ETV Bharat / bharat

रंजीत मर्डर केस: राम रहीम के बरी होने पर बोले अंशुल छत्रपति, परिवार और जांच एसेंजी को जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट - Anshul Chhatrapati on Ram Rahim

Anshul Chhatrapati on Ram Rahim: रंजीत हत्याकांड में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से डेरा प्रमुख राम रहीम के बरी होने पर अंशुल प्रजापति का बयान भी सामने आया है. अंशुल दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे हैं. रामचंद्र की हत्या के मामले में भी राम रहीम को उम्र कैद की सजा हो चुकी है.

Anshul Chhatrapati on Ram Rahim
अंशुल छत्रपति (बायें) और राम रहीम (दायें) (File Photo)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 28, 2024, 8:11 PM IST

Updated : May 28, 2024, 8:26 PM IST

अंशुल छत्रपति (वीडियो- ईटीवी भारत)

सिरसा: डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम के बरी होने पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने निराशा जाहिर की है. पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्र कैद की सजा हुई है. अंशुल छत्रपति ने हाईकोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताते हुए अपनी असहमति जताई. सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को रंजीत मर्डर के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने पूरे सबूत अदालत के सामने रखे थे. परिवार ने भी कोर्ट में अपनी तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ते हुए दोषियों को उम्र कैद की सजा दिलवाई थी. आज जो हाई कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया गया है वो साध्वी यौन शोषण और गुमनाम चिट्ठी के साथ आपस में जुड़े हुए हैं. अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अपना काम सही से किया और तमाम सबूत अदालत ने सही पाए. उसके बाद ही सभी दोषियों को सजा सुनाई.

अंशुल ने आगे कहा कि आज जो हाई कोर्ट का फैसला आया है उसको लेकर रंजीत के परिवार के पास उच्चतम न्यायालय में जाने के रास्ते खुले हैं और उन्हें जाना चाहिए. इसके साथ ही जांच एजेंसी सीबीआई को भी अपने तौर पर इस फैसले को चैलेंज करना चाहिए. इस फैसले से दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के फैसले पर असर पड़ने को लेकर अंशुल छत्रपति ने कहा कि अभी उनके मामले में अपील सुनवाई पर नहीं आई है. जब ये मामला सुनवाई पर आएगा तो आखिर तक लड़ाई लड़ी जायेगी.

गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर के रहने वाले रंजीत राम रहीम के डेरे में काम करते थे. रंजीत सिंह की 2002 में हत्या कर दी गई थी. हत्या के पीछे वजह बताई गई कि उन्होंने ही साध्वी यौन शोषण केस से जुड़ी गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित सभी दोषियों को साल 2021 में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कुरूक्षेत्र के गांव खानपुर निवासी रंजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को की गई थी.

ये भी पढ़ें- राम रहीम के बरी होने पर सामने आया पीड़ित परिवार का बयान, रंजीत के जीजा बोले मरते...
ये भी पढ़ें- पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से राम रहीम को बड़ी राहत, रंजीत सिंह हत्याकांड में बरी, जानें पूरा मामला
ये भी पढ़ें- हरियाणा : रंजित मर्डर केस से जस्टिस अरविंद सांगवान ने खुद को अलग किया

अंशुल छत्रपति (वीडियो- ईटीवी भारत)

सिरसा: डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट कमेटी के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह हत्याकांड में राम रहीम के बरी होने पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने निराशा जाहिर की है. पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्र कैद की सजा हुई है. अंशुल छत्रपति ने हाईकोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताते हुए अपनी असहमति जताई. सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को रंजीत मर्डर के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने पूरे सबूत अदालत के सामने रखे थे. परिवार ने भी कोर्ट में अपनी तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ते हुए दोषियों को उम्र कैद की सजा दिलवाई थी. आज जो हाई कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया गया है वो साध्वी यौन शोषण और गुमनाम चिट्ठी के साथ आपस में जुड़े हुए हैं. अंशुल छत्रपति ने कहा कि इस मामले में इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अपना काम सही से किया और तमाम सबूत अदालत ने सही पाए. उसके बाद ही सभी दोषियों को सजा सुनाई.

अंशुल ने आगे कहा कि आज जो हाई कोर्ट का फैसला आया है उसको लेकर रंजीत के परिवार के पास उच्चतम न्यायालय में जाने के रास्ते खुले हैं और उन्हें जाना चाहिए. इसके साथ ही जांच एजेंसी सीबीआई को भी अपने तौर पर इस फैसले को चैलेंज करना चाहिए. इस फैसले से दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के फैसले पर असर पड़ने को लेकर अंशुल छत्रपति ने कहा कि अभी उनके मामले में अपील सुनवाई पर नहीं आई है. जब ये मामला सुनवाई पर आएगा तो आखिर तक लड़ाई लड़ी जायेगी.

गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर के रहने वाले रंजीत राम रहीम के डेरे में काम करते थे. रंजीत सिंह की 2002 में हत्या कर दी गई थी. हत्या के पीछे वजह बताई गई कि उन्होंने ही साध्वी यौन शोषण केस से जुड़ी गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित सभी दोषियों को साल 2021 में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कुरूक्षेत्र के गांव खानपुर निवासी रंजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को की गई थी.

ये भी पढ़ें- राम रहीम के बरी होने पर सामने आया पीड़ित परिवार का बयान, रंजीत के जीजा बोले मरते...
ये भी पढ़ें- पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से राम रहीम को बड़ी राहत, रंजीत सिंह हत्याकांड में बरी, जानें पूरा मामला
ये भी पढ़ें- हरियाणा : रंजित मर्डर केस से जस्टिस अरविंद सांगवान ने खुद को अलग किया
Last Updated : May 28, 2024, 8:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.