बर्धमान: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की जेल में बंद माओवादी एरिया कमांडर अर्नब दाम की आखिरकार बर्दवान यूनिवर्सिटी में काउंसलिंग हुई. उन्हें सोमवार दोपहर को पूर्वी बर्दवान केंद्रीय सुधार सुविधा से काउंसलिंग के लिए बर्दवान विश्वविद्यालय ले जाया गया. बाद में इतिहास विभाग में उनकी काउंसलिंग की गई. काउंसलिंग के बाद अर्नब खुश नजर आ रहे थे. उन्होंने ऐसे समय में उनके साथ खड़े रहने के लिए बर्दवान विश्वविद्यालय और प्रशासन को धन्यवाद दिया.
बता दें कि, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की जेल में बंद माओवादी एरिया कमांडर अर्नब दाम बर्दवान विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है. अर्नब दाम इतिहास में पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए बर्धमान विश्वविद्यालय में आयोजित इंटरव्यू में शामिल हुए थे. बता दें कि, प्रवेश परीक्षा में कुल 220 कैंडिडेट शामिल हुए थे. उन सबको पछाड़ कर अर्नब दाम ने टॉप पोजिशन हासिल किया. सोमवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए, बर्दवान विश्वविद्यालय के कुलपति गौतम चंद्रा ने कहा कि, विभाग को जेल अधिकारियों से अर्नब दाम की सुरक्षा पर ध्यान देने का आश्वासन मिलने के बाद ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इतिहास में उनकी प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्हें आश्वासन दिया गया कि अर्नब दाम को पीएचडी डिग्री की पढ़ाई करने में कोई समस्या नहीं होगी. वहीं, जेल अधिकारी अर्नब दाम की सुरक्षा की व्यवस्था करेंगे. चंद्रा के मुताबिक, चूंकि यह परिसर छात्रों के लिए है, इसलिए वे इसे चालू रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इस बीच, अर्नब दाम काउंसलिंग के बाद खुश दिखे. उन्होंने कहा कि, आज उनकी काउंसलिंग हुई और उन्हें उम्मीद है कि उनकी पीएचडी प्रवेश को लेकर पैदा हुई जटिलताएं आज खत्म हो गई हैं. उन्होंने कहा, 'मैं उच्च शिक्षा और अनुसंधान का यह अवसर देने के लिए बर्दवान विश्वविद्यालय और प्रशासन का आभारी हूं. जेल विभाग और राज्य सरकार के समर्थन के बिना, मैं ऐसा नहीं कर सकता था. वहीं, बर्दवान विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रमुख, सैयद तनवीर नसरीन ने कहा कि,अर्नब की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जिसको लेकर वे सभी बहुत खुश हैं. उनके प्रवेश को लेकर पहले कोई जटिलता नहीं थी... उन्हें प्रवेश दिया जाएगा.
जेल में रहकर पीएचडी में किया टॉप
अर्नब दाम विश्वविद्यालय परिसर में इतिहास में पीएचडी कार्यक्रम के लिए 26 जून को साक्षात्कार में शामिल हुए थे. अर्नब मारे गए माओवादी नेता किशनजी के करीबी बताए जाते हैं. उनका नाम कई माओवादी हमलों में शामिल था, जिसमें शिल्डा ईएफआर कैंप पर हमला प्रमुख है. मामले में पुलिस ने 2012 में अर्नब को आसनसोल से गिरफ्तार किया था. शिक्षा ग्रहण करने की लगन ने उन्हें यहां भी साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने जेल में रहकर स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.
एसईटी परीक्षा भी पास की
इसके अलावा, अर्नब ने जेल में रहकर राज्य पात्रता परीक्षा (एसईटी) भी पास कर ली. बर्दवान विश्वविद्यालय के वरिष्ठ विकास अधिकारी और कला संकाय परिषद के सचिव इंद्रजीत रॉय ने कहा, 'अर्नब दाम हुगली जिले की जेल में कैद हैं. उन्होंने बर्धमान विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए आवेदन किया था.' विज्ञापन के आधार पर उन्होंने यूजीसी के पीएचडी नियमों और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार आवेदन किया. एसईटी परीक्षा पास करने के बाद उन्हें बर्दवान विश्वविद्यालय में साक्षात्कार के लिए कॉल आया. इंद्रजीत रॉय ने कहा कि, यह अच्छी बात है कि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं. वहीं, बर्धमान विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रमुख सैयद तनवीर नसरीन ने कहा, 'इतिहास में पीएचडी कार्यक्रम के लिए 200 से अधिक छात्रों का साक्षात्कार लिया गया था. इस परीक्षा में कुल 9 छात्र पास हुए, जिसमें अर्नब दाम ने प्रथम स्थान हासिल किया.
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