ETV Bharat / bharat

गहलोत बोले- अब भाजपा का अगला निशाना बन सकती हैं ये दो पार्टियां - Ashok Gehlot Big Statement

Ashok Gehlot Big Statement, एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे के बाद अब अशोक गहलोत ने जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी के भविष्य को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भाजपा का अगला निशाना ये दोनों पार्टियां हो सकती हैं.

Ashok Gehlot Big Statement
गहलोत का बड़ा बयान (ETV BHARAT JAIPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 12, 2024, 11:01 AM IST

जयपुर. एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा होने के बाद अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है. गहलोत ने कहा कि भाजपा का इतिहास क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर अपना विस्तार करने का रहा है. अब जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी अगला निशाना हो सकती हैं.

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- ''केंद्रीय मंत्रिमंडल और मंत्रालयों में मिले स्थान को देखकर तो ऐसा लगता है कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को अपमान से बचने के लिए केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन करना चाहिए था. इससे कम से कम इन दोनों दलों की गरिमा और सम्मान बचा रहता. जेडीयू और टीडीपी को यह नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा का इतिहास क्षेत्रीय दलों को खत्म कर अपनी पार्टी का विस्तार करने का रहा है. आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस और ओडिशा में BJD इसके ताजा उदाहरण हैं. NDA सरकार की शुरुआत में ही हुई TDP और JDU की उपेक्षा से लगता है कि भाजपा का अगला निशाना ये दोनों पार्टियां ही बनने वाली हैं.''

इसे भी पढ़ें - गहलोत के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- कांग्रेस राज में नहीं आई बेरोजगारों की याद, सत्ता गई तो राग रहे अलाप - BJP Attack On Gehlot

मणिपुर पर देर से आया RSS प्रमुख का बयान : अशोक गहलोत ने एक अन्य पोस्ट में लिखा- ''मणिपुर हिंसा की केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत का बयान बहुत देर से आया है. पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने मणिपुर में हो रहे आतंरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया है. मणिपुर छोटा राज्य है. साथ ही भारत का अभिन्न अंग है. राहुल गांधी ने मणिपुर का कई बार दौरा किया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी मणिपुर जाने का प्रयास ही नहीं किया. मोहन भागवत को अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर केंद्र सरकार को मणिपुर पर ध्यान देने के लिए मजबूर करना चाहिए, जिससे वहां हिंसा रुक सके.''

जयपुर. एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा होने के बाद अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी के राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है. गहलोत ने कहा कि भाजपा का इतिहास क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म कर अपना विस्तार करने का रहा है. अब जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी अगला निशाना हो सकती हैं.

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- ''केंद्रीय मंत्रिमंडल और मंत्रालयों में मिले स्थान को देखकर तो ऐसा लगता है कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को अपमान से बचने के लिए केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन करना चाहिए था. इससे कम से कम इन दोनों दलों की गरिमा और सम्मान बचा रहता. जेडीयू और टीडीपी को यह नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा का इतिहास क्षेत्रीय दलों को खत्म कर अपनी पार्टी का विस्तार करने का रहा है. आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस और ओडिशा में BJD इसके ताजा उदाहरण हैं. NDA सरकार की शुरुआत में ही हुई TDP और JDU की उपेक्षा से लगता है कि भाजपा का अगला निशाना ये दोनों पार्टियां ही बनने वाली हैं.''

इसे भी पढ़ें - गहलोत के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- कांग्रेस राज में नहीं आई बेरोजगारों की याद, सत्ता गई तो राग रहे अलाप - BJP Attack On Gehlot

मणिपुर पर देर से आया RSS प्रमुख का बयान : अशोक गहलोत ने एक अन्य पोस्ट में लिखा- ''मणिपुर हिंसा की केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत का बयान बहुत देर से आया है. पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने मणिपुर में हो रहे आतंरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया है. मणिपुर छोटा राज्य है. साथ ही भारत का अभिन्न अंग है. राहुल गांधी ने मणिपुर का कई बार दौरा किया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी मणिपुर जाने का प्रयास ही नहीं किया. मोहन भागवत को अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर केंद्र सरकार को मणिपुर पर ध्यान देने के लिए मजबूर करना चाहिए, जिससे वहां हिंसा रुक सके.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.