पटनाः बिहार में लोकसभा चुनाव में सीट नहीं मिलने से नाराज कई नेता दलों का पाला-बदल जारी है. इसी क्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम का भी नाम जुड़ गया है. कटिहार लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज अशफाक करीम ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया है. इसको लेकर उन्होंने पत्र जारी किया है. इसके माध्यम से उन्होंने लालू यादव को मुसलमान विरोधी भी बताया.
लालू यादव पर गंभीर आरोपः पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखते हुए इस्तीफा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि "आपने मुसलमानों की हकमारी की है. उनकी आबादी के अनुरूप सम्मानजक हिस्सेदारी नहीं दी. इसलिए इस परिस्थिति में राजद के साथ राजनीति करना मेरे लिए संभव नहीं है."
नहीं मिला कटिहार से टिकटः अशफाक करीम लगातार 6 साल राजद से राज्यसभा सांसद रहे हैं लेकिन हाल में कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें मनोज झा के साथ दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया. सूत्रों से खबर है कि राजद उन्हें कटिहार से लोकसभा का टिकट देने का आश्वासन दिया था. राजद पूर्णिया की तरह कटिहार भी अपने खाते में करना चाहती थी लेकिन यह कांग्रेस के खाते में चला गया और यहां से तारिक अनवर को उम्मीदवार बनाया गया.
'एनडीए को करेंगे मजबूत': अपना पत्ता कटने से नाराज अशफाक करीम ने राजद से इस्तीफा दे दिया. चर्चा है कि बहुत जल्द एनडीए के घटक दल जदयू में शामिल हो सकते हैं. कटिहार जदयू के खाते में है और यहां से दुलालचंद गोस्वामी उम्मीदवार है. अशफाक करीम मुस्लिम के बीच बुद्धिजीवि माने जाते हैं. ऐसे में अशफाक करीम कटिहार से एनडीए को मजबूत करेंगे.
2010 विधानसभा चुनाव भी लड़ेः अशफाक करीम अल करीम एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक हैं. वे अल करीम यूनिवर्सिटी के चांसलर और कटिहार मेडिकल कॉलेज के चेयरमेन भी हैं. उन्होंने पहली बार 2010 में कटिहार विधानसभा से लोक जन शक्ति की पार्टी पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें कामयाबनी नहीं मिली थी.
2018 में राज्यसभा सांसद बनेः अशफाक करीम ने 2012 में बिहार के कोसी प्रमंडल के 8 जिलों के लिए 'कोसी बेदारी मोर्चा' नाम से अभियान चलाया. कोसी प्रमंडल को राज्य के करीब क्षेत्र बताते हुए उन्होंने विशेष दर्जा देने की मांग की थी. इसके बाद उन्होंने राजद की सदस्यता ली और 2018 में राज्यसभा सांसद बने. 6 साल राज्यसभा सांसद रहे.