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कड़क धूप से बचने के लिए वन्यजीव ले रहे शॉवर, ऑस्ट्रिच, जहरीले सांप और खूंखार वन्यजीव भी ठंडे पानी का ले रहे आनंद - summer in uttarakhand

summer in uttarakhand उत्तर भारत में इस समय गर्मी अपने चरम पर है. राजधानी देहरादून में भी मई महीने के दौरान अब तक के सभी गर्मी के रिकॉर्ड टूट चुके हैं. ऐसे में इंसान ही नहीं जानवर भी बढ़ती गर्मी से हलकान हैं. देहरादून चिड़ियाघर में तापमान बढ़ने के साथ-साथ वन्यजीवों की जीवन शैली भी बदल गई है. जिसके तहत चिड़ियाघर में अब वन्य जीव दिन में कई बार पानी की बौछारें ले रहे हैं.

summer in uttarakhand
कड़कती धूप से बचने के लिए वन्यजीव ले रहे शॉवर (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 1, 2024, 1:46 PM IST

Updated : Jun 1, 2024, 5:39 PM IST

कड़क धूप से बचने के लिए वन्यजीव ले रहे शॉवर (video- ETV Bharat)

देहरादून: दून चिड़ियाघर में विशालकाय दिखने वाले ऑस्ट्रिच से लेकर तमाम पक्षियों को तेज धूप परेशान कर रही है. दिन के समय अधिकतम तापमान इन पक्षियों के लिए जानलेवा बन रहा है. देहरादून में अब तापमान 43.02 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जोकि मई महीने के दौरान अब तक का ऑल टाइम रिकॉर्ड किया गया है. ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से वन्यजीवों को दिन में कई बार पानी की बौछारों के जरिए भिगाने का काम किया जा रहा है, ताकि तेज धूप और गर्मी का ज्यादा असर वन्य जीवों पर न पड़े.

वन्य जीवों के बाड़े की जमीन को किया जा रहा गीला: देहरादून चिड़ियाघर में सांभर, हिरण, गुलदार और बाघ जैसे बड़े वन्य जीव भी हैं. यह वन्य जीव मौजूदा तापमान को झेलने की स्थिति में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन पक्षियों को होती है, जो आकार में छोटे हैं और भीषण गर्मी के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन सबसे ज्यादा ध्यान ऐसी ही बर्ड्स पर दे रहा है. इसके अलावा वन्य जीव जिस बाड़े में बंद हैं, वहां की जमीन को गीला किया जा रहा है.

शाकाहारी वन्यजीवों को दिया जा रहा तरबूज: हीटवेव का असर कम करने के प्रयास के तहत वन्यजीवों के बाड़ों में पानी की उपलब्धता भी की गई है, ताकि किसी भी तरह से गर्मी में पानी की कमी ना हो. कई वन्यजीवों के खान-पान में भी बदलाव हुआ है. शाकाहारी वन्यजीवों को फल भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. ताकि इसके जरिए उनके शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे. खास तौर पर तरबूज को पहली प्राथमिकता दी जा रही है.

गुलदार और बाघों के लिए विशेष व्यवस्था: चिड़ियाघर में मौजूद सांपों से लेकर गुलदार और बाघों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. यहां भी वन्यजीवों को पानी से भिगोया जा रहा है. पक्षियों के बाड़े को ऊपर से कपड़े से ढका गया है, ताकि सीधी धूप उन पर ना पड़े. साथ ही मगरमच्छ और घड़ियाल जिस पानी में रह रहे हैं, उसे भी समय-समय पर बदला जा रहा है.

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कड़क धूप से बचने के लिए वन्यजीव ले रहे शॉवर (video- ETV Bharat)

देहरादून: दून चिड़ियाघर में विशालकाय दिखने वाले ऑस्ट्रिच से लेकर तमाम पक्षियों को तेज धूप परेशान कर रही है. दिन के समय अधिकतम तापमान इन पक्षियों के लिए जानलेवा बन रहा है. देहरादून में अब तापमान 43.02 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जोकि मई महीने के दौरान अब तक का ऑल टाइम रिकॉर्ड किया गया है. ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से वन्यजीवों को दिन में कई बार पानी की बौछारों के जरिए भिगाने का काम किया जा रहा है, ताकि तेज धूप और गर्मी का ज्यादा असर वन्य जीवों पर न पड़े.

वन्य जीवों के बाड़े की जमीन को किया जा रहा गीला: देहरादून चिड़ियाघर में सांभर, हिरण, गुलदार और बाघ जैसे बड़े वन्य जीव भी हैं. यह वन्य जीव मौजूदा तापमान को झेलने की स्थिति में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन पक्षियों को होती है, जो आकार में छोटे हैं और भीषण गर्मी के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन सबसे ज्यादा ध्यान ऐसी ही बर्ड्स पर दे रहा है. इसके अलावा वन्य जीव जिस बाड़े में बंद हैं, वहां की जमीन को गीला किया जा रहा है.

शाकाहारी वन्यजीवों को दिया जा रहा तरबूज: हीटवेव का असर कम करने के प्रयास के तहत वन्यजीवों के बाड़ों में पानी की उपलब्धता भी की गई है, ताकि किसी भी तरह से गर्मी में पानी की कमी ना हो. कई वन्यजीवों के खान-पान में भी बदलाव हुआ है. शाकाहारी वन्यजीवों को फल भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. ताकि इसके जरिए उनके शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे. खास तौर पर तरबूज को पहली प्राथमिकता दी जा रही है.

गुलदार और बाघों के लिए विशेष व्यवस्था: चिड़ियाघर में मौजूद सांपों से लेकर गुलदार और बाघों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. यहां भी वन्यजीवों को पानी से भिगोया जा रहा है. पक्षियों के बाड़े को ऊपर से कपड़े से ढका गया है, ताकि सीधी धूप उन पर ना पड़े. साथ ही मगरमच्छ और घड़ियाल जिस पानी में रह रहे हैं, उसे भी समय-समय पर बदला जा रहा है.

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Last Updated : Jun 1, 2024, 5:39 PM IST
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