ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. शुरुआत में आशंका जताई गई थी कि बादल फटने की वजह से स्थिति भयावह हुई है, लेकिन हाल ही में मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि बादल फटने की वजह से ऐसा नहीं हुआ. लगातार बारिश की वजह से पहाड़ों और मैदानी इलाकों की नदियां उफान पर हैं, जिसकी वजह से कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राजधानी परिसर में भूस्खलन की घटनाएं देखी गईं, जिससे वाहन और घर दोनों परिसर प्रभावित हुए.
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि, आमतौर पर बादल फटने की घटनाएं तब होती हैं, जब बारिश की मात्रा प्रति घंटे 100 मिलीमीटर से अधिक होती है. इस बीच, राज्य की स्वयंसेवी संस्था मैजिक क्लब ने बाढ़ के कारण जमा हुए कचरे के निपटान की व्यवस्था की है और बचाव दल को सहयोग दिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में संस्था की प्रशंसा की है.
I heartily compliment dedicated volunteers of Magic Club for extending their help to District Administration Capital Itanagar and IMC in clearing blockages caused by today's heavy rains.
— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (@PemaKhanduBJP) June 23, 2024
Special thanks to Shri Ijum Gadi ji for motivating Magicians to rise to the occasion and… pic.twitter.com/zT8L9TGCNt
पता चला है कि ईटानगर और नाहरलागुन में फिलहाल पानी कम हो रहा है, लेकिन सड़कें अभी भी चलने लायक नहीं हैं. प्रशासन सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहा है. राजधानी के कांका गांव, सिम्पू, बांदरदेवा, करसेंगसा, प्रेस कॉलोनी पापू नाला, चौह गांव, तराजुली, निरजुली आदि इलाके बुरी तरह प्रभावित बताए गए हैं. जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुसार, किमे पाके, तागिन कॉलोनी और नीति विहार इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. कई इलाकों में भूस्खलन के कारण घर नष्ट हो गए हैं.
इस बीच नीति विहार, तागिन कॉलोनी, किमे पाके इलाकों के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी भर गया है. ताराजुली, पापू नाला और प्रेस कॉलोनी इलाकों में 70 से ज्यादा घर जलमग्न हो गए हैं. पापू नाला इलाके में एक पुल के पूरी तरह ढह जाने से इलाके का संचार कट गया है. राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार बारिश के कारण कई महत्वपूर्ण सड़कें बंद हैं. गौरतलब है कि 17 जून को पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में हुए भीषण भूस्खलन से पहाड़ी का एक हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया और संचार व्यवस्था बाधित हो गई. पिछले छह दिनों से यिंगकिओंग जाने वाली एकमात्र सड़क फिलहाल बंद है.
स्थानीय निवासी नार्बो शेरिंग ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि, बोमडू गांव के पास हनुमान मंदिर के पास पहाड़ी का एक हिस्सा ढह गया और सड़क पर संचार व्यवस्था बाधित हो गई. आखिरकार शनिवार को सीमा सड़क संगठन की टीम ने आंशिक रूप से सड़क को आवाजाही के लिए खोल दिया, वहां अभी भी काम चल रहा है. अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग से भारत-चीन सीमा पर स्थित आखिरी गांव गेलिंग तक जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता है. भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भी इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं. भूस्खलन वाली जगह भारत-चीन सीमा या मेक-मोहन रेखा से सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है. इस समय सभी वाहनों की आवाजाही और खाद्य सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी बंद है.
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