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अन्नामलाई बोले- जयललिता हिंदुत्व का करती थीं प्रतिनिधित्व', भड़क गईं शशिकला, AIDMK नाराज - Annamalai On Jayalalitha - ANNAMALAI ON JAYALALITHA

Annamalai On Jayalalitha: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता को हिंदुत्व का प्रतिनिधि बताया. उन्होंने कहा कि उनके निधन से हिंदुत्व की ताकत कमजोर हुई. उनके बयान पर शशिकला ने पलटवार किया है.

Annamalai
के अन्नामलाई (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 25, 2024, 4:34 PM IST

नई दिल्ली: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने हाल ही में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को 'हिंदुत्व नेता' करार दिया. उन्होंने कहा कि जयललिता तमिलनाडु में किसी भी अन्य की तुलना में कहीं बेहतर हिंदुत्व नेता थीं.

अन्नामलाई ने पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के हिंदुत्व विचारधारा से अलगाव के बाद पैदा हुई जगह को भरने की काफी गुंजाइश है. बीजेपी नेता ने कहा कि जब तक जयललिता जीवित थीं, वह तमिलनाडु में किसी भी अन्य नेता की तुलना में कहीं बेहतर हिंदुत्व नेता थीं.

2014 से पहले जब आपके पास बीजेपी जैसी पार्टी थी और जयललिता एक नेता के रूप में मौजूद थीं, तो यह स्वाभाविक था कि जयललिता हिंदू मतदाता की पसंद थीं. उन्होंने अपनी हिंदू पहचान को भी खुले तौर पर प्रदर्शित किया.

उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के अलावा जयललिता देश की पहली राजनेता थीं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का समर्थन किया और 2002-03 में तमिलनाडु में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया.

शशिकला ने किया पलटवार
अन्नामलाई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि अन्नामलाई की ये टिप्पणियां जयललिता के बारे में उनकी अज्ञानता और गलतफहमी को दर्शाती हैं.

शशिकला ने कहा, कोई भी जयललिता जैसी जननेता को किसी भी तरह के संकीर्ण दायरे में सीमित नहीं कर सकता. अपनी आखिरी सांस तक वह अन्ना और एमजीआर के दिखाए रास्ते पर एक सच्ची द्रविड़ नेता के रूप में रहीं. वह सभी समुदायों - हिंदू, ईसाई, मुस्लिम आदि - के लिए प्रतिष्ठित नेता थीं. अम्मा एक महान नेता थीं, जिन्होंने जाति और धार्मिक बाधाओं को पार किया और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

शशिकला ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि जयललिता को भगवान में विश्वास था, लेकिन साथ ही उन्होंने कभी भी केवल एक धर्म में विश्वास नहीं किया. शशिकला ने कहा, 'वह एकमात्र नेता थीं जिन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया.'

अन्नाद्रमुक ने भी आपत्ति जताई
इस बीच, अन्नामलाई के जयललिता को 'हिंदुत्व नेता' बताए जाने पर भी अन्नाद्रमुक ने भी आपत्ति जताई. अन्नाद्रमुक प्रवक्ता कोवई ने कहा सैथयान ने कहा कि ईश्वर एक है-यह अन्नाद्रमुक की विचारधाराओं में से एक है. हमारी नेता अम्मा ने अपना जीवन उसी विचारधारा के आधार पर जीया है. अन्नामलाई के अनुसार अगर हमारी नेता हिंदुत्व की महान नेता थी, न कि मोदी, तो मैं अन्नामलाई का 4 जून के बाद अन्नाद्रमुक में शामिल होने का स्वागत करूंगा.

यह भी पढे़ं-'अन्नामलाई चुनाव हार जाएंगे' सुन भाजपा पदाधिकारी ने काट दी अपनी उंगली

नई दिल्ली: तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने हाल ही में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को 'हिंदुत्व नेता' करार दिया. उन्होंने कहा कि जयललिता तमिलनाडु में किसी भी अन्य की तुलना में कहीं बेहतर हिंदुत्व नेता थीं.

अन्नामलाई ने पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के हिंदुत्व विचारधारा से अलगाव के बाद पैदा हुई जगह को भरने की काफी गुंजाइश है. बीजेपी नेता ने कहा कि जब तक जयललिता जीवित थीं, वह तमिलनाडु में किसी भी अन्य नेता की तुलना में कहीं बेहतर हिंदुत्व नेता थीं.

2014 से पहले जब आपके पास बीजेपी जैसी पार्टी थी और जयललिता एक नेता के रूप में मौजूद थीं, तो यह स्वाभाविक था कि जयललिता हिंदू मतदाता की पसंद थीं. उन्होंने अपनी हिंदू पहचान को भी खुले तौर पर प्रदर्शित किया.

उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के अलावा जयललिता देश की पहली राजनेता थीं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का समर्थन किया और 2002-03 में तमिलनाडु में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया.

शशिकला ने किया पलटवार
अन्नामलाई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि अन्नामलाई की ये टिप्पणियां जयललिता के बारे में उनकी अज्ञानता और गलतफहमी को दर्शाती हैं.

शशिकला ने कहा, कोई भी जयललिता जैसी जननेता को किसी भी तरह के संकीर्ण दायरे में सीमित नहीं कर सकता. अपनी आखिरी सांस तक वह अन्ना और एमजीआर के दिखाए रास्ते पर एक सच्ची द्रविड़ नेता के रूप में रहीं. वह सभी समुदायों - हिंदू, ईसाई, मुस्लिम आदि - के लिए प्रतिष्ठित नेता थीं. अम्मा एक महान नेता थीं, जिन्होंने जाति और धार्मिक बाधाओं को पार किया और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.

शशिकला ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि जयललिता को भगवान में विश्वास था, लेकिन साथ ही उन्होंने कभी भी केवल एक धर्म में विश्वास नहीं किया. शशिकला ने कहा, 'वह एकमात्र नेता थीं जिन्होंने सभी के साथ समान व्यवहार किया.'

अन्नाद्रमुक ने भी आपत्ति जताई
इस बीच, अन्नामलाई के जयललिता को 'हिंदुत्व नेता' बताए जाने पर भी अन्नाद्रमुक ने भी आपत्ति जताई. अन्नाद्रमुक प्रवक्ता कोवई ने कहा सैथयान ने कहा कि ईश्वर एक है-यह अन्नाद्रमुक की विचारधाराओं में से एक है. हमारी नेता अम्मा ने अपना जीवन उसी विचारधारा के आधार पर जीया है. अन्नामलाई के अनुसार अगर हमारी नेता हिंदुत्व की महान नेता थी, न कि मोदी, तो मैं अन्नामलाई का 4 जून के बाद अन्नाद्रमुक में शामिल होने का स्वागत करूंगा.

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