. इस बीच असम में राजनीतिक हलचल कफी बढ़ गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग भी जारी है. दोनों पक्षों की तरफ से मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए जी तोड़ मेहनत की जा रही है. इस तमाम गहमागहमी के बीच, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है. सरमा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला है.
असम के सीएम ने एक्स पर 7 विशिष्ट कारणों को उजागर किया है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर दिया है. मुख्यमंत्री ने अपने 'एक्स' अकाउंट से इन खास कारणों का जिक्र किया है. इन्हीं खास कारणों को लेकर मुख्यमंत्री सरमा राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना करते नजर आ रहे हैं.
सबसे पहले सीएम सरमा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर 90 राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का जिक्र किया, उसके बाद स्वतंत्र न्यायाधीशों का स्थानांतरण, संविधान के प्रथम संशोधन में FoE पर प्रतिबंध, प्रधानमंत्री कार्यालय को कमजोर करते हुए लुटियन मीडिया का निर्माण, वोटों के बदले नकदी के लिए झामुमो में रिश्वतखोरी और 25 जून, 1975 का जिक्र किया.
इस दिन में क्या है खास?
दरअसल, 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल की घोषणा की गई थी. 1975 से 1977 तक यानी 21 महीने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की थी. उस समय भारत में व्याप्त आंतरिक उथल-पुथल के कारण संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति द्वारा आधिकारिक तौर पर लगाया गया आपातकाल 21 मार्च, 1977 को समाप्त हो गया था.
उस समय गांधीजी के अधिकांश राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया गया और आपातकाल के दौरान मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई. उस समय कई अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन की सूचना मिली थी, जिसमें इंदिरा के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में पुरुष नसबंदी का एक बड़ा अभियान भी शामिल था.
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