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ज्ञानवापी केस: व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई 12 फरवरी को - ज्ञानवापी केस

ज्ञानवापी केस में व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई अब 12 फरवरी को होगी. बुधवार को राज्य सरकार ने इस मामले में जवाब देने के लिए दो दिनों की मोहलत मांगी थी.

Etv Bharat Anjuman Intezamia Masjid Committee petition hearing in Allahabad High Court on February 12
Etv Bharat ज्ञानवापी केस: व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई 12 फरवरी को
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 2:44 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) की अपील पर आगे की सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है.

राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगे जाने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. सोमवार की सुनवाई में भी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को राहत नहीं मिली है. कोर्ट अब इस मामले में 12 फरवरी को फिर सुनवाई करेगी. बुधवार को करीब ढाई घंटे तक चली सुनवाई में लगभग डेढ़ घंटे हिंदू पक्ष और एक घंटे अंजुमन की ओर से दलीलें पेश की गईं. हिंदू पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि तहखाने में पहले से ही पूजा होती रही है.

इसके कई दस्तावेज हैं. जिला जज ने सीपीसी की धारा 152 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए 31 जनवरी का आदेश किया है. आदेश में कुछ भी गलत नहीं है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दलील दी गई कि तहखाना स्टोर रूम था. वहां कभी पूजा नहीं होती थी. जिला जज ने मनमाने तरीके से मुकदमे को अपने पास ट्रांसफर किया और फिर आर्डर पास कर दिया. यह भी कहा गया कि जिला जज ने बिना किसी आवेदन के अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आर्डर किया है, यह गलत है.

इस मामले ( Varanasi Gyanvapi Case) में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए एडवोकेट जनरल ने कम से कम 48 घंटे की मोहलत दिए जाने की मांग की. हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि शंकर जैन और विष्णु जैन ने बहस की. अंजुमन इंतिजामिया की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने दलीलें पेश की.'

ये भी पढ़ें- रैदासियों को मिलने वाली है बड़ी सौगात, काशी में लगी संत रविदास की सबसे ऊंची 25 फीट की प्रतिमा, जानिए क्या है खास

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी तहखाने में पूजा अर्चना शुरू किए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) की अपील पर आगे की सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है.

राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगे जाने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. सोमवार की सुनवाई में भी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को राहत नहीं मिली है. कोर्ट अब इस मामले में 12 फरवरी को फिर सुनवाई करेगी. बुधवार को करीब ढाई घंटे तक चली सुनवाई में लगभग डेढ़ घंटे हिंदू पक्ष और एक घंटे अंजुमन की ओर से दलीलें पेश की गईं. हिंदू पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि तहखाने में पहले से ही पूजा होती रही है.

इसके कई दस्तावेज हैं. जिला जज ने सीपीसी की धारा 152 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए 31 जनवरी का आदेश किया है. आदेश में कुछ भी गलत नहीं है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दलील दी गई कि तहखाना स्टोर रूम था. वहां कभी पूजा नहीं होती थी. जिला जज ने मनमाने तरीके से मुकदमे को अपने पास ट्रांसफर किया और फिर आर्डर पास कर दिया. यह भी कहा गया कि जिला जज ने बिना किसी आवेदन के अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आर्डर किया है, यह गलत है.

इस मामले ( Varanasi Gyanvapi Case) में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए एडवोकेट जनरल ने कम से कम 48 घंटे की मोहलत दिए जाने की मांग की. हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील हरि शंकर जैन और विष्णु जैन ने बहस की. अंजुमन इंतिजामिया की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने दलीलें पेश की.'

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