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कोलकाता में डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या को लेकर वैश्विक डॉक्टर कम्यूनिटी में रोष, पाकिस्तान से आई प्रतिक्रिया - Kolkata Doctor Rape Murder Case

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 17, 2024, 7:49 PM IST

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अक्टूबर की घटना की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (पीएमए) ने विश्व मेडिकल एसोसिएशन से हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके. वहीं नेपाल मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस भयावह घटना के खिलाफ आवाज उठाई है.

Anger over rape and murder of doctor
डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या को लेकर रोष (फोटो - ANI Photo)

नई दिल्ली: कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या से दुनिया भर में व्यापक आक्रोश फैल गया है. पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (पीएमए) ने विश्व मेडिकल एसोसिएशन से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को पकड़ा जाए और न्याय मिले.

पीकेए महासचिव डॉ अब्दुल गफूर शोरो ने कहा कि "यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय इस तरह के अत्याचारों की निंदा करने के लिए एक साथ आए और दुनिया भर में स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करे." उन्होंने कहा कि हिंसा के इस मूर्खतापूर्ण कृत्य ने न केवल दुनिया से एक होनहार युवा डॉक्टर को छीन लिया है, बल्कि उसके प्रियजनों की उम्मीदों और सपनों को भी चकनाचूर कर दिया है.

शोरो ने कहा कि "इस बर्बर अपराध के अपराधियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और उनके कृत्यों के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए." इसी तरह, नेपाल मेडिकल एसोसिएशन (एनएमए) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. एनएमए के महासचिव डॉ. संजीव तिवारी ने कहा कि "अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में एक महिला डॉक्टर के साथ यौन उत्पीड़न और नृशंस हत्या ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि सभी क्षेत्रों में भय का माहौल पैदा कर दिया है."

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को संबोधित एक पत्र में तिवारी ने कहा कि "नेपाल मेडिकल एसोसिएशन इस जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ संबंधित सरकार से उचित जांच और सजा की मांग करने तथा कार्यस्थल पर डॉक्टरों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय चिकित्सा संघ के साथ एकजुटता व्यक्त करता है."

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े कई अन्य भारतीय संगठनों ने भी पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रशिक्षित नर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन ऑफ इंडिया, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, स्पाइन सोसाइटी दिल्ली चैप्टर, एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ दिल्ली, इंडियन सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी जैसे संगठनों ने देश भर में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने की मांग की है.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने कहा कि "हम स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ-साथ अस्पताल परिसर और उसके आसपास उचित सुरक्षा चाहते हैं." डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आश्वासन का उल्लेख करते हुए, अशोकन ने कहा कि "भारतीय चिकित्सा संघ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान का अध्ययन कर रहा है, जिसमें डॉक्टरों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया गया है और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने की पेशकश की गई है."

उन्होंने कहा कि "भारतीय चिकित्सा संघ सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी राज्य शाखाओं के साथ उचित परामर्श के बाद जवाब देगा." अशोकन ने कहा कि आईएमए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 23 मार्च, 2017 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन को भी याद करता है, जिस पर मंत्रालय के अधिकारियों और आईएमए ने सह-हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अन्य राज्यों में प्रचलित कानूनों के अनुरूप उक्त मुद्दे पर एक केंद्रीय अधिनियम लाने की प्रक्रिया शुरू करने की संभावना तलाशने का आश्वासन दिया गया था.

नई दिल्ली: कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या से दुनिया भर में व्यापक आक्रोश फैल गया है. पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (पीएमए) ने विश्व मेडिकल एसोसिएशन से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को पकड़ा जाए और न्याय मिले.

पीकेए महासचिव डॉ अब्दुल गफूर शोरो ने कहा कि "यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा समुदाय इस तरह के अत्याचारों की निंदा करने के लिए एक साथ आए और दुनिया भर में स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करे." उन्होंने कहा कि हिंसा के इस मूर्खतापूर्ण कृत्य ने न केवल दुनिया से एक होनहार युवा डॉक्टर को छीन लिया है, बल्कि उसके प्रियजनों की उम्मीदों और सपनों को भी चकनाचूर कर दिया है.

शोरो ने कहा कि "इस बर्बर अपराध के अपराधियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और उनके कृत्यों के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए." इसी तरह, नेपाल मेडिकल एसोसिएशन (एनएमए) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. एनएमए के महासचिव डॉ. संजीव तिवारी ने कहा कि "अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में एक महिला डॉक्टर के साथ यौन उत्पीड़न और नृशंस हत्या ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि सभी क्षेत्रों में भय का माहौल पैदा कर दिया है."

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को संबोधित एक पत्र में तिवारी ने कहा कि "नेपाल मेडिकल एसोसिएशन इस जघन्य अपराध के दोषियों के खिलाफ संबंधित सरकार से उचित जांच और सजा की मांग करने तथा कार्यस्थल पर डॉक्टरों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय चिकित्सा संघ के साथ एकजुटता व्यक्त करता है."

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े कई अन्य भारतीय संगठनों ने भी पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. प्रशिक्षित नर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन ऑफ इंडिया, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, स्पाइन सोसाइटी दिल्ली चैप्टर, एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ दिल्ली, इंडियन सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी जैसे संगठनों ने देश भर में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने की मांग की है.

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरवी अशोकन ने कहा कि "हम स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ-साथ अस्पताल परिसर और उसके आसपास उचित सुरक्षा चाहते हैं." डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आश्वासन का उल्लेख करते हुए, अशोकन ने कहा कि "भारतीय चिकित्सा संघ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान का अध्ययन कर रहा है, जिसमें डॉक्टरों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया गया है और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने की पेशकश की गई है."

उन्होंने कहा कि "भारतीय चिकित्सा संघ सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी राज्य शाखाओं के साथ उचित परामर्श के बाद जवाब देगा." अशोकन ने कहा कि आईएमए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 23 मार्च, 2017 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन को भी याद करता है, जिस पर मंत्रालय के अधिकारियों और आईएमए ने सह-हस्ताक्षर किए थे, जिसमें अन्य राज्यों में प्रचलित कानूनों के अनुरूप उक्त मुद्दे पर एक केंद्रीय अधिनियम लाने की प्रक्रिया शुरू करने की संभावना तलाशने का आश्वासन दिया गया था.

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