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देश के 9वें अमीर शहर में आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन, जिंदा रहने के लिए जंगल पर निर्भर, एंबुलेंस की जगह घोड़ों का इस्तेमाल - Protest By Travelling On Horse

Protest By Travelling On Horse: मूलभूत सुविधाएं न मिलने से निराश आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ घोड़ों पर यात्रा करके विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने 13 मई को होने वाली वोटिंग का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है.

Protest By Travelling On Horse
आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 6, 2024, 12:12 PM IST

विशाखापट्ट्नम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के अनंतगिरि मंडल में आने वाले मादरेबू गांव के आदिवासियों ने रविवार को घोड़ों पर यात्रा करके विरोध प्रदर्शन किया. गांव के लोग जंगल के बीच सड़क बनाने की मांग कर रहे है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनके लिए सड़क नहीं बनवाती है तो वे 13 मई को मतदान का बहिष्कार करेंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों के लिए करोड़ों की धनराशि खर्च की गई है, लेकिन हकीकत में उनके लिए कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया. आदिवासी संघ के नेता गोविंद राजू ने कहा, 'हमारे लिए घोड़े कृषि उपज को बेचने के लिए स्थानीय बाजारों में ले जाने के लिए मालवाहक बस का काम करते हैं. इसके अलावा, हम मरीजों और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक ले जाने के लिए घोड़ो का इस्तेमाल एम्बुलेंस के रूप में करते है.'

बुनियादी समस्या से जूझ रहे गांव वाले
राजू ने आरोप लगाया कि कितनी ही सरकारें बदल गई, लेकिन आदिवासियों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा, 'वे जीवित रहने के लिए जंगल पर निर्भर हैं और कई बुनियादी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यहां इमरजेंसी की हालत में अस्पताल जाने के लिए कोई सड़क नहीं है.'

इलाज के लिए पार करनी पड़ती है नदी
आदिवासी नेता ने मेडिकल सुविधाओं के बारे में भी शिकायत की और कहा, 'आस-पास कोई मेडिकल फैसिलिटी नहीं है. अस्पताल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, झुकना पड़ता है या डोली ले जानी पड़ती है. ऐसे में कई गर्भवती महिलाओं ने जंगल में ही बच्चे को जन्म दिया है.' यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है, जब आंध्र प्रदेश में 13 मई को चुनाव होने वाला है.

देश के नौवां सबसे अमीर शहर विशाखापट्टनम
पूर्व सांसद बोत्सा झांसी लक्ष्मी विशाखापट्टनम से वाईएसआरसीपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने ने दावा किया था कि विजाग (विशाखापतट्टनम) भौगोलिक स्थिति और मजबूत कनेक्टिविटी के साथ एक अच्छी तरह से विकसित शहर है, जिसने दुनियाभर के निवेशक का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में यह 43.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है. यह देश के नौवां सबसे अमीर शहर है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि आंध्र सरकार की अम्मा वोडी, आसरा, चेयुता, पेंशन कनुका, रायथु भरोसा और वाहना मित्र जैसी पहल वंचितों के उत्थान में मदद कर रही हैं.

13 मई को होगी वोटिंग
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं और यहां 13 मई को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 151 सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था, जबकि टीडीपी 23 सीटों पर सिमट गई. वहीं, लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीतीं, जबकि टीडीपी केवल तीन सीटें जीत सकी थी.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक: डिप्टी सीएम शिवकुमार ने पार्टी कार्यकर्ता को मारा थप्पड़, बीजेपी ने किया कटाक्ष

विशाखापट्ट्नम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के अनंतगिरि मंडल में आने वाले मादरेबू गांव के आदिवासियों ने रविवार को घोड़ों पर यात्रा करके विरोध प्रदर्शन किया. गांव के लोग जंगल के बीच सड़क बनाने की मांग कर रहे है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनके लिए सड़क नहीं बनवाती है तो वे 13 मई को मतदान का बहिष्कार करेंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों के लिए करोड़ों की धनराशि खर्च की गई है, लेकिन हकीकत में उनके लिए कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया. आदिवासी संघ के नेता गोविंद राजू ने कहा, 'हमारे लिए घोड़े कृषि उपज को बेचने के लिए स्थानीय बाजारों में ले जाने के लिए मालवाहक बस का काम करते हैं. इसके अलावा, हम मरीजों और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक ले जाने के लिए घोड़ो का इस्तेमाल एम्बुलेंस के रूप में करते है.'

बुनियादी समस्या से जूझ रहे गांव वाले
राजू ने आरोप लगाया कि कितनी ही सरकारें बदल गई, लेकिन आदिवासियों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा, 'वे जीवित रहने के लिए जंगल पर निर्भर हैं और कई बुनियादी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यहां इमरजेंसी की हालत में अस्पताल जाने के लिए कोई सड़क नहीं है.'

इलाज के लिए पार करनी पड़ती है नदी
आदिवासी नेता ने मेडिकल सुविधाओं के बारे में भी शिकायत की और कहा, 'आस-पास कोई मेडिकल फैसिलिटी नहीं है. अस्पताल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, झुकना पड़ता है या डोली ले जानी पड़ती है. ऐसे में कई गर्भवती महिलाओं ने जंगल में ही बच्चे को जन्म दिया है.' यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है, जब आंध्र प्रदेश में 13 मई को चुनाव होने वाला है.

देश के नौवां सबसे अमीर शहर विशाखापट्टनम
पूर्व सांसद बोत्सा झांसी लक्ष्मी विशाखापट्टनम से वाईएसआरसीपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने ने दावा किया था कि विजाग (विशाखापतट्टनम) भौगोलिक स्थिति और मजबूत कनेक्टिविटी के साथ एक अच्छी तरह से विकसित शहर है, जिसने दुनियाभर के निवेशक का ध्यान अपनी ओर खींचा है. यह शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में यह 43.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देता है. यह देश के नौवां सबसे अमीर शहर है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि आंध्र सरकार की अम्मा वोडी, आसरा, चेयुता, पेंशन कनुका, रायथु भरोसा और वाहना मित्र जैसी पहल वंचितों के उत्थान में मदद कर रही हैं.

13 मई को होगी वोटिंग
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं और यहां 13 मई को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 151 सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था, जबकि टीडीपी 23 सीटों पर सिमट गई. वहीं, लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीतीं, जबकि टीडीपी केवल तीन सीटें जीत सकी थी.

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