नई दिल्ली: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में 60 भारतीय कामगार मंगलवार को इजराइल के लिए रवाना हुए, जिसकी पुष्टि नई दिल्ली में इज़राइल दूतावास ने की है. गौरतलब है कि इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के बीच इस साल की शुरुआत में इजराइल ने फिलिस्तीनी श्रमिकों के स्थान पर देखभाल करने वालों, निर्माण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारतीय श्रमिकों की मांग की थी.
मंगलवार को 'एक्स' पर एक पोस्ट में भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, 'आज हमारे पास जी2जी समझौते के तहत इजराइल जाने वाले 60+ भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले बैच का विदाई कार्यक्रम था. यह@NSDCINDIA सहित कई लोगों के कड़ी मेहनत का नतीजा है. मुझे यकीन है कि कार्यकर्ता भारत और इजराइल के बीच महान पी2पी संबंधों के 'दूत' बनेंगे.'
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस साल 5 मार्च को एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे, जब हिजबुल्लाह आतंकवादियों द्वारा लेबनान से दागी गई एक एंटी-टैंक मिसाइल ने इजराइल के उत्तरी सीमावर्ती समुदाय मार्गालियट के पास एक बगीचे पर हमला किया था.
इसके बाद भारत ने एक एडवाइजरी जारी कर इजराइली सीमा क्षेत्रों में काम करने वाले अपने नागरिकों से मौजूदा स्थितियों के कारण देश के भीतर सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित होने का आग्रह किया.
इजराइल में भारतीय दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में कहा था, 'मौजूदा सुरक्षा स्थिति और स्थानीय सुरक्षा सलाह को देखते हुए, इज़राइल में सभी भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से उत्तर और दक्षिण में सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने वाले या आने वाले लोगों को इज़राइल के भीतर सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की सलाह दी जाती है.'
'दूतावास हमारे सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इजरायली अधिकारियों के संपर्क में है.' हालांकि, चल रहे संघर्ष के बीच भारतीय कामगार इज़राइल के लिए रवाना हो गए हैं, लेकिन दुर्घटना की आशंका का डर है जिसके परिणामस्वरूप भारत ने पहले एक सलाह जारी की थी. विदेश मंत्रालय ने आज इजराइल के लिए रवाना हुए 60 भारतीय कामगारों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.