विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिला विजयवाड़ा के बुदामेरु के नदी के पास के इलाकों में धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है. बाढ़ का पानी कम होने से लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन उनके घर के अंदर और बाहर पड़े अधिकतर सामान और वाहन पानी में डूब जाने से बेकार हो गए हैं. बता दें कि, इलाके में भारी बारिश और बाढ़ आने के बाद स्थानीय लोग इलाके को छोड़कर किसी सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे. अब जब पानी कम हुआ है तो वे फिर से वापस अपने अपने घरों को लौट आए हैं.
लोगों को तब अधिक निराशा हुई जब उन्होंने देखा कि उनके घरों में रखे टीवी फ्रिज, वाशिंग मशीन और अन्य सामान कीचड़ से भरे हुए थे. इतना ही नहीं कार और दोपहिया वाहनों के इंजन के अंदर पानी भर गए थे. भारी बारिश और बाढ़ के कारण किचन का अधिकतर सामान भी गायब हो गए या फिर इधर-उधर बिखरे पाए गए. बाढ़ के बाद की स्थिति का आकलन करें तो पाएंगे कि, जो लोग कड़ी मेहनत से पाई-पाई जोड़कर अपने लिए सामान जुटाए थे, उनमें से अधिकतर खराब हो गए थे. जिसके कारण लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है.
विजयवाड़ा के आस पास के इलाकों में रहने वाले ज्यादातर निम्न मध्यम वर्गीय परिवार चिंतित हैं कि उनका जीवन कभी भी सामान्य नहीं होगा. अजीत सिंह नगर, राजराजेश्वरी पेट, नंदमुरी नगर, लूना सेंटर और वाम्बे कॉलोनी में कई घरों से वॉशिंग मशीनें, फ्रिज और कूलर बह गए. बाढ़ से बचे लोगों का कहना है कि बाढ़ से हुई तबाही से उबरना उनकी पहुंच से बाहर होगा. उन्होंने बताया कि औसतन प्रत्येक घर में कम से कम 1 से 2 लाख रुपये का सामान नष्ट हो गया.
बाइक और कारें लगभग चार दिनों तक बाढ़ के पानी में डूबी रहीं जो अब स्टार्ट नहीं हो रही है. लोगों के लिए परेशानी यह भी है कि, बचे हुए सामानों की मरम्मत में काफी खर्च आएगा. इतना ही नहीं घरों में पानी की मोटरें पूरी तरह से कीचड़ से ढकी हुई हैं, इसलिए उन्हें मरम्मत के लिए ले जाने की जरूरत है. एक व्यक्ति ने कहा कि, उन्हें मोटर की मरम्मत के लिए 4-5 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे और खाना पकाने के स्टोव की मरम्मत भी जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है.
बाढ़ से बचे अधिकांश लोगों ने ईएमआई के माध्यम से फ्रिज, वॉशिंग मशीन और अन्य सामान खरीदे थे. अब सामान बेकार हो गए हैं लेकिन उन्हें सामानों की किश्तें चुकानी पड़ेगी. अजीत सिंह नगर इलाके के वेंकटेश ने दुख जताते हुए कहा, "मैंने चार महीने से भी कम समय पहले ईएमआई पर एक वॉशिंग मशीन खरीदी थी, लेकिन वह इस बाढ़ में बह गई, फिर भी ईएमआई का भुगतान करना होगा. बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए अब फिर से जीवन को पटरी पर लाने के लिए जद्दोजहद करना होगा. फिर से नए सामान जुटाने होंगे. पुराने सामानों के किश्तें चुकाने के साथ-साथ उनके सामने अब नए सामानों का अतिरिक्त बोझ भी बढ़ गया है.
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