अशोकनगर। एक पिता नवजात के पैर का कटा पंजा लेकर सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचा तो, यह दृश्य देखकर सिविल सर्जन सहित बाकी के डॉक्टर हैरानी में पड़ गये. क्योंकि नवजात के पैर से पंजा टूट कर अलग हो गया था. वहीं, नवजात के पिता ने SNCU (Special Newborn Care Unit) में इलाज के दौरान लगाए गए टैग के कारण पैर के सड़ने की वजह बताई. हालांकि सिविल सर्जन ने मामले में जांच करने के बाद कार्यवाही की बात कही है. Ashoknagar Newborn Leg Cut
नवजात के पिता ने पंजा अलग होने की यह बताई वजह
राजेबामौरा निवासी नवजात के पिता गोरेलाल ने बताया कि ''एक माह पहले उसकी पत्नी रामलेश की डिलीवरी हुई थी. 15 दिन बाद ही बच्चे को बुखार आया. जिसके बाद उसे जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में भर्ती कराया गया. जहां स्टाफ द्वारा उसके पैर के निचले हिस्से पर टैग लगाया गया. जिला अस्पताल में 5 दिन उपचार के बाद उसे भोपाल रेफर कर दिया गया. लेकिन भोपाल में जब स्टाफ नर्स द्वारा टैग को हटाया गया, तो नवजात के पैर की खाल भी उसी के साथ चिपक कर निकल गई. भोपाल में बुखार ठीक होने के बाद नवजात को घर लेकर आ गए थे. लेकिन शनिवार को घर पर दोपहर 3 बजे उसका पंजा पैर से अलग हो गया. इसके बाद अलग हुए पंजे ओर नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे हैं.''
जिला अस्पताल के सर्जन ने यह दिया तर्क
मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन ने इस मामले को सर्जन डॉक्टर के पास रेफर किया. डॉक्टर डीके भार्गव एवं अजय गहलोत ने बताया कि ''टैग का इतना दबाव नहीं होता है, जिससे की पंजा ही अलग हो जाए. यह बच्चे में कोई इंफेक्शन होगा, जिसके कारण इसके पैर के एक हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो रहा होगा या संभवतः इसे जन्म से ही गैंग्रीन जैसी समस्या होगी, जिसके कारण यह संभव है. पंजा पूरी तरह से सड़ चुका है, जिसे अब दोबारा से नहीं लगाया जा सकता.''
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जांच करने के बाद करेंगे कार्रवाई
सिविल सर्जन "डॉ एसएस छारी" ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया है. जहां उसका उपचार शुरू हो गया है. वहीं, पिता के आरोप को देखते हुए SNCU के डॉक्टर को नोटिस जारी किया जा रहा है. इस पूरे मामले की जांच कमेटी बनाकर जांच करवाएंगे. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.