अंबाला: हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने सीएम पद के लिए दावेदारी पेश की है. उन्होंने कहा "अपनी सीनियोरिटी के दम पर मैं मुख्यमंत्री पद का दावा करूंगा. मेरे पास सारे हरियाणा से लोग आ रहे हैं. मैं जहां-जहां गया हूं. लोग मुझे कह रहे हैं कि आप सीनियर नेता हो. आप सीएम क्यों नहीं बने? लिहाजा लोगों की मांग पर, इस बार अपनी सीनियोरिटी के दम पर मैं मुख्यमंत्री बनने का दावा पेश करूंगा. पार्टी बनाती है या नहीं बनाती. ये बाद की बात है. अगर पार्टी ने मुझे हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया, तो मैं हरियाणा की तकदीर और तस्वीर बदल दूंगा.
कौन हैं अनिल विज? 15 मार्च 1953 को अनिल विज का जन्म हुआ था. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही विज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए. 1970 में अनिल विज एबीवीपी के महासचिव बने. इसके बाद 1990 में पहली बार उप चुनाव जीतकर वो विधायक चुने गए. उन्होंने 1996 और 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता. साल 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
6 बार विधायक बन चुके हैं अनिल विज: साल 2009 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर अंबाला कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. साल 2014 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर जीत दर्ज की और मनोहर लाल की बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने. इसके बाद 2019 में अनिल विज ने फिर अंबाला कैंट सीट से चुनाव जीता और मनोहर लाल कैबिनेट में गृहमंत्री बने. अनिल विज अभी तक 6 बार विधायक बन चुके हैं.
सामने आई थी बीजेपी से नाराजगी: साल 2014 में बीजेपी हरियाणा में जब पहली बार पूर्ण बहुमत में आई, तो अनिल विज का नाम सीएम पद की रेस में आगे था, लेकिन मनोहर लाल को विधायक दल का नेता चुना गया और उन्हें पार्टी ने सीएम घोषित किया. हरियाणा में जब मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को सीएम बनाया गया, तब अनिल विज नाराज नजर आए थे. अनिल विज नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे.
बीजेपी ने नायब सैनी को बनाया है सीएम चेहरा: बता दें कि हाई कमान ने फिलहाल नायब सैनी को बीजेपी के सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है. हरियाणा में चुनाव उनके फेस पर लड़ा जा रहा है. अब अनिल विज ने भी सीएम पद के लिए दावेदारी पेश कर दी है. बता दें कि हरियाणा में 5 अक्तूबर को मतदान होगा और 8 अक्तूबर को नतीजे घोषित होंगे.