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बदरीनाथ यात्रा पर आ रहे हैं तो इन पौराणिक मंदिरों के भी करें दर्शन, ये है महिमा - Famous temples in Chamoli

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 25, 2024, 9:03 AM IST

Updated : May 25, 2024, 12:37 PM IST

Chamoli's Famous Temples, Badrinath Dham चारधाम यात्रा का आगाज होने के बाद काफी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन कई बार श्रद्धालुओं को चारधाम के साथ ही अन्य मंदिरों के बारे में पता नहीं होता, जो आसपास ही होते हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे ही मंदिरों से रूबरू कराने जा रहे हैं...

Famous temples of Chamoli
चमोली के प्रसिद्ध मंदिर (फोटो- सूचना विभाग)

चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद में कई धार्मिक और पर्यटक स्थल मौजूद हैं. बदरीनाथ की यात्रा के साथ तीर्थयात्री इन धार्मिक स्थलों में भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इन धार्मिक स्थलों पर आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ ही मानसिक सुकून मिलता है. जिले के कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में मां नंदा सिद्धपीठ कुरुड़, उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग, गोपीनाथ मंदिर, कल्पेश्वर महादेव मंदिर, नौटी नंदा देवी मंदिर, अनुसूया मंदिर, बैरासकुंड मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते हैं.

Maa Nanda Devi Temple
मां नंदा देवी मंदिर (Photo- Tourism Department)

मां नंदा सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर: मां नंदा को कुमाऊं गढ़वाल में कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है. वहीं कुरुड़ गांव में श्रद्धालु मां नंदा देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. जिसकी दूरी ऋषिकेश से 190 किमी है. नंदप्रयाग से नंदानगर मार्ग पर 25 किमी की दूरी पर कुरुड़ गांव में श्रद्धालु आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है.

Maa Anasuya Temple
मां अनुसूया मंदिर (Photo- Tourism Department)

संतानदायिनी माता अनुसूया मंदिर: चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायिनी माता अनुसूया के मंदिर पहुंचा जा सकता है. यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है. हर साल दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनुसूया मेले का आयोजन होता है. जिसमें लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि मंदिर में निसंतान दंपति द्वारा सच्चे मन से उपासना करने पर संतान प्राप्त होती है.

Chamoli Famous Temples
गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर (Photo- Tourism Department)

गोपीनाथ मंदिर: गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है. यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है. मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अलग पहचान रखता है. वहीं मंदिर में अतीत से ही एक विशाल त्रिशूल हैं. स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह यहां गड़ गया, त्रिशूल का धातु अभी भी सही स्थिति में है.

Kalpeshwar Mahadev Temple
कल्पेश्वर महादेव मंदिर (Photo- Tourism Department)

पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर: मध्य हिमालय क्षेत्र में जिले की नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण उर्गम घाटी में समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊंचाई पर पंच केदारों में पांचवां केदार मंदिर कल्पेश्वर है. जहां अन्य चार केदारों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं. वहीं कल्पेश्वर मंदिर के कपाट वर्ष भर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुले रहते हैं.

Rudranath Dham
रुद्रनाथ धाम (Photo- Tourism Department)

रुद्रनाथ धाम: रुद्रनाथ धाम पंच केदारों में से एक है. मंदिर में भगवान भोलेनाथ की दक्षिणमुखी एकानन मुख के दर्शन होते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को गोपेश्वर से 3 किमी की दूरी वाहन से तय कर सगर गांव पहुंचना होता है. सगर गांव से 19 किमी की पैदल दूरी पर सुंदर मखमली बुग्यालों के बीच रास्ता तय कर रुद्रनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है. रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई से श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं.

उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग: चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पंच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग नगर में भगवान शिव की अर्धांगिनी पार्वती का मंदिर उमा देवी के नाम से स्थापित है. यहां माता उमा की पौराणिक शिला मूर्ति व मंदिर दर्शनीय है.

प्रमुख पर्यटक स्थल: चमोली में कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं. जिले में निजमुला घाटी, उर्गम घाटी, नीती घाटी, चेनाप घाटी, देवताल, बेनीताल, रूपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, औली, वैली ऑफ फ्लावर सहित कई पर्यटक स्थल हैं, जिनमें तीर्थयात्री आसानी से पहुंच सकते हैं. इन पर्यटक स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.

