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सुखबीर सिंह संधु और ज्ञानेश कुमार निर्वाचन आयुक्त बने - appointment of ec

Appointment Of EC: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक के बाद अधीर रंजन ने कहा कि कमेटी के पास सरकार का बहुमत है. मैं चयन के तरीके से सहमत नहीं हूं. बैठक में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के नामों को अंतिम रूप दिया गया.

Selection of two new election commissioners of the Election Commission
निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 14, 2024, 8:49 AM IST

Updated : Mar 14, 2024, 5:37 PM IST

नई दिल्ली: दो नये निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति की बैठक समाप्त हो गई है. बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे 212 लोगों के नाम की लिस्ट दी गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार जो चाहेगी वही चुनाव आयुक्त बनेगा क्योंकि कमेटी के पास सरकार का बहुमत है. उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बने. वहीं, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं चयन के तरीके से सहमत नहीं हूं. उन्होंने चीफ जस्टिस को इस कमेटी में शामिल नहीं करने पर भी सवाल उठाए.

अधीर रंजन ने कहा कि ज्ञानेश कुमार केरल के हैं. वहीं, संधू पंजाब से. उन्होंने कहा कि इतने कम समय में नामों का चयन करना टेढ़ी खीर है. कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 212 नामों में से 6 नाम दिए गए हैं. इनमें उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधु और गंगाधर राहत के नाम शामिल थे. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है.

जानकारी के मुताबिक ज्ञानेश कुमार हाल ही में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. ज्ञानेश कुमार जिस मंत्रालय से रिटायर हुए हैं वह अमित शाह से संबंधित है. इससे पहले वे होम मिनिस्ट्री में कश्मीर डिवीजन के ज्वाइंट सेक्रेटरी थे.

वहीं, इससे पहले सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय ने आज दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक के लिए समिति के सभी सदस्यों को एक संशोधित पत्र भेजा गया था. यह बैठक पहले 15 मार्च को शाम 6 बजे होनी थी. निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के शुक्रवार को अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए हैं.

निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी. सूत्रों ने बताया कि दो नये निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति उसी दिन या अगले दिन तक किये जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि एक निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए बैठक का नोटिस पहले शनिवार दोपहर को भेजा गया था जबकि गोयल के इस्तीफे की अधिसूचना शाम को जारी की गई.

ज्ञानेश कुमार : केरल में कई पदों ज्ञानेश कुमार ने कार्य किया. उत्तर प्रदेश के मूल निवासी ज्ञानेश कुमार 24 साल की उम्र में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में केरल पहुंचे थे. ज्ञानेश कुमार ने कोट्टायम सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी सेवा शुरू करने के साथ ही त्रिशूर और पलक्कड़ में उप कलेक्टर के रूप में कार्य किया. उन्होंने एर्नाकुलम जिला कलेक्टर के रूप में काम किया. इसके अलावा दिल्ली केरल हाउस में नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी, एससी, एसटी सचिव और रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में काम किया.

बाद में वह 2016 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में चले गए. इस दौरान वह केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य करते हुए इस साल 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे. अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान ज्ञानेश कुमार ने बहुत महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. जिनमें से एक अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे. बाद में उन्होंने बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन अधिनियम के अधिनियमन में भाग लिया. यूपीए शासनकाल में भी जब ए.के. एंटनी रक्षा मंत्री थे, ज्ञानेशकुमार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का विकल्प चुना और उन्हें संयुक्त सचिव का पद सौंपा गया था.

पढ़ें: निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति: केंद्र को रोकने की याचिका पर तत्काल सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: दो नये निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति की बैठक समाप्त हो गई है. बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे 212 लोगों के नाम की लिस्ट दी गई थी. उन्होंने कहा कि सरकार जो चाहेगी वही चुनाव आयुक्त बनेगा क्योंकि कमेटी के पास सरकार का बहुमत है. उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त बने. वहीं, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं चयन के तरीके से सहमत नहीं हूं. उन्होंने चीफ जस्टिस को इस कमेटी में शामिल नहीं करने पर भी सवाल उठाए.

अधीर रंजन ने कहा कि ज्ञानेश कुमार केरल के हैं. वहीं, संधू पंजाब से. उन्होंने कहा कि इतने कम समय में नामों का चयन करना टेढ़ी खीर है. कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 212 नामों में से 6 नाम दिए गए हैं. इनमें उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधु और गंगाधर राहत के नाम शामिल थे. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है.

जानकारी के मुताबिक ज्ञानेश कुमार हाल ही में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. ज्ञानेश कुमार जिस मंत्रालय से रिटायर हुए हैं वह अमित शाह से संबंधित है. इससे पहले वे होम मिनिस्ट्री में कश्मीर डिवीजन के ज्वाइंट सेक्रेटरी थे.

वहीं, इससे पहले सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय ने आज दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक के लिए समिति के सभी सदस्यों को एक संशोधित पत्र भेजा गया था. यह बैठक पहले 15 मार्च को शाम 6 बजे होनी थी. निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के शुक्रवार को अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए हैं.

निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी. सूत्रों ने बताया कि दो नये निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति उसी दिन या अगले दिन तक किये जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि एक निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए बैठक का नोटिस पहले शनिवार दोपहर को भेजा गया था जबकि गोयल के इस्तीफे की अधिसूचना शाम को जारी की गई.

ज्ञानेश कुमार : केरल में कई पदों ज्ञानेश कुमार ने कार्य किया. उत्तर प्रदेश के मूल निवासी ज्ञानेश कुमार 24 साल की उम्र में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में केरल पहुंचे थे. ज्ञानेश कुमार ने कोट्टायम सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी सेवा शुरू करने के साथ ही त्रिशूर और पलक्कड़ में उप कलेक्टर के रूप में कार्य किया. उन्होंने एर्नाकुलम जिला कलेक्टर के रूप में काम किया. इसके अलावा दिल्ली केरल हाउस में नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी, एससी, एसटी सचिव और रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में काम किया.

बाद में वह 2016 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में चले गए. इस दौरान वह केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य करते हुए इस साल 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे. अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान ज्ञानेश कुमार ने बहुत महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. जिनमें से एक अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे. बाद में उन्होंने बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन अधिनियम के अधिनियमन में भाग लिया. यूपीए शासनकाल में भी जब ए.के. एंटनी रक्षा मंत्री थे, ज्ञानेशकुमार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का विकल्प चुना और उन्हें संयुक्त सचिव का पद सौंपा गया था.

पढ़ें: निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति: केंद्र को रोकने की याचिका पर तत्काल सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

Last Updated : Mar 14, 2024, 5:37 PM IST
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