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खराब मौसम के चलते रुकी अमरनाथ यात्रा, रुक-रुक हो रही बारिश - Amarnath Yatra 2024

Amarnath Yatra 2024: भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को शनिवार को गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया. बालटाल और पहलगाम मार्गों पर रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश के कारण अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 11:33 AM IST

Updated : Jul 6, 2024, 12:25 PM IST

Amarnath Yatra temporarily suspended due to bad weather
खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित (ANI)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में भारी बारिश के कारण शनिवार को पवित्र गुफा तक जाने वाले अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. पवित्र गुफा और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश के कारण रास्ते फिसलन भरे हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए यात्रा रोक दी गई है. वहीं, जम्मू क्षेत्र के तीर्थयात्रियों के लिए रामबन के चंद्रकोट में अस्थायी आधार शिविर को सक्रिय कर दिया गया है.

मौसम में सुधार होने और ट्रैक की फिसलन सामान्य होने पर पवित्र तीर्थयात्रा फिर से शुरू होगी. भारी बारिश के कारण एहतियात के तौर पर यात्रा रोक दी गई है. बता दें, शुक्रवार रात से बालटाल और पहलगाम मार्गों पर रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है. अब तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालु 3,800 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में जा चुके हैं और प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं. यह पवित्र मंदिर समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

29 जून को शुरू हुई 52 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 15 अप्रैल को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की वेबसाइट और पोर्टल पर शुरू हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, इस वर्ष यात्रा के लिए 3.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. प्रशासन ने सुचारू तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा, क्षेत्र वर्चस्व, विस्तृत मार्ग तैनाती और चौकियों सहित व्यापक व्यवस्था की है.

125 सामुदायिक रसोई स्थापित
125 सामुदायिक रसोई स्थापित की गई हैं. गुफा मंदिर तक जाने वाले दो मार्गों पर तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए 6,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा संचालित 125 सामुदायिक रसोई (लंगर) स्थापित किए गए हैं. वार्षिक अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से शुरू होती है (एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है और दूसरा मार्ग गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग है). इस पवित्र तीर्थयात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं जो जुलाई-अगस्त (हिंदू कैलेंडर में श्रावण माह) में श्रावणी मेले के दौरान इस स्थल पर आते हैं.

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में भारी बारिश के कारण शनिवार को पवित्र गुफा तक जाने वाले अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. पवित्र गुफा और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश के कारण रास्ते फिसलन भरे हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए यात्रा रोक दी गई है. वहीं, जम्मू क्षेत्र के तीर्थयात्रियों के लिए रामबन के चंद्रकोट में अस्थायी आधार शिविर को सक्रिय कर दिया गया है.

मौसम में सुधार होने और ट्रैक की फिसलन सामान्य होने पर पवित्र तीर्थयात्रा फिर से शुरू होगी. भारी बारिश के कारण एहतियात के तौर पर यात्रा रोक दी गई है. बता दें, शुक्रवार रात से बालटाल और पहलगाम मार्गों पर रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है. अब तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालु 3,800 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में जा चुके हैं और प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं. यह पवित्र मंदिर समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

29 जून को शुरू हुई 52 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 15 अप्रैल को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की वेबसाइट और पोर्टल पर शुरू हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, इस वर्ष यात्रा के लिए 3.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. प्रशासन ने सुचारू तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा, क्षेत्र वर्चस्व, विस्तृत मार्ग तैनाती और चौकियों सहित व्यापक व्यवस्था की है.

125 सामुदायिक रसोई स्थापित
125 सामुदायिक रसोई स्थापित की गई हैं. गुफा मंदिर तक जाने वाले दो मार्गों पर तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए 6,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा संचालित 125 सामुदायिक रसोई (लंगर) स्थापित किए गए हैं. वार्षिक अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से शुरू होती है (एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है और दूसरा मार्ग गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग है). इस पवित्र तीर्थयात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं जो जुलाई-अगस्त (हिंदू कैलेंडर में श्रावण माह) में श्रावणी मेले के दौरान इस स्थल पर आते हैं.

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Last Updated : Jul 6, 2024, 12:25 PM IST
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