अलकनंदा की लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच: सीमांत जनपद चमोली में पर्यटक अलकनंदा नदी की ठंडी लहरों में राफ्टिंग का लुत्फ भी उठा सकते हैं. यहां देवली बगड़ से कालदूबगड़ तक करीब 5 किलोमीटर दायरे में रिवर राफ्टिंग होती है.

पढ़ें-

चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जनपद में कई धार्मिक और पर्यटक स्थल मौजूद हैं. बदरीनाथ की यात्रा के साथ तीर्थयात्री इन धार्मिक स्थलों में भी आसानी से पहुंच सकते हैं. इन धार्मिक स्थलों पर आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ ही मानसिक सुकून मिलता है. जिले के कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में मां नंदा सिद्धपीठ कुरुड़, उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग, गोपीनाथ मंदिर, कल्पेश्वर महादेव मंदिर, नौटी नंदा देवी मंदिर, अनुसूया मंदिर, बैरासकुंड मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते हैं.

Maa Nanda Devi Temple
मां नंदा देवी मंदिर (Photo- Tourism Department)

मां नंदा सिद्धपीठ कुरुड़ मंदिर: मां नंदा को कुमाऊं गढ़वाल में कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है. वहीं कुरुड़ गांव में श्रद्धालु मां नंदा देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. जिसकी दूरी ऋषिकेश से 190 किमी है. नंदप्रयाग से नंदानगर मार्ग पर 25 किमी की दूरी पर कुरुड़ गांव में श्रद्धालु आसानी से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है.

Maa Anasuya Temple
मां अनुसूया मंदिर (Photo- Tourism Department)

संतानदायिनी माता अनुसूया मंदिर: चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायिनी माता अनुसूया के मंदिर पहुंचा जा सकता है. यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है. हर साल दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनुसूया मेले का आयोजन होता है. जिसमें लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि मंदिर में निसंतान दंपति द्वारा सच्चे मन से उपासना करने पर संतान प्राप्त होती है.

Chamoli Famous Temples
गोपीनाथ मंदिर, गोपेश्वर (Photo- Tourism Department)

गोपीनाथ मंदिर: गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है. यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है. मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अलग पहचान रखता है. वहीं मंदिर में अतीत से ही एक विशाल त्रिशूल हैं. स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह यहां गड़ गया, त्रिशूल का धातु अभी भी सही स्थिति में है.

Kalpeshwar Mahadev Temple
कल्पेश्वर महादेव मंदिर (Photo- Tourism Department)

पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर: मध्य हिमालय क्षेत्र में जिले की नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण उर्गम घाटी में समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊंचाई पर पंच केदारों में पांचवां केदार मंदिर कल्पेश्वर है. जहां अन्य चार केदारों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं. वहीं कल्पेश्वर मंदिर के कपाट वर्ष भर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुले रहते हैं.

Rudranath Dham
रुद्रनाथ धाम (Photo- Tourism Department)

रुद्रनाथ धाम: रुद्रनाथ धाम पंच केदारों में से एक है. मंदिर में भगवान भोलेनाथ की दक्षिणमुखी एकानन मुख के दर्शन होते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को गोपेश्वर से 3 किमी की दूरी वाहन से तय कर सगर गांव पहुंचना होता है. सगर गांव से 19 किमी की पैदल दूरी पर सुंदर मखमली बुग्यालों के बीच रास्ता तय कर रुद्रनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है. रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई से श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं.

उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग: चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पंच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग नगर में भगवान शिव की अर्धांगिनी पार्वती का मंदिर उमा देवी के नाम से स्थापित है. यहां माता उमा की पौराणिक शिला मूर्ति व मंदिर दर्शनीय है.

प्रमुख पर्यटक स्थल: चमोली में कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं. जिले में निजमुला घाटी, उर्गम घाटी, नीती घाटी, चेनाप घाटी, देवताल, बेनीताल, रूपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, औली, वैली ऑफ फ्लावर सहित कई पर्यटक स्थल हैं, जिनमें तीर्थयात्री आसानी से पहुंच सकते हैं. इन पर्यटक स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.

अलकनंदा की लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच: सीमांत जनपद चमोली में पर्यटक अलकनंदा नदी की ठंडी लहरों में राफ्टिंग का लुत्फ भी उठा सकते हैं. यहां देवली बगड़ से कालदूबगड़ तक करीब 5 किलोमीटर दायरे में रिवर राफ्टिंग होती है.

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Last Updated : May 25, 2024, 12:37 PM IST
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