श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी अस्पतालों से एनेस्थीसिया की दवा (ब्यूपीवाकेन हाइड्रोक्लोराइड इन डेक्सट्रोज इंजेक्शन) का उपयोग न करने को कहा है, जिसे जम्मू-कश्मीर मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JKMSCL) द्वारा खरीदा गया है. इससे दवा के सेवन से घाटी में मरीजों में किडनी फेलियर, हार्ट स्ट्रोक और न्यूरोलॉजिकल बीमारियां हो रही हैं.
यह निर्देश सोपोर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद आया है. उन्होंने 19 तारीख को बारामुल्ला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को एनेस्थीसिया की दवा (इंजेक्शन ब्यूपीवाकेन) हाइड्रोक्लोराइड इन डेक्सट्रोज इंजेक्शन से उत्पन्न गंभीर जटिलताओं के बारे में सचेत किया था.
बीएमओ ने कहा, "स्पाइनल एनेस्थीसिया के लिए सामान्य खुराक का उपयोग करने से कई रोगियों में गंभीर हाइपोटेंशन और ब्रैडीकार्डिया विकसित होता है. कई रोगियों में ऑपरेशन के तुरंत बाद तीव्र किडनी फेलियर डेवलप होता है."
सांस लेने में तकलीफ
बीएमओ सोपोर ने अपने पत्र में कहा, "पिछले दो महीनों के दौरान यह कई रोगियों को ऑपरेशन के बाद सांस लेने में तकलीफ के साथ गंभीर सिरदर्द और घबराहट की समस्या हुई. हाल ही में स्पाइनल एनेस्थीसिया के तुरंत बाद न्यूरोलॉजिकल जटिलता का एक मामला सामने आया था, जिसके लिए रोगी को टेरिटायरी केयर अस्पताल में रेफर किया गया था." इस लेटर की एक कॉपी ईटीवी भारत के पास है.
इस संबंध में बारामुल्ला के सीएमओ ने अधिकारियों को सचेत किया, जिसके बाद कॉरपोरेशन ने दवा का उपयोग बंद कर दिया. सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले कई डॉक्टरों का दावा है कि निगम द्वारा आपूर्ति की जाने वाली दवाएं स्टैंडर्ड क्वालिटी की नहीं हैं और मरीजों में जटिलताएं पैदा करती हैं.
डॉक्टरों ने ईटीवी भारत को बताया, "बीएमओ सोपोर द्वारा चिह्नित एनेस्थेटिक दवा आइसबर्ग है. कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई कई दवाएं चिकित्सा गुणवत्ता मानकों तक नहीं हैं. हालांकि, सरकार दवा खरीद की जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है." उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण, डॉक्टरों को अस्पतालों में तब खामियाजा भुगतना पड़ता है जब मरीजों को जटिलताएं होती हैं.
दवाओं की सप्लाई बंद
JKMSCL के अधिकारियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्थित दवा कंपनी, जिसकी दवाओं की सप्लाई अब बंद कर दी गई है, जम्मू-कश्मीर सरकार को लंबे समय से दवाएं सप्लाई कर रही है. JKMSCL के डिप्टी जनरल मैनेजर डॉ काजी कमर ने ईटीवी भारत को बताया कि दवा का उपयोग बंद कर दिया गया है और इसे दोबारा जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने कहा कि कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई दवाओं को मरीजों पर इस्तेमाल करने से पहले देश भर की सूचीबद्ध प्रयोगशालाओं में कई बार जांचा जाता है.
उन्होंने कहा, "बीएमओ सोपोर द्वारा चिन्हित एनेस्थेटिक दवा मामले में दवा को दोबारा जांच के लिए भेजा गया है. अगर इसकी रिपोर्ट स्टैंडर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं आती है, तो दवा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा."
उन्होंने कहा कि कई बार मरीजों में जटिलताएं अन्य कारणों से होती हैं, जिनकी जांच सरकार द्वारा की जाती है. कॉरपोरेशन द्वारा खरीदी गई दवाओं को गवर्नमेंट ड्रग्स कमेटी अप्रूवल देती है. समिति में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक ,कश्मीर के निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, जम्मू, मिशन निदेशक एनआरएचएम, निदेशक परिवार कल्याण और एमसीएच एवं टीकाकरण, औषधि एवं खाद्य नियंत्रक, जम्मू कश्मीर के आईएसएम निदेशक, मुख्य चिकित्सक, विशेषज्ञ और सर्जन शामिल हैं.
